सहारनपुर: शिवालिक पहाड़ियों और मैदानी इलाकों में हुई भारी बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. निकासी न होने के कारण दो गांवों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. सड़कों ने नदी का रूप धारण कर लिया, जिससे कई वाहन भी फंस गए. उधर, यमुना नदी के जलस्तर में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई.
जनपद सहारनपुर की बेहट तहसील की सीमाएं हरियाणा, उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश से मिली हुई है. यहां दर्जनों बरसाती नदियों का जाल बिछा हुआ है. शिवालिक पहाड़ों में बारिश होने से क्षेत्रीय लोगों के माथे की शिकन भी बढ़ जाती है, क्योंकि बरसाती नदियों में पानी आने से कई गांवों का सम्पर्क तहसील मुख्यालय से कट जाता है.
गुरुवार की रात शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं व इलाके में तेज बारिश के बाद नदियों में पानी आ गया. बेहट इलाके के गांव साढौली कदीम व हथौली में पानी की निकासी न होने के कारण गलियों और घरों में पानी भर गया. इतना ही नहीं, गंदेवड़-चिलकाना मार्ग तो नदी के रूप में तब्दील हो गया है.
मार्ग पर कई फीट पानी भर गया, जिससे वाहनों का आवागमन भी थम गया. कई वाहन चालकों ने पानी के बीच निकलने का प्रयास किया तो उनके वाहन फंस गए. उधर, यमुना नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. हथिनीकुंड बैराज से 40 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया.
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यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से जहां तटवर्ती गांवों के लोगों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं, वहीं देश की राजधानी दिल्ली के निचले इलाकों में भी यह पानी अपना रौद्र रूप दिखाएगा.