सहारनपुर: असम की सरकार ने जनसंख्या विस्फोट को देखते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की पहल कर दी है. सरकार ने दो से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरी नहीं देने का फैसला लिया है. वहीं AIDUF के प्रमुख एवं सांसद बदरुद्दीन अजमल ने विवादित बयान देकर न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है, बल्कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने की बात भी कही है.
बदरुद्दीन के बयान का समर्थन
देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने बदरुद्दीन के बयान का समर्थन किया है. मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि यदि किसी परिवार में पहले दो बेटियां पैदा हो जाती हैं तो ऐसे में उस परिवार को अपने वारिश की चाहत होती है और बाद में उसको एक बेटा पैदा हो जाता है. बेटियां तो शादी होने के बाद अपने ससुराल चली जाएंगी. उसका वारिस तो बेटा ही रहेगा तो उससे सरकार को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
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असद कासमी का कहना है कि मौलाना बदरुद्दीन अजमल का कहना बिल्कुल सही है. जब बच्चा पैदा होते हैं तो उनके पैदा होने से पहले उनका रीजक (अन्न) लिख दिया जाता है. मौलाना बदरुद्दीन के इस बयान पर हम मौलाना के साथ में हैं और तमाम मुस्लिम तंजीमे उनके साथ में खड़ी हुई हैं.