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जहरीली शराब से एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत, महिला ने प्रशासन पर लगाए आरोप - सहारनपुर

जहरीली शराब पीने से दर्जनों गांवों में एक के बाद एक मौत हो रही है. अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं जिला प्रशासन इस बात पर अड़ा है कि मरने वाले लोग उत्तराखंड के बालुपुर गांव से शराब पीकर अपने घर आए थे.

जहरीली शराब से एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत
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Published : Feb 10, 2019, 2:22 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST

सहारनपुर : जहरीली शराब पीने से दर्जनों गांवों में एक के बाद एक मौत हो रही है. 48 घंटे में 78 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बावजूद जिला प्रशासन इस बात पर अड़ा है कि मरने वाले लोग उत्तराखंड के बालुपुर गांव से शराब पीकर अपने घर आए थे. वहीं लगातार बढ़ रहे मौत के आंकड़े से मृतकों के परिजन न सिर्फ जिला प्रशासन के दावे को सोची समझी बात बता रहे हैं, बल्कि आसपास के इलाकों में ही इस जहरीली शराब के बनने और बेचने का खुलासा कर रहे हैं.


मृतक पिंटू की पत्नी ने ईटीवी को बताया कि पुलिस की मिली भगत से शराब बेची जाती है. वहीं जिला प्रशासन के दावे से पर्दा उठाया है. पति, ससुर, देवर समेत परिवार के छह लोगों की मौत से बदहवास संगीता ने बताया कि उसके पति कैंसर पीड़ित थे, जिसके चलते मजबूरी में शराब बेचने का काम करते थे. गुरुवार शाम को गांव के लोग उनके यहां से खरीदकर शराब पी थी.

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जहरीली शराब से एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत
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जिले के तीन थाना इलाकों के दर्जनों गांवों में जहरीली शराब का ऐसा कहर बरपा है कि 78 लोगों की मौत हो गई है. वहीं जिला प्रशासन लगातार प्रेस वार्ता कर मौतों के आंकड़े कम बता कर लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है. वहीं 20 से ज्यादा लोगों की मौत अन्य बीमारी से होना बताकर पल्ला झाड़ रहा है. जिलाधिकारी अलोक कुमार पांडे लगातार यही बात दोहरा रहे हैं कि मरने वाले लोग उत्तराखंड के बालुपुर से जहरीली शराब पीकर आए थे.

सहारनपुर : जहरीली शराब पीने से दर्जनों गांवों में एक के बाद एक मौत हो रही है. 48 घंटे में 78 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बावजूद जिला प्रशासन इस बात पर अड़ा है कि मरने वाले लोग उत्तराखंड के बालुपुर गांव से शराब पीकर अपने घर आए थे. वहीं लगातार बढ़ रहे मौत के आंकड़े से मृतकों के परिजन न सिर्फ जिला प्रशासन के दावे को सोची समझी बात बता रहे हैं, बल्कि आसपास के इलाकों में ही इस जहरीली शराब के बनने और बेचने का खुलासा कर रहे हैं.


मृतक पिंटू की पत्नी ने ईटीवी को बताया कि पुलिस की मिली भगत से शराब बेची जाती है. वहीं जिला प्रशासन के दावे से पर्दा उठाया है. पति, ससुर, देवर समेत परिवार के छह लोगों की मौत से बदहवास संगीता ने बताया कि उसके पति कैंसर पीड़ित थे, जिसके चलते मजबूरी में शराब बेचने का काम करते थे. गुरुवार शाम को गांव के लोग उनके यहां से खरीदकर शराब पी थी.

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जिले के तीन थाना इलाकों के दर्जनों गांवों में जहरीली शराब का ऐसा कहर बरपा है कि 78 लोगों की मौत हो गई है. वहीं जिला प्रशासन लगातार प्रेस वार्ता कर मौतों के आंकड़े कम बता कर लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है. वहीं 20 से ज्यादा लोगों की मौत अन्य बीमारी से होना बताकर पल्ला झाड़ रहा है. जिलाधिकारी अलोक कुमार पांडे लगातार यही बात दोहरा रहे हैं कि मरने वाले लोग उत्तराखंड के बालुपुर से जहरीली शराब पीकर आए थे.

Intro:सहारनपुर : युपी के सहारनपुर में इन दिनों मातम का माहौल बना हुआ हैं। जहरीली शराब पीने से दर्जनों गांवों में एक के बाद एक मौत हो रही है। चारो ओर एम्बुलेंस और अधिकारियों की गाड़ियों के सायरन गूंज रहे है। 48 घन्टो में 78 लोग मौत के मुँह में जा चुके है। बावजूद इसके जिला प्रशासन इसी बात पर अड़ा है कि मरने वाले लोग उत्तराखण्ड के बालुपुर गांव में शराब पीकर अपने घर आये थे। लेकिन लगातार बढ़ रहे मौत के आंकड़े और मृतकों के परिजन न सिर्फ जिला प्रशासन के दावे को सोची समझी स्क्रिप्ट बता रहे है बल्कि आसपास के इलाकों में ही इस जहरीली शराब के बनने और बेचने का खुलासा कर रहे है। ईटीवी की टीम ने शराब प्रभावित गांवों में जाकर तफ्तीश की तो मृतकों के परिजनों ने चोकाने वाला खुलासा किया है। ईटीवी की टीम ने जहरीली शराब पीकर मार चुके पिंटू की पत्नी से बात की तो उन्होंने जहां पुलिस की मिली भगत से शराब बेचने की बात स्वीकार की है वही जिला प्रशासन के दावे से पर्दा उठाया है। पति, ससुर , देवर समेत परिवार के 6 लोगो की मौत से बदहवास संगीता ने बताया कि उसके पति कैंसर पीड़ित थे जिसके चलते मजबूरी में शराब बेचने का काम करते थे। बृहस्पतिवार की शाम को गांव के लोगो उनके यहां से खरीदकर शराब पी थी।


