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सहारनपुर: जानिए आम में बौर आने पर कैसे करें देखभाल - mango latest news

आम के पेड़ों में बौर लगने के बाद उन्हें कीट लगने से किस तरह बचाया जाए इसे लेकर ईटीवी भारत ने उद्यान विभाग के सहायक निदेशक से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कई जरूरी दिशा-निर्देश दिये.

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आम की बौर.
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Published : Mar 14, 2020, 5:25 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: जिला आम के लिए विदेशों में अपनी अलग पहचान रखता है. जिले में 35 फीसदी से ज्यादा की खेती आम की होती है. आम के पेड़ों में बौर आने से पहले उनकी देखभाल और कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव बहुत जरूरी हो जाता है. इसी सिलसिले में ईटीवी भारत ने सहारनपुर के उद्यान विभाग के सहायक निदेशक डॉ. बी.पी राम से बातचीत की है.

डॉ. बी.पी राम ने किसानों को दी जरूरी जानकारी-

किसानों को जरूरी जानकारी देते उद्यान विभाग के सहायक निदेशक.
  • आम के पेड़ों में बौर जब 75 फीसदी 4 से 6 इंच का हो जाए तो उसमें पॉलिक छिड़काव कर दें.
  • बौर में बोंगा, खर्रा रोग से बचने के लिए किट नाशक के रूप में क्योनॉल पास्ट, डाइमिट्रेट, घुलनशील गंधक 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से पहला छिड़काव करें.
  • पेस्टिसाइड्स के छिड़काव करने से करीब 20 दिन तक किट नहीं लग सकेगा.
  • तेज हवाओं में बौर झड़ने की स्थिति में उपरोक्त पेस्टिसाइड्स का प्रयोग का करें.
  • बौर और फूल खिल जाने के बाद किसानों को किसी भी दवा का छिड़काव नहीं करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें-CAA हिंसा के आरोपी दीपक कबीर ने पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल

सहारनपुर में 35 फीसदी भूमि पर आम समेत विभिन्न फलों की बागवानी फसल की जाती है. यहां 150 से ज्यादा प्रजातियों के आम की पैदावार की जाती है. जो देश के अन्य राज्यो सहित विदेशों में भी एक्पोर्ट किये जाते हैं.

सहारनपुर: जिला आम के लिए विदेशों में अपनी अलग पहचान रखता है. जिले में 35 फीसदी से ज्यादा की खेती आम की होती है. आम के पेड़ों में बौर आने से पहले उनकी देखभाल और कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव बहुत जरूरी हो जाता है. इसी सिलसिले में ईटीवी भारत ने सहारनपुर के उद्यान विभाग के सहायक निदेशक डॉ. बी.पी राम से बातचीत की है.

डॉ. बी.पी राम ने किसानों को दी जरूरी जानकारी-

किसानों को जरूरी जानकारी देते उद्यान विभाग के सहायक निदेशक.
  • आम के पेड़ों में बौर जब 75 फीसदी 4 से 6 इंच का हो जाए तो उसमें पॉलिक छिड़काव कर दें.
  • बौर में बोंगा, खर्रा रोग से बचने के लिए किट नाशक के रूप में क्योनॉल पास्ट, डाइमिट्रेट, घुलनशील गंधक 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से पहला छिड़काव करें.
  • पेस्टिसाइड्स के छिड़काव करने से करीब 20 दिन तक किट नहीं लग सकेगा.
  • तेज हवाओं में बौर झड़ने की स्थिति में उपरोक्त पेस्टिसाइड्स का प्रयोग का करें.
  • बौर और फूल खिल जाने के बाद किसानों को किसी भी दवा का छिड़काव नहीं करना चाहिए.

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सहारनपुर में 35 फीसदी भूमि पर आम समेत विभिन्न फलों की बागवानी फसल की जाती है. यहां 150 से ज्यादा प्रजातियों के आम की पैदावार की जाती है. जो देश के अन्य राज्यो सहित विदेशों में भी एक्पोर्ट किये जाते हैं.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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