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सहारनपुर में डेंगू ने दी दस्तक, जानिए कैसे करें बचाव

सहारनपुर में डेंगू और चिकनगुनिया ने दस्तक दे दी है, जिसके बाद से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. मुख्य चिकित्साधिकारी बीएस सोढ़ी ने ईटीवी भारत से बातचीत में जहां डेंगू से बचाव के उपाय बताए हैं वहीं जिला अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए स्पेशल वार्ड बनाने की बात कही है.

मुख्य चिकित्साधिकारी बीएस सोढ़ी.
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Published : Sep 19, 2019, 8:18 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: बरसात के बाद डेंगू और चिकनगुनिया ने भी दस्तक दे दी है. जिले में डेंगू के मरीज आने लगे हैं, जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. विभाग ने न सिर्फ एंटी लार्वा का छिड़काव शुरू कर दिया है, बल्कि जिला अस्पताल समेत जनपद के सभी पीएचसी और सीएचसी समेत प्राइवेट अस्पतालों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.

जानकारी देते सीएमओ.

कैसे फैलता है डेंगू

बता दें कि बरसात के बाद मच्छरों की तादाद बढ़ जाती है. मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया समेत कई तरह की बीमारियां फैलने लगती हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग 'संचारी रोग नियत्रंण अभियान' चलाकर गंभीर बीमारियों से रोकथाम करने के दावे कर रहा है, लेकिन सितंबर महीने में डेंगू और चिकनगुनिया का कहर बढ़ता जा रहा है. गांव में ही नहीं नगरीय क्षेत्रों में भी डेंगू का प्रकोप देखा जा रहा है. खास बात ये है कि डेंगू से डरे सहमे मरीज सरकारी अस्पताल की बजाय प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहे हैं.

एंटी लार्वा का किया जा रहा छिड़काव

सीएमओ डॉ. बीएस सोढ़ी ने बताया कि जिला अस्पताल में अभी तक एक भी डेंगू का मरीज नहीं आया है, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. स्वास्थ्य विभाग गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए ब्लॉक स्तर पर गांव-गांव जाकर एंटी लार्वा का छिड़काव करवा रहा है. साथ ही मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया रोगों के प्रति जनता को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने लोगों को मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करने की सलाह दी है.

ये भी पढ़ें: सहारनपुर: ढाई हजार वोटों से हारे थे नोमान मसूद, क्या इस बार कांग्रेस को जीता पाएंगे गंगोह विधानसभा

डेंगू होने का यह है कारण

उन्होंने बताया कि आजकल जनपद में बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिसमें डेंगू, मलेरिया समेत सीजनल बुखार का कहर देखा जा रहा है. मच्छरों के काटने से डेंगू ओर मलेरिया दो तरह का बुखार हो रहा है. इसके अलावा बरसात के बाद वायरल फीवर का प्रकोप भी मरीजों में मिल रहा है. डेंगू और मलेरिया होने से प्लेटलेट्स कम हो जाती है. इससे डेंगू हैमरेजिक का खतरा हो जाता है. इससे मरीजों को ब्लीडिंग भी होने लगती है, जिसके कारण मरीजों की आंतों में इंफेक्शन होने का बड़ा खतरा बना रहता है.

ये भी पढ़ें: सहारनपुर: योगी सरकार के ढाई साल पूरे होने पर कृषि मंत्री ने गिनाई उपलब्धियां

सरकारी अस्पतालों में ही कराएं टेस्ट

सीएमओ के मुताबिक मरीज प्राइवेट पौथोलॉजी लैब से टेस्ट कराकर आ रहे हैं, जहां टेस्ट कार्ड द्वारा डेंगू की रिपोर्ट बताते है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में एलाइज़ा से टेस्ट हुई रिपोर्ट ही मान्य होती है. एलाइज़ा से खून टेस्ट कराने की सुविधा जिला अस्पताल में दी गई है. बावजूद इसके ज्यादातर मरीज बाहर प्राइवेट अस्पतालों में ही टेस्ट कराकर इलाज करा रहे हैं. इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज में भी डेंगू की दवाइयां और सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है.

सहारनपुर: बरसात के बाद डेंगू और चिकनगुनिया ने भी दस्तक दे दी है. जिले में डेंगू के मरीज आने लगे हैं, जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. विभाग ने न सिर्फ एंटी लार्वा का छिड़काव शुरू कर दिया है, बल्कि जिला अस्पताल समेत जनपद के सभी पीएचसी और सीएचसी समेत प्राइवेट अस्पतालों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.

जानकारी देते सीएमओ.

कैसे फैलता है डेंगू

बता दें कि बरसात के बाद मच्छरों की तादाद बढ़ जाती है. मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया समेत कई तरह की बीमारियां फैलने लगती हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग 'संचारी रोग नियत्रंण अभियान' चलाकर गंभीर बीमारियों से रोकथाम करने के दावे कर रहा है, लेकिन सितंबर महीने में डेंगू और चिकनगुनिया का कहर बढ़ता जा रहा है. गांव में ही नहीं नगरीय क्षेत्रों में भी डेंगू का प्रकोप देखा जा रहा है. खास बात ये है कि डेंगू से डरे सहमे मरीज सरकारी अस्पताल की बजाय प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहे हैं.

एंटी लार्वा का किया जा रहा छिड़काव

सीएमओ डॉ. बीएस सोढ़ी ने बताया कि जिला अस्पताल में अभी तक एक भी डेंगू का मरीज नहीं आया है, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. स्वास्थ्य विभाग गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए ब्लॉक स्तर पर गांव-गांव जाकर एंटी लार्वा का छिड़काव करवा रहा है. साथ ही मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया रोगों के प्रति जनता को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने लोगों को मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करने की सलाह दी है.

