ETV Bharat / state

मंत्री के रिश्तेदार को मेडिकल कॉलेज में समय से नहीं मिला इलाज, तड़प-तड़प कर हुई मौत

पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह के मौसा को इलाज के लिए अस्पताल में बेड न मिलने से तड़प-तड़प कर मौत हो गई. इस दौरान चिकित्सकों ने मंत्री के रिश्तेदार से गाली-गलौज करते हुए अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से बाहर भी कर दिया.

1
1
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 1:16 PM IST

सहारनपुर: एक ओर जहां सीएम योगी आदित्यनाथ बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे कर रहे हैं, वहीं अस्पतालों में तैनात डॉक्टर और स्टॉफ न सिर्फ सीएम के दावों की हवा निकालने में लगे हैं. बल्कि मरीजों के साथ अभद्रता भी कर रहे हैं. अस्पताल में सीनियर सिटीजन तक को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. सहारनपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां यूपी सरकार में पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह के रिश्तेदार को इलाज तो दूर स्ट्रेचर और बैड भी नहीं मिला. जिससे बुजुर्ग की मेडिकल कॉलेज में ही तड़प-तड़प कर मौत हो गई. इसके बाद अस्पताल के स्टॉफ ने मंत्री के रिश्तेदार को धक्का देकर बाहर निकाल दिया. मंत्री के फोन के बाद भी शव रखने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है.

मंत्री के मौसा को अस्पताल में नहीं मिला बेड
पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री बृजेश सिंह के बड़गांव थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव में निवासी मौसा घनश्याम सिंह (82) की तबीयत मंगलवार को बिगड़ गई. परिजन उनको लेकर पहले देवबंद के अस्पताल पहुंचे. लेकिन वहां बेड नहीं मिलने की वजह से उन्हें सहारनपुर के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंच गए. हैरत की बात ये रही कि उन्हें वहां भी बेड देने से इंकार कर दिया गया. इसके बाद परिजन मंत्री के मौसा को लेकर राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर पहुंच गए. अस्पताल में पहुंचने से पहले मंत्री से फोन भी करा दिया गया. इसके बावजूद वहां भी परिजनों को निराशा मिली. आरोप है कि मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में स्ट्रेचर मांगने पर स्टॉफ ने मना कर दिया. इसके बाद उनके बेटे कुलदीप ने उन्हें गोद में लेकर वहीं पड़ी बेंच पर अपने पिता को लिटा दिया. मेडिकल कॉलेज के चितित्सक मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए तैयार ही नहीं हुए. जहां अस्पताल में वह डेढ़ घंटे तक बिना इलाज के बेंच पर ही लेटे रहे. इस दौरान मेडिकल कॉलेज के स्टॉफ ने उनके साथ अभद्रता करते हुए उन्हें इमरजेंसी से बाहर कर दिया.

समय से इलाज न होने से हुई मौत
कुलदीप ने मीडिया से बात करते हुए बताया किउन्होंने मौसेरे भाई मंत्री बृजेश सिंह को फोन किया था. उन्होंने मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य को फोन कर अपने मौसा को भर्ती करने को कहा. इसके बावजूद भी घंटो तक किसी ने उनकी कोई सुध नहीं ली. पिता को तड़पता देख उन्होंने दोबार मंत्री को फोन कर आपबीती बताई. इसके बाद उन्होंने मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता अनेजा को दोबारा फोनकर जमकर क्लास लगाई. साथ ही मौसा को तुरंत भर्ती करने को कहा. उन्होंने बताया कि इलाज में देरी होने की वजह उनकी हालत और गंभीर हो गई. जिससे अस्पताल में ही तड़प-तड़प कर उनकी मौत हो गई.

चिकित्सकों ने गाली-गलौज कर भगाया
कुलदीप ने आरोप लगाया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर में इलाज के लिए किसी प्रकार की सुविधा नहीं है. यहां जब मंत्री के रिश्तेदार को ही कोई तवज्जों नहीं दी गई तो आमजन का क्या होता होगा ? उन्होंने बताया कि डॉक्टरों से स्ट्रेचर और एबुलेंस मांगने पर मना कर दिया गया. इसके साथ ही अभद्रता करते हुए उन्हें बाहर कर दिया गया. इसके बाद उनका छोटा भाई करण सिंह ने डॉ. सुशील के पास जाकर एबुलेंस के लिए कहा, उन्होंने भी गाली गलौच करते हुए अभद्रता करनी शुरू कर दी. मेडिकल कॉलेज के स्टॉप के इस तरह के रवैये से तंग आकर वह अपने पिता का शव लेकर दिए. ऐसे में यहां सवाल यह उठना लाज़मी है कि नौकरशाहों की मनमानी से जहां योगी सरकार के दावों को पलीता लगाया जा रहा है. वहीं, जिस मेडिकल कॉलेज में मंत्री के फोन के बाद भी उनके रिश्तेदार को इलाज नहीं मिला. वहां आमजन को कैसा इलाज मिल रहा है.