Body:VO - आपको बता दें कि जनपद सहारनपुर के तीन थाना इलाको के दर्जनों गांवों में जहरीली शराब का ऐसा कहर बरपा कि एक के बाद एक लाशें बिछ गई। महज 48 घन्टे में 78 लोगो की मौत हो गई। जिनमे से करीब 60 शवो का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार किया जा चुका है। जिला प्रशासन लगातार प्रेस वार्ता कर जहां मौतों के आंकड़े कम बता कर लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है वहीं 20 से ज्यादा लोगो की मौत अन्य बीमारी से होना बताकर पल्ला झाड़ रहा है। खास बात ये है जिलाधिकारी अलोक कुमार पांडे लगातार यही बात दोहरा रहे है कि मरने वाले लोग उत्तराखंड के बालुपुर में जहरीली शराब को पीकर आये थे। लेकिन जब ईटीवी की टीम ने मृतकों के गांवों जाकर परिजनों से बात की तो चोकाने वाले खुलासे सामने आए। सबसे पहले हम शराब माफिया पिंटू के घर पहुंचे जहां उसकी पत्नी और मासूम बच्चे 6 लोगो के मरने के शोक में डूबे थे। जैसे तैसे अपने को संभालते हुए पिंटू की पत्नी संगीता ने ईटीवी से बातचीत में बताया कि उसके पति कैंसर से पीड़ित थे जिसके चलते उसके कई ऑपरेशन हो चुके थे। ऑपरेशन होने पर उसके मल द्वार बाजू के नीचे बगल में बनाया था। यही वजह थी कि वे न तो कही जा सकते थे और ना ही कोई काम कर सकते थे। पिछले तीन साल से पिंटू कच्ची शराब बेच रहा था। शराब मेकर उसके घर पर शराब छोड़ कर जाते थे और पिंटू उसे गांव और आने वाले ग्राहकों को पव्वे आधे के हिसाब से बेच देता था। ग्राहक उसके घर आकर शराब पीकर जाते थे। गांव से कुछ दूरी पर सरदारो का डेरा है जहां से यह शराब इनके पास आती थी। बृहस्पतिवार की शाम भी रोजाना की तरह ग्राहकों और पिंटू ने भी शराब यही पर पी थी। इतना ही नही उसके ससुर, चाचा ससुर , देवर समेत परिवार के 6 लोगो ने शराब पी थी। लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिस शराब को वे दिन भर की थकान मिटाने के लिए पी रहे है वह उन्हें हमेशा के लिए सुला देगी। इनके घर से जितने लोगो ने शराब पी थी पिंटू समेत सबकी हालात बिगड़ने लगी। आनन फानन में सबको अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन होनी को शायद कुछ और मंजूर था। देखते ही देखते इलाज क्व दौरान लोगो ने दम तोड़ने शुरू कर दिया। जिस वक्त संगीता ईटीवी से बात कर रही थी उसी समय उसके परिवार की छटा शव घर पहुंचा तो फिर से कोहराम मच गया।

बाइट - संगीता ( पिंटू की पत्नी )

VO 2 - शुक्रवार की सुबह से शुरू हुआ जहरीली शराब का कहर इस कदर बढ़ने लगा कि दोपहर तक 15 लोगो की मौत हो गई। जिससे जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। जब तक जिला प्रशासन कुछ समझ पाता मौत का यह आंकड़ा बढ़ता चला गया। चारो ओर अफरा तफरी का माहौल बन गया। अधिकारियों और एंबुलेंस के सायरन गूँजने लगे। एक के बाद एक करके शराब पीने वाले 200 से ज्यादा लोग असपतालो में कराए गए। लेकिन शराब इतनी जहरीली थी कि डॉक्टर भी कुछ नही कर सके ओर देखते ही देखते 78 लोगो की मौत जो गई। जहरीली शराब से गांव के गांव शमशान बन गए। कई घर उजड़ गए, तो कई माओं की गोद सुनी हो गई, कितनी ही बहन-बेटियों के सुहाग उजड़ गए। बावजूद इसके जिला प्रशासन अपनी लापरवाही पर पर्दा डालने में लगा हुआ है। आप भी सुनिए जहरीली शराब की कहानी मृतकों के परिजनो की जुबानी ।

बाइट - सुमन ( मृतक की परिजन )
बाइट - राजकुमार ( दूसरे मृतक का बेटा )






Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST
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