सहारनपुर: जिले के राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और आयुष मंत्री इन दिनों आमने-सामने आ गए हैं. आयुष मंत्री डॉ. धर्म सिंह सैनी के आरोप के बाद कॉलेज के प्रिंसिपल ने न सिर्फ इस्तीफा दे दिया है बल्कि मंत्री के आरोपों को जवाब देने की चेतावनी भी दी है. इस्तीफे के बाद प्रिंसिपल डॉ. अरविंद त्रिवेदी का कहना है कि आयुष मंत्री के आरोप उन पर ही नहीं, बल्कि समस्त मेडिकल डॉक्टरों का अपमान है.
रविवार को शेखुल उल मौलाना मोहम्मद हसन मेडिकल कॉलेज में पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में प्रभारी एवं कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, प्रदेश के आयुष मंत्री डॉ. धर्म सिंह सैनी समेत जिलाधिकारी और कई अधिकारी पहुंचे. आयुष मंत्री ने मंच को संबोधित करते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां आउट सोर्सिंग डॉक्टर मेडिकल कॉलेज को चला रहे हैं, जबकि सरकारी डॉक्टर काम से जी चुराते हैं.
आयुष मंत्री ने खुले मंच से मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं की पोल खोलते हुए कहा कि यहां गरीबों के इलाज के लिए सुविधा शुल्क लिया जाता है. डॉक्टर बिना पैसा लिए गंभीर मरीजों का ऑपरेशन तक नहीं करते हैं. करोड़ों रूपये की लागत से लाई गई मशीनों का इस्तेमाल केवल पैसे देने वाले मरीजों के लिए किया जाता है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में पांच आउट सोर्सिंग कर्मचारियों का कब्जा है. हर रोज कोई न कोई मरीज उनकी शिकायत करता रहता है. आउट सोर्सिंग से आए डॉक्टर अच्छा काम तो कर रहे हैं, लेकिन उसके लिए मरीजों से सुविधा शुल्क की मांग करते हैं और दूसरे कर्मचारियों का उत्पीड़न करते रहते हैं.
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आयुष मंत्री के आरोप और फटकार से आहत मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने शाम होते ही शासन को अपना इस्तीफा भेज दिया. इसके बाद से मेडिकल कॉलेज में हड़कंप का माहौल बना हुआ है. इस्तीफे के बाद प्रिंसिपल डॉ. अरविंद त्रिवेदी ने कहा कि कॉलेज में आउट सोर्सिंग डॉक्टर काम नहीं करते, जबकि सरकारी डॉक्टर अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाते हैं. अगर उन्हें काम करने को कहा जाता है, तो उल्टे-सीधे आरोप लगाकर आंदोलन की धमकी देते हैं. उन्होंने कहा कि मंत्री जी का आरोप केवल उनका ही नहीं समस्त डॉक्टरों का अपमान है.