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अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि से जन-जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

गुरुवार की सुबह बरसात के साथ हुई ओलावृष्टि से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. अचानक तेज हवाओं ने शीतलहर का रूप ले लिया, जिसके चलते लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए.

तापमान में आई गिरावट
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Published : Feb 7, 2019, 9:01 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST

सहारनपुर : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम का बदलता मिजाज किसानों की परेशानी का कारण बन गया है. गुरूवार की सुबह हुई बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया. इस ओलावृष्टि के कारण किसानों की सरसों, चारे और गेहुं की फसल बर्बाद हो गई.

ओलावृष्टि से फसलें तबाह
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम के बदलते रुख की वजह से तापमान में गिरावट बनी हुई है जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. वहीं गुरुवार की सुबह बरसात के साथ हुई ओलावृष्टि से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. अचानक तेज हवाओं ने शीत लहर का रूप ले लिया है, जिसके चलते लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए.

वहीं मौसम के बदलते मिजाज का सबसे ज्यादा खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा. बरसात के साथ हुई ओलावृष्टि से किसानों के खेतों मे ओले की सफेद चादर बिछ गई. इसके चलते किसानों की गेहूं और सरसों की खड़ी फसल खेतों में बिछ गई है. सरसों और चारे की फसल गिरने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ओलावृष्टि से करीब 50 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई है. अब मजबूर और बेबस किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

सहारनपुर : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम का बदलता मिजाज किसानों की परेशानी का कारण बन गया है. गुरूवार की सुबह हुई बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया. इस ओलावृष्टि के कारण किसानों की सरसों, चारे और गेहुं की फसल बर्बाद हो गई.

ओलावृष्टि से फसलें तबाह
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम के बदलते रुख की वजह से तापमान में गिरावट बनी हुई है जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. वहीं गुरुवार की सुबह बरसात के साथ हुई ओलावृष्टि से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. अचानक तेज हवाओं ने शीत लहर का रूप ले लिया है, जिसके चलते लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए.

वहीं मौसम के बदलते मिजाज का सबसे ज्यादा खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा. बरसात के साथ हुई ओलावृष्टि से किसानों के खेतों मे ओले की सफेद चादर बिछ गई. इसके चलते किसानों की गेहूं और सरसों की खड़ी फसल खेतों में बिछ गई है. सरसों और चारे की फसल गिरने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ओलावृष्टि से करीब 50 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई है. अब मजबूर और बेबस किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

Intro:सहारनपुर : एक ओर जहा पश्चमी उत्तर प्रदेश मे बेमौसम हुई बरसात से तापमान मे गिरावट आ गई है वही बरसात के साथ हुई ओलावृष्टि से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। अचानक तेज हवाओ ने शीत लहर का रूप ले लिया है। ओलावृष्टि से किसानो के खेतो मे ओले की सफेद चादर बिछ गई। जिसके चलते किसानो की गेहू और सरसो की खड़ी फसल खेतो में बिछ गई। सुबह से रुक रुक कर हो रही बेमौसम तेज हवा से किसानो की मेहनत पर पानी फिर गया। सरसो और चारे की फसल गिरने से भारी नुकसान हो गया। ओलावृष्टि से खड़ी फसल करीब 50 फीसदी से ज्यादा बर्बाद हो गई। जिसके चलते किसान सरकार से मुवावजे की मांग कर रहे है।





Body:VO1 - आपको बता दें कि पश्चमी उत्तर प्रदेश में बृहस्पतिवार की सुबह अचानक तेज हवाओ और बारिश ने जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया। तेज हवा के चलते जहां लोग अपने घरो मे दुबकने को मजबूर हो गए वही ओला वृष्टि से तापमान मे भारी गिरावट आई है। सहारनपुर जिले के कई इलाकों में हुई ओलावृष्टि ने किसानों की नींद उड़ा दी है। खेतो और घरो की छतों पर ओलों की सफेद चादर बिछ गई। ओलावृष्टि ने किसानो की मेहनत पर पानी फेर दिया। बेमौसम बारिश से गेहू ,  सरसो और आलू समेत सब्जियों की अन्य फसलों को भी नुकसान हो गया। किसानो के मुताबिक़ फरवरी का महीने में गेहू और सरसो की फसल अपने शबाब पर होती है। इन दिनो बारिश तो इन फसलों के लिये फायदेमद होती लेकिन ओलावृष्टि से ज्यादा फसल को नुकसान हो गया। अचानक आई बारिश और ओलावृष्टि के बाद तेज हवा से खड़ी फसल गिरने का खतरा बना हुआ है। जिससे किसानो की चिंता बढ़ गई। मजबूर और बेबश किसान अब सरकार से ही मुवावजे की मांग कर रहे हैं।किसानों का कहना है की इस ओलों की बरसात से उनके गेहूं की फसल पर खासा असर पड़ेगा, अब उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि अगर यह बरसात और बढ़ी तो उनकी गेहूं की फसल बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएगी। 

बाइट - किसान  


Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST
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