यह भी पढ़ें- गांव में एंबुलेंस न पहुंच पाने पर ठेले पर मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचा युवक


यह भी पढ़ें- डेंगू की रैपिड जांच रिपोर्ट पॉजिटिव तो घबराएं नहीं, क्योंकि एलाइजा जांच में 93 प्रतिशत सैंपल हो रहे फेल

सहारनपुर: एक ओर जहां सीएम योगी आदित्यनाथ बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे कर रहे हैं, वहीं अस्पतालों में तैनात डॉक्टर और स्टॉफ न सिर्फ सीएम के दावों की हवा निकालने में लगे हैं. बल्कि मरीजों के साथ अभद्रता भी कर रहे हैं. अस्पताल में सीनियर सिटीजन तक को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. सहारनपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां यूपी सरकार में पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह के रिश्तेदार को इलाज तो दूर स्ट्रेचर और बैड भी नहीं मिला. जिससे बुजुर्ग की मेडिकल कॉलेज में ही तड़प-तड़प कर मौत हो गई. इसके बाद अस्पताल के स्टॉफ ने मंत्री के रिश्तेदार को धक्का देकर बाहर निकाल दिया. मंत्री के फोन के बाद भी शव रखने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है.

मंत्री के मौसा को अस्पताल में नहीं मिला बेड
पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री बृजेश सिंह के बड़गांव थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव में निवासी मौसा घनश्याम सिंह (82) की तबीयत मंगलवार को बिगड़ गई. परिजन उनको लेकर पहले देवबंद के अस्पताल पहुंचे. लेकिन वहां बेड नहीं मिलने की वजह से उन्हें सहारनपुर के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंच गए. हैरत की बात ये रही कि उन्हें वहां भी बेड देने से इंकार कर दिया गया. इसके बाद परिजन मंत्री के मौसा को लेकर राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर पहुंच गए. अस्पताल में पहुंचने से पहले मंत्री से फोन भी करा दिया गया. इसके बावजूद वहां भी परिजनों को निराशा मिली. आरोप है कि मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में स्ट्रेचर मांगने पर स्टॉफ ने मना कर दिया. इसके बाद उनके बेटे कुलदीप ने उन्हें गोद में लेकर वहीं पड़ी बेंच पर अपने पिता को लिटा दिया. मेडिकल कॉलेज के चितित्सक मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए तैयार ही नहीं हुए. जहां अस्पताल में वह डेढ़ घंटे तक बिना इलाज के बेंच पर ही लेटे रहे. इस दौरान मेडिकल कॉलेज के स्टॉफ ने उनके साथ अभद्रता करते हुए उन्हें इमरजेंसी से बाहर कर दिया.

समय से इलाज न होने से हुई मौत
कुलदीप ने मीडिया से बात करते हुए बताया किउन्होंने मौसेरे भाई मंत्री बृजेश सिंह को फोन किया था. उन्होंने मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य को फोन कर अपने मौसा को भर्ती करने को कहा. इसके बावजूद भी घंटो तक किसी ने उनकी कोई सुध नहीं ली. पिता को तड़पता देख उन्होंने दोबार मंत्री को फोन कर आपबीती बताई. इसके बाद उन्होंने मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता अनेजा को दोबारा फोनकर जमकर क्लास लगाई. साथ ही मौसा को तुरंत भर्ती करने को कहा. उन्होंने बताया कि इलाज में देरी होने की वजह उनकी हालत और गंभीर हो गई. जिससे अस्पताल में ही तड़प-तड़प कर उनकी मौत हो गई.

चिकित्सकों ने गाली-गलौज कर भगाया
कुलदीप ने आरोप लगाया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर में इलाज के लिए किसी प्रकार की सुविधा नहीं है. यहां जब मंत्री के रिश्तेदार को ही कोई तवज्जों नहीं दी गई तो आमजन का क्या होता होगा ? उन्होंने बताया कि डॉक्टरों से स्ट्रेचर और एबुलेंस मांगने पर मना कर दिया गया. इसके साथ ही अभद्रता करते हुए उन्हें बाहर कर दिया गया. इसके बाद उनका छोटा भाई करण सिंह ने डॉ. सुशील के पास जाकर एबुलेंस के लिए कहा, उन्होंने भी गाली गलौच करते हुए अभद्रता करनी शुरू कर दी. मेडिकल कॉलेज के स्टॉप के इस तरह के रवैये से तंग आकर वह अपने पिता का शव लेकर दिए. ऐसे में यहां सवाल यह उठना लाज़मी है कि नौकरशाहों की मनमानी से जहां योगी सरकार के दावों को पलीता लगाया जा रहा है. वहीं, जिस मेडिकल कॉलेज में मंत्री के फोन के बाद भी उनके रिश्तेदार को इलाज नहीं मिला. वहां आमजन को कैसा इलाज मिल रहा है.

यह भी पढ़ें- गांव में एंबुलेंस न पहुंच पाने पर ठेले पर मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचा युवक


यह भी पढ़ें- डेंगू की रैपिड जांच रिपोर्ट पॉजिटिव तो घबराएं नहीं, क्योंकि एलाइजा जांच में 93 प्रतिशत सैंपल हो रहे फेल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.