बरेली: कोरोना काल के दौरान सबसे बड़ी मार मजदूर वर्ग पर पड़ी है. मजदूरों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है. इसी के तहत केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने मजदूरों का डेटा इकट्ठा कर उन्हें सीधे रोजगार से जोड़ने पर बल दिया है. मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ के साथ वार्ता में मजदूरों की समस्याओं पर बात हुई. संघ ने अपनी समस्याओं को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश भर में 40 करोड़ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का डेटा इकठ्ठा किया जाएगा. देश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है. इससे मजदूरों को रोजगार देने में आसानी रहेगी. वहीं बरेली जिले में फैक्ट्रियां बंद होने के सवाल पर असहमति जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि फैक्ट्रियां बंद नहीं हुईं, बल्कि और अधिक उद्योग लग गए हैं. जून महीने से काम बढ़ रहा है. साथ ही कई नई फैक्ट्रीज भी लगाई जा रही है. उन्होंने मजदूरों से हमदर्दी जाहिर की.
संतोष गंगवार ने सुनी मजदूरों की मांग
संतोष गंगवार ने कहा की भारतीय मजदूर संगठन एक ऐसा संगठन है, जो अपनी बात भी रखता है और देश की चिंता भी करता है. भारतीय मजदूर संघ के लोगों से हुई बात पर कहा कि मजदूरों ने कोरोना काल में उनकी स्थिति सामने रखी और सरकार से उनके लिये योजनाएं बनाने की मांग की है.
असंगठित मजदूरों का डेटा किया जा रहा तैयार
साथ ही उन्होंने बताया कि अधिकांश प्रवासी मजदूरों के बारे में सोचा गया है और सरकार की जवाबदेही भी इन मजदूरों की ओर है. सरकार न सिर्फ संगठित 10 करोड़ मजदूरों की बात कर रही है, बल्कि 40 करोड़ असंगठित मजदूरों के लिए भी सरकार योजनाएं बनाने की तैयारी में है. इन 40 करोड़ मजदूरों का डेटा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. देश में आजादी के बाद से अब तक असंगठित मजदूरों का कोई डेटा नहीं है. सरकार प्रयास कर रही है की सभी असंगठित मजदूरों का पूरा डेटा तैयार करें.
गरीब कल्याण योजना के तहत लोगों को मिलेगा काम
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि गरीब कल्याण रोजगार योजना के तहत लोगों को व्यवस्थित तरीके से काम दिया जाएगा. मजदूर अब वापस कई क्षेत्रों में काम करने जा रहे है. पंजाब सरकार ने मजदूरों को वापस बुलाना शुरू भी कर दिया है. ऐसे में लोग अब वापस जा भी रहे और कामकाज एक बार फिर शुरू हो रहा है.