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जहरीली शराब कांड: सहारनपुर के सीएमएस की ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में मौत के आंकड़ों पर बड़ा खुलासा

सीएमएस के मुताबिक जहरीली शराब से पीड़ित कुल 216 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था. ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में शराब पीड़ितों के 62 शवों का पोस्टमार्टम किया गया है.

सहारनपुर सीएमएस
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Published : Feb 19, 2019, 12:06 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST

सहारनपुर : कुशीनगर और रुड़की के बाद सहारनपुर में भी जहरीली शराब के तांडव से कईयों के घर उजड़ गए थे. 8 फरवरी से शुरू हुए मौत के कहर ने पांच दिनों में कईयों को निगल लिया. जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एसके वार्ष्णेय ने ईटीवी पर जहां मौत के आंकड़ों से पर्दा उठाया है बल्कि शराब कांड की पूरी कहानी बयान की है. सीएमएस के मुताबिक जहरीली शराब से पीड़ित कुल 216 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था. ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में शराब पीड़ितों के 62 शवों का पोस्टमार्टम किया गया है.

ईटीवी भारत से बात करते सीएमएस डॉ एसके वार्ष्णेय

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आपको बता दें कि 8 फरवरी की सुबह को जिला अस्पताल में शराब पीकर बीमार हुए लोगो को भर्ती किया गया तो जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया। आनन फानन में मंडलायुक्त से लेकर तमाम अधिकारी अस्पताल पहुंच गए. अधिकारी शराब पीड़ितों का हालचाल पूछ ही रहे थे कि शराब से बीमारों की संख्या बढ़ती चली गई. देखते ही देखते पहले दिन दर्जनों लोग मौत के मुंह में समा गए जबकि 18 लोग अस्पताल लाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिए थे.

पांच दिन तक चले इस मैराथन इलाज में क्या-क्या घटनाक्रम हुआ सभी के बारे में विस्तार से बात करते हुए सीएमएस डॉ एसके वार्ष्णेय ने ईटीवी भारत से की बात..

सहारनपुर : कुशीनगर और रुड़की के बाद सहारनपुर में भी जहरीली शराब के तांडव से कईयों के घर उजड़ गए थे. 8 फरवरी से शुरू हुए मौत के कहर ने पांच दिनों में कईयों को निगल लिया. जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एसके वार्ष्णेय ने ईटीवी पर जहां मौत के आंकड़ों से पर्दा उठाया है बल्कि शराब कांड की पूरी कहानी बयान की है. सीएमएस के मुताबिक जहरीली शराब से पीड़ित कुल 216 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था. ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में शराब पीड़ितों के 62 शवों का पोस्टमार्टम किया गया है.

ईटीवी भारत से बात करते सीएमएस डॉ एसके वार्ष्णेय

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आपको बता दें कि 8 फरवरी की सुबह को जिला अस्पताल में शराब पीकर बीमार हुए लोगो को भर्ती किया गया तो जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया। आनन फानन में मंडलायुक्त से लेकर तमाम अधिकारी अस्पताल पहुंच गए. अधिकारी शराब पीड़ितों का हालचाल पूछ ही रहे थे कि शराब से बीमारों की संख्या बढ़ती चली गई. देखते ही देखते पहले दिन दर्जनों लोग मौत के मुंह में समा गए जबकि 18 लोग अस्पताल लाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिए थे.

पांच दिन तक चले इस मैराथन इलाज में क्या-क्या घटनाक्रम हुआ सभी के बारे में विस्तार से बात करते हुए सीएमएस डॉ एसके वार्ष्णेय ने ईटीवी भारत से की बात..

