सहारनपुर: सहारनपुर में बेसिक शिक्षा विभाग में फर्नीचर का सामान खरीद फरोख्त मामले धांधली मिलने के बाद बड़ी कार्यवाई की गई है. बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच रिपोर्ट आने के बाद तीन लोगों के खिलाफ लाखों रुपये के घोटाले के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है. जिला समन्वयक अधिकारी विजयंत और दो फर्म मालिकों के खिलाफ थाना सदर बाजार में FIR दर्ज कराई गई है. BSA की इस कार्यवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. बताया जा रहा है कि जिला समन्यक विजयंत के कहने पर न सिर्फ घटिया फर्नीचर विद्यालयों में भेजा गया बल्कि अध्यापकों से जबरन मोटी रकम वसूली गई थी. जिसके बाद बीजेपी नेता रामपाल पुंडीर ने फर्नीचर खरीद फरोख्त में धांधली की आशंका जताते हुए शिकायत की थी.
दरअसल एक सप्ताह पहले भाजपा के सहकारिता प्रकोष्ठ सह संयोजक रामपाल पुंडीर ने मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को शिकायत कर बताया था कि बेसिक शिक्षा विभाग में लकड़ी की बेंच खरीद-फरोख्त मामले में धांधली का आरोप लगाया था. उन्होंने बताया था कि जिले के 115 न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों पर एक फर्म ने घटिया किस्म का फर्नीचर भेज मोटी रकम वसूली थी. 10 हजार की बेंच का न सिर्फ 80 हजार रुपये का बिल बनाया बल्कि जिला समन्वयक के दबाव पर प्रधानाध्यपकों से जबरन पैसे भी वसूले गए थे. खास बात रही कि फर्नीचर सप्लाई के लिए न तो कोई टेंडर छोड़ा गया और न ही विज्ञपति जारी की गई. इतना ही नहीं जिन फर्मों के नाम पर बिल वसूले गए हैं, धरातल पर उनका कोई अता पता नहीं है.
जिला अधिकारी ने मामले का संज्ञान लेकर बीएसए को जांच के निर्देश दिए थे. बीएसए रमेन्द्र कुमार ने फर्नीचर खरीद मामले की भौतिक सत्यापन कराया तो 40 न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों पर भेजा गया फर्नीचर बहुत ही घटिया किस्म का मिला. जिसके बाद बीएसए रमेन्द्र कुमार ने थाना सदर बाजार में जिला समन्वयक विजयंत और फर्म मालिक समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. बीएसए रमेन्द्र कुमार ने बताया कि दिसम्बर 2019 में उन्होंने सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को जिले की समस्त न्याय पंचायत केंद्रों पर अच्छी क्वालिटी का फर्नीचर खरीदने के निर्देश दिए गए थे. शासनादेश पर फर्नीचर का क्रय विद्यालय प्रबंध समिति को करना था, लेकिन जब उन्होंने मौके पर पहुंच कर खरीदे गए फर्नीचर का भौतिक सत्यापन किया तो फर्नीचर मानक के अनुरूप नहीं था. पूरा फर्नीचर निर्धारित धनराशि से न सिर्फ काफी महंगा था बल्कि क्वालिटी में भी बहुत हल्का था.
पूछताछ में अध्यापकों ने बताया कि उक्त फर्नीचर को वाहन चालक नफीस लेकर आया था, जिसको जिला समन्वयक विजयंत के कहने पर तुषार शर्मा ने भेजा है. बीएसए ने बताया कि सरकारी पैसे का धोखाधड़ी कर गबन का मामला सामने आया है. जांच के बाद जिला समन्वयक विजयंत, फर्म मालिक तुषार शर्मा और चालक नफीस समेत तीन लोगों के खिलाफ सरकारी पैसे में धांधली के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया है. जिले भर में 115 न्याय पंचायत संसाधन केंद्र है जिनमें से करीब 40 केंद्रों पर 20 हजार का फर्नीचर 80 हजार रुपये में खरीदा गया है.