सहारनपुर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश वासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की लगातार दावे कर रही है, लेकिन हकीकत सच्चाई से कोसों दूर है. सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं का टोटा पड़ा है. ऐसा ही हाल कुछ सहारनपुर के जिला अस्पताल का है. करीब 25 लाख की आबादी की जिम्मेदारी का बोझ झेल रहे अस्पताल महज 30 डॉक्टरों पर है. इमरजेंसी वार्ड 13 की बजाए चार डॉक्टर संभाले हुए हैं. आलम यह है कि 320 बेड के अस्पताल में बरसात के बाद आई बीमारियों से एक बेड पर 2-2 मरीजों को लिटाना पड़ रहा है. ओपीडी के बाहर हजारों मरीजों की लंबी लाइने लगी हुई हैं.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके वार्ष्णेय ने बताया कि अस्पताल में 62 डॉक्टरों की जगह केवल 30 डॉक्टर काम कर रहे हैं, जिसकी वजह से डॉक्टरों को दिन रात मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है. अगर इमरजेंसी वार्ड की बात करें तो यहां 13 डॉक्टरों की जगह कुल 4 डॉक्टर मरीजों को देख रहे हैं.
एक बेड पर दो मरीज
मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते 2-2 मरीजों को एक बिस्तर पर लिटाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस समय स्टाफ की कमी और मरीजों की संख्या से जिला अस्पतालों में इलाज करना बड़ी चुनौती बनती जा रही है.