सहारनपुर: शिवालिक पहाड़ियों एवं मैदानी इलाकों में 4 दिन से हो रही मूसलाधार बारिश से जनपद के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. भारी बारिश की वजह से कई गांव जलमग्न हो गए हैं. हथिनीकुंड बैराज से 2 लाख 56 हजार 926 क्यूसेक पानी भी छोड़ा गया है. जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश की राजधानी दिल्ली में भी बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है. पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने गांवों में पानी भर जाने पर ट्रेक्टर पर बैठकर स्थिति का जायजा लिया. साथ ही बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पुहंचाया.
बारिश का पानी घरों में घुस जाने से घरेलू सामान भी खराब हो गए हैं. मूसलाधार बारिश के पानी के कारण कई मकानों के धराशाई होने की स्थिति आ गई है. बेहट तहसील क्षेत्र के साढौली कदीम, हथौली, लोदीपुर, सलेमपुर गदा, अब्दुल्लापुर, गंदेवड़ पठानपुरा, रोहालका, नगलाझंडा संसारपुर, नानौली, मुर्तजापुर, नवादा, जसमौर, मीरगढ़, बाबैल बुजुर्ग, कलसिया आदि गांवों में कई-कई फीट पानी भर गया है. क्षेत्र के संपर्क मार्गों के टूट जाने से दर्जनों गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है.
बेहट तहसील क्षेत्र के गांव साढौली कदीम में 6 फीट पानी भर गया है. गांव के जलमग्न हो जाने से घरेलू सामान भी खराब हो गए हैं. गांव में पानी भरने की सूचना मिलते ही नायाब तहसीलदार संजय सिंह, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक योगेश शर्मा, निरीक्षक रविन्द्र कुमार, कानूनगो आदि गांव में पहुंचे ओर ट्रैक्टर पर बैठ कर बाढ़ का जायजा लिया ओर पानी में फंसे लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर भिजवाया. जहां लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था की गई है. वहीं, आरएसएस कार्यकर्ता भी बचाव कार्य में प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं.
उपजिलाधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि पुलिस व राजस्व विभाग के अधिकारी व कर्मचारी गांवों में भरे पानी के कारण फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल रहे हैं. उन्हें किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रशासन की ओर से खाने पीने की व्यवस्था की गई है.
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