Intro:सहारनपुर : कुशीनगर और रुड़की के बाद सहारनपुर में भी जहरीली शराब ने ऐसा तांडव मचाया कि सेकड़ो लोग न सर्फ मौत के आघोष में शमा गए बल्कि 200 से ज्यादा गंभीर बीमार हो गए। 8 फरवरी से शुरू हुए मौत के कहर ने पांच दिनों में 100 से ज्यादा लोगो को निगल लिया। बावजूद इसके पुलिस एवं जिला प्रशासन केवल आंकड़ो का खेल कर मौत के आंकड़े को छिपाता रहा है। जिला प्रशासन के मुताबिक शराब के सेवन से कुल 36 लोगो की मौत हुई है जबकि जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एसके वार्ष्णेय ने ईटीवी पर जहां मौत के आंकड़ो से पर्दा उठाया है बल्कि शराब कांड की पूरी कहानी बयान की है। सीएमएस के मुताबिक जहरीली शराब से पीडिटी कुल 216 लोगो को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। जिनमे से 28 को मेरठ मेडिकल ओर 29 लोगो को शेखुल हिन्द मेडिकल कॉलेज सहारनपुर और अन्य मरीजो को विभिन्न असपतालो में रेफर किया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। ईटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में शराब पीड़ितों के 62 शवों का पोस्ट मार्टम किया गया है।


Body:VO1- आपको बता दें कि 8 फरवरी की सुबह को जिला अस्पताल में शराब पीकर बीमार हुए लोगो को भर्ती किया गया तो जिला प्रशासन में हसकम्प मच गया। आनन फानन में मंडलायुक्त से लेकर तमाम अधिकारी अस्पताल पहुंच गए। अधिकारी शराब पीड़ितों का हालचाल पूछ ही रहे थे कि शराब से बीमारों की संख्या बढ़ती चली गई। देखते ही देखते पहले दिन दर्जनों लोग मौत के मुहं में शमा गए जबकि 18 लोग ब्रॉड डेड लाये गए। पांच दिनों तक चले शराब के कहर से विभिन्न गांवों के सेकड़ो लोगो को मौत की नींद सुला दिया। लेकिन पुलिस और जिला प्रशासन पहले ही दिन से मौत के आंकड़े को छिपाता रहा है। अंत मे जिला प्रशासन क्व आंकड़े की सुई कुल 36 मौतों पर अटक गई। लेकिन ईटीवी की पड़ताल लगातार जारी रही। ईटीवी की पड़ताल में 92 लोगो की मौत होना पाया गया। मामले की तहकीकात करते हुए जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एसके वार्ष्णेय से मौतों के आकंड़े पर बात की तो उन्होंने ईटीवी पर चोकाने वाले खुलासे किए है। ईटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में डॉ वार्ष्णेय ने न सिर्फ मौत का आंकड़ा बताया बल्कि किस तरह बीमार लोगो को भर्ती किया गया, अस्पताल में इमेरजेंसी लागू कर दी गई। अस्पताल स्टाफ को अलर्ट कर दिया गया। जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने 102 लोगो को बचा लायक़ लेकिन 62 लोगो को नही बचा सके। 6 दिनों में कुल 216 लोग सहारनपुर के जिला अस्पताल में भर्ती किये गए थे। इतना ही नही गंभीर बीमारों को मेरठ मेडिकल समेत विभिन्न हायर सेंटरो के लिए रेफर लिया गया। जहां उन लोगो ने भी इलाज के दौरान मौत हो गई। सीएमएस ने बताया कि 8 फरवरी को जिला अस्पताल में 400 मरीज भर्ती किये थे। लेकिन 128 शराब पीड़ित जबकि 18 ब्राड डेड आये। जबकि 19 लोगो को इलाज के दौरान मौत हुई है। 40 मरीजो को मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए, ओर 29 को सहारनपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किये। जिनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। आलम यह था कि पोस्टमार्टम करते हुए स्वीपर भी चकरा कर गिर गया जिसके चलते मुजफ्फरनगर से स्वीपर बुलाया गया। आप भी सुनिए शराब कांड से मौत के आंकड़े को पूरी कहानी सीएमएस डॉ वार्ष्णेय की जुबानी।



Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
9121293042
9759945153
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:20 PM IST
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