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सांसद बदरुद्दीन ने जनसंख्या नियंत्रण कानून पर दिया विवादित बयान, देवबंदी उलेमाओं ने किया समर्थन

सहारनपुर के देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने सांसद बदरुद्दीन के बयान का समर्थन किया है. उनका कहना है कि बदरुद्दीन के इस बयान पर हम मौलाना के साथ हैं और तमाम मुस्लिम तंजीमे उनके साथ में खड़ी हुई हैं.

देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी.
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Published : Oct 29, 2019, 8:38 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST

सहारनपुर: असम की सरकार ने जनसंख्या विस्फोट को देखते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की पहल कर दी है. सरकार ने दो से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरी नहीं देने का फैसला लिया है. वहीं AIDUF के प्रमुख एवं सांसद बदरुद्दीन अजमल ने विवादित बयान देकर न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है, बल्कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने की बात भी कही है.

देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी.

बदरुद्दीन के बयान का समर्थन
देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने बदरुद्दीन के बयान का समर्थन किया है. मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि यदि किसी परिवार में पहले दो बेटियां पैदा हो जाती हैं तो ऐसे में उस परिवार को अपने वारिश की चाहत होती है और बाद में उसको एक बेटा पैदा हो जाता है. बेटियां तो शादी होने के बाद अपने ससुराल चली जाएंगी. उसका वारिस तो बेटा ही रहेगा तो उससे सरकार को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें:- 'दो से अधिक बच्चे पैदा करने पर रोक लगायी तो देश को न कोई सीएम मिलेगा और न ही पीएम'

असद कासमी का कहना है कि मौलाना बदरुद्दीन अजमल का कहना बिल्कुल सही है. जब बच्चा पैदा होते हैं तो उनके पैदा होने से पहले उनका रीजक (अन्न) लिख दिया जाता है. मौलाना बदरुद्दीन के इस बयान पर हम मौलाना के साथ में हैं और तमाम मुस्लिम तंजीमे उनके साथ में खड़ी हुई हैं.

सहारनपुर: असम की सरकार ने जनसंख्या विस्फोट को देखते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की पहल कर दी है. सरकार ने दो से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरी नहीं देने का फैसला लिया है. वहीं AIDUF के प्रमुख एवं सांसद बदरुद्दीन अजमल ने विवादित बयान देकर न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है, बल्कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने की बात भी कही है.

देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी.

बदरुद्दीन के बयान का समर्थन
देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने बदरुद्दीन के बयान का समर्थन किया है. मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि यदि किसी परिवार में पहले दो बेटियां पैदा हो जाती हैं तो ऐसे में उस परिवार को अपने वारिश की चाहत होती है और बाद में उसको एक बेटा पैदा हो जाता है. बेटियां तो शादी होने के बाद अपने ससुराल चली जाएंगी. उसका वारिस तो बेटा ही रहेगा तो उससे सरकार को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें:- 'दो से अधिक बच्चे पैदा करने पर रोक लगायी तो देश को न कोई सीएम मिलेगा और न ही पीएम'

असद कासमी का कहना है कि मौलाना बदरुद्दीन अजमल का कहना बिल्कुल सही है. जब बच्चा पैदा होते हैं तो उनके पैदा होने से पहले उनका रीजक (अन्न) लिख दिया जाता है. मौलाना बदरुद्दीन के इस बयान पर हम मौलाना के साथ में हैं और तमाम मुस्लिम तंजीमे उनके साथ में खड़ी हुई हैं.

Intro:सहारनपुर : एक ओर जहां देश जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर जुबानी बहस छिड़ चुकी है वही आसाम के सांसद बदरुद्दीन अजमल ने न सिर्फ सरकार के फैसले की मुखालफत की बल्कि विवादित बयान देकर देश सबको चोंका दिया है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करें। वहीं देवबंदी उलेमाओ ने भी उनके इस बयान का समर्थन किया है। उलेमा ने कहा कि सभी मुसलमानों को सरकार के इस फैसले का विरोध करना चाहिए। उलेमा के मुताबिक अगर किसी को दो लड़की पैदा हुई तो उसको वारिस के लिए एक बेटे की जरूरत होती है। लड़के की चाहत में 3 बच्चे हो जाए तो इसमें कुछ गलत नही होगा।Body:VO 1 - आपको बता दें कि आसाम की सरकार ने जनसंख्या विस्फोट को देखते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की पहल कर दी है। सरकार 2 से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नोकरी नही देने का फैसला लिया है वहीं AIDUF के प्रमुख एवं सांसद बदरुद्दीन अजमल ने विवादित बयान देकर न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है बल्कि सरकार के ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने की बात कही है। देवबंदी उलेमा मुफ्ती असद कासमी उपाध्यक्ष इत्तेहाद उलेमा ए हिन्द ने बदरुद्दीन के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि वे बदरुद्दीन के बयान का खुलेतौर पर समर्थन करते है। मुफ़्ती असद कासमी ने कहा कि यदि किसी परिवार में पहले दो बेटियां पैदा हो जाती है तो ऐसे में उस परिवार को अपने वारिश की चाहत होती है और बाद में उसको एक बेटा पैदा हो जाता है। क्योंकि बेटियां तो शादी होने के बाद आप अपने ससुराल चली जाएंगी। उसका वारिस तो बेटा ही रहेगा तो उससे सरकार को कोई आपत्ति नही होनी चाहिए। और मौलाना बदरुद्दीन अजमल का कहना बिल्कुल सही एवं दुरुस्त है क्योंकि जब बच्चा पैदा होते हैं तो उनके पैदा होने से पहले उनका रीजक( अन्न ) लिख दिया जाता है। मौलाना बदरुद्दीन के इस बयान पर हम मौलाना के साथ में है और तमाम मुस्लिम तंजीमे उनके साथ में खड़ी हुई है।

बाइट - मुफ्ती असद कासमी ( उपाध्यक्ष इत्तेहाद उलेमा ए हिन्द )Conclusion:रोशन लाल सैनी
सहारनपुर
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Last Updated : Sep 17, 2020, 4:21 PM IST
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