ये भी पढ़ें: सहारनपुर: ढाई हजार वोटों से हारे थे नोमान मसूद, क्या इस बार कांग्रेस को जीता पाएंगे गंगोह विधानसभा

डेंगू होने का यह है कारण

उन्होंने बताया कि आजकल जनपद में बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिसमें डेंगू, मलेरिया समेत सीजनल बुखार का कहर देखा जा रहा है. मच्छरों के काटने से डेंगू ओर मलेरिया दो तरह का बुखार हो रहा है. इसके अलावा बरसात के बाद वायरल फीवर का प्रकोप भी मरीजों में मिल रहा है. डेंगू और मलेरिया होने से प्लेटलेट्स कम हो जाती है. इससे डेंगू हैमरेजिक का खतरा हो जाता है. इससे मरीजों को ब्लीडिंग भी होने लगती है, जिसके कारण मरीजों की आंतों में इंफेक्शन होने का बड़ा खतरा बना रहता है.

ये भी पढ़ें: सहारनपुर: योगी सरकार के ढाई साल पूरे होने पर कृषि मंत्री ने गिनाई उपलब्धियां

सरकारी अस्पतालों में ही कराएं टेस्ट

सीएमओ के मुताबिक मरीज प्राइवेट पौथोलॉजी लैब से टेस्ट कराकर आ रहे हैं, जहां टेस्ट कार्ड द्वारा डेंगू की रिपोर्ट बताते है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में एलाइज़ा से टेस्ट हुई रिपोर्ट ही मान्य होती है. एलाइज़ा से खून टेस्ट कराने की सुविधा जिला अस्पताल में दी गई है. बावजूद इसके ज्यादातर मरीज बाहर प्राइवेट अस्पतालों में ही टेस्ट कराकर इलाज करा रहे हैं. इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज में भी डेंगू की दवाइयां और सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है.

Intro:सहारनपुर : बरसात के बाद सीजनल बुख़ार के साथ डेंगू और चिकिनगुनिया ने भी दस्तक दे दी है। सहारनपुर में डेंगू बुखार के मरीज आने लगे है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। स्वाथ्य विभाग ने न सिर्फ एंटी लार्वा का छिड़काव शुरू कर दिया है बल्कि जिला अस्पताल समेत जनपद के सभी पीएचसी सीएचसी समेत प्राइवेट अस्पतालों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए है। मुख्य चिकित्साधिकारी बीएस सोढ़ी ने ईटीवी से बातचीत में जहां ड़ेंगू बचाव के उपाय बताए है वहीं जिला अस्पताल में डेंगू मरीजो के लिए स्पेशल वार्ड बनाने की बात कही है। साथ ही मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।


Body:VO 1 - आपको बता दें कि बरसात के बाद मच्छरों की तादात बढ़ जाती है और मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरिया, चिकिनगुनिया समेत कई तरह की बीमारियां फैलने लगी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग " संचारी रोग नियत्रंण अभियान" चलाकर गंभीर बीमारियों से रोकथाम करने के दावे कर रहा है। लेकिन सितंबर महीने में डेंगू और चिकिनगुनिया का कहर बढ़ता जा रहा है। ग़ांव देहात में ही नही नगरीय क्षेत्रों में डेंगू का प्रकोप देखा जा रहा है। खास बात ये है कि डेंगू से डरे सहमे मरीज सरकारी अस्पताल की बजाए प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहे है। सहारनपुर जिले में भी डेंगू बुखार ने दस्तक दे दी है। जिसके बाद स्वाथ्य विभाग में हड़कंप की स्तिथि बनी हुई है। सीएमओ डॉ बीएस सोढ़ी ने बताया कि जिला अस्पताल में अभी तक एक भी डेंगू का मरीज नही आया है। लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में मरीजो की संख्या बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने गंभीर बीमारियों से निपटने के लिए ब्लॉक स्तर पर ग़ांव ग़ांव जाकर एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। मलेरिया, डेंगू, चिकिनगुनिया रोगों के प्रति जनता को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आजकल जनपद सहारनपुर में बुखार के मरीजो की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। जिसमे डेंगू, मलेरिया, समेत सीजनल बुखार का कहर देखा जा रहा है। मच्छरों के काटने से डेंगू ओर मलेरिया दो तरह का बुखार हो रहा है। इसके अलावा बरसात के बाद वायरल फीवर का प्रकोप भी मरीजो में मिल रहा है। डेंगू , मलेरिया होने से प्लेटलेट्स कम हो जाती है। इससे डेंगू हैमरेजिक का खतरा हो जाता है। इससे मरीजो को ब्लीडिंग भी होने लगती है। जिसके कारण मरीजो की आंतो में इंफेक्शन होने से बड़ा खतरा बना रहता है। सीएमओ के मुताबिक मरीज प्राइवेट पौलिथोलॉजी लैब से टेस्ट कराकर आ रहे है जहां टेस्ट कार्ड द्वारा डेंगू की रिपोर्ट बताते है। लेकिन सरकारी अस्पतालों में एलाइज़ा से टेस्ट हुई रिपार्ट ही मान्य होती है। एलाइज़ा से खून टेस्ट कराने की सुविधा जिला अस्पताल में दी गई है बावजूद इसके ज्यादातर मरीज बाहर प्राइवेट अस्पतालों में ही टेस्ट करहकर इलाज करा रहे है। इतना ही नही मेडिकल कॉलेज में भी डेंगू की दवाइयां और सुविधाये उपलब्ध कराई गई है।


बाईट - डॉ बीएस सोढ़ी ( सीएमओ )


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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