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क्या ब्रेस्टफीडिंग करा सकती हैं कोरोना संक्रमित महिलाएं

सहारनपुर जिले में महिला विशेषज्ञ का कहना है कि ब्रेस्टफीडिंग कराने से शिशुओं में संक्रमण फैलना का खतरा नहीं है. गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से अपने आस-पास सफाई का ध्यान रखना चाहिए और शिशु का ख्याल रखना चाहिए.

क्या BREASTFEEDING करा सकती हैं कोरोना संक्रमित महिलाएं
क्या BREASTFEEDING करा सकती हैं कोरोना संक्रमित महिलाएं
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Published : Aug 16, 2020, 10:40 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST

सहारनपुर: आए दिन कोरोना की चपेट में हजारों लोग आ रहे हैं. वहीं गर्भवती महिलाओं में बच्चों को लेकर बड़ा सवाल है. क्या ये जानलेवा वायरस मां से बच्चे के शरीर में भी फैल सकता है? क्या कोरोना से संक्रमित मां अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं? जैसे सवाल अहम हैं. इन सवालों पर क्या कहती हैं महिला विशेषज्ञ. देखिए ये रिपोर्ट...

गर्भवती महिला व गर्भ में पल रहे शिशु को कोरोना संक्रमण से कैसे बचाया जाए, इसके लिए महिला विशेषज्ञ डॉ. नैना मिगलानी से ईटीवी भारत से खास बातचीत की. डॉ. नैना ने बताया कि कोरोना के इस काल में गर्भवती महिलाओं व हाल ही में डिलीवरी हुई महिलाओं को अधिक ध्यान देने की जरूरत है. गर्भवती महिलाओं में प्रेग्नेंसी के समय हार्मोन्स चेंज होने की वजह से इम्युनिटी कम हो जाती है. इम्युनिटी कम होने पर संक्रमण का खतरा बना होता है, लेकिन इससे डरने की नहीं जरूरत नहीं है. बल्कि पौष्टिक आहार का सेवन कर इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाना चाहिए.

इस कोरोना काल में गर्भ के समय महिलाओं को बार-बार डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को भीड़-भाड़ इलाकों में जाने से बचना चाहिए. यदि उनके पास बीपी इन्स्ट्रूमेंट हैं तो घर पर ही अपना ब्लड प्रेशर चेक करते रहना चाहिए. साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे के मूवमेंट को खुद ही महसूस करें. यदि कोई दिक्कत आ रही है तो डॉक्टर से फोन पर बात करके सलाह लें. प्रेग्नेंसी के दौरान अगर किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो रही तो पूरी प्रेग्नेंसी में केवल 2-3 बार ही डॉक्टर के पास जाएं.

महिला विशेषज्ञ से बातचीत.

डॉ. नैना ने बताया कि अपने शिशु को इस महामारी से बचाने के लिए गर्भवती महिलाओं को सबसे पहले अपने खानपान का ध्यान रखना होगा. अच्छी इम्युनिटी के लिए पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए. खाने में प्रोटीन के लिए अंकुरित दालें, नॉर्मल दाल, हरि सब्जियां, विटामिन-C वाले फल, जिंक वाले फल, पपीता, अमरूद आदि का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें. ऐसे में अगर गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण हो भी ज्यादा है तो अच्छी इम्युनिटी होने की वजह से महिला एवं शिशु पर ज्यादा असर नहीं कर पाता और वे जल्द स्वस्थ हो जाते हैं.

डॉ. नैना का कहना है कि यदि पॉजिटिव महिला की डिलीवरी हुई है तो ऐसे में वे शिशु को स्तनपान कराना बंद न करें. सैनिटाइजर और मास्क लगाने के साथ जरूरी प्रीकॉशन लेकर बच्चे को दूध पिलाती रहें. मां का दूध पीने से शिशु को कोरोना संक्रमण होने की बहुत कम संभावनाएं हैं. हालांकि अपने आस पास के साफ-सफाई के साथ ही शिशु के सोने की जगह को बार बार सैनिटाइज भी करते रहें. इसके अलावा एक अन्य रिपोर्ट में यह उल्लेख है कि अभी तक के मामलों में जिन कोरोना संक्रमित महिलाओं शिशु को जन्म दिया है, उन बच्चों को संक्रमित नहीं पाया गया है.

सहारनपुर: आए दिन कोरोना की चपेट में हजारों लोग आ रहे हैं. वहीं गर्भवती महिलाओं में बच्चों को लेकर बड़ा सवाल है. क्या ये जानलेवा वायरस मां से बच्चे के शरीर में भी फैल सकता है? क्या कोरोना से संक्रमित मां अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं? जैसे सवाल अहम हैं. इन सवालों पर क्या कहती हैं महिला विशेषज्ञ. देखिए ये रिपोर्ट...

गर्भवती महिला व गर्भ में पल रहे शिशु को कोरोना संक्रमण से कैसे बचाया जाए, इसके लिए महिला विशेषज्ञ डॉ. नैना मिगलानी से ईटीवी भारत से खास बातचीत की. डॉ. नैना ने बताया कि कोरोना के इस काल में गर्भवती महिलाओं व हाल ही में डिलीवरी हुई महिलाओं को अधिक ध्यान देने की जरूरत है. गर्भवती महिलाओं में प्रेग्नेंसी के समय हार्मोन्स चेंज होने की वजह से इम्युनिटी कम हो जाती है. इम्युनिटी कम होने पर संक्रमण का खतरा बना होता है, लेकिन इससे डरने की नहीं जरूरत नहीं है. बल्कि पौष्टिक आहार का सेवन कर इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाना चाहिए.

इस कोरोना काल में गर्भ के समय महिलाओं को बार-बार डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को भीड़-भाड़ इलाकों में जाने से बचना चाहिए. यदि उनके पास बीपी इन्स्ट्रूमेंट हैं तो घर पर ही अपना ब्लड प्रेशर चेक करते रहना चाहिए. साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे के मूवमेंट को खुद ही महसूस करें. यदि कोई दिक्कत आ रही है तो डॉक्टर से फोन पर बात करके सलाह लें. प्रेग्नेंसी के दौरान अगर किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो रही तो पूरी प्रेग्नेंसी में केवल 2-3 बार ही डॉक्टर के पास जाएं.

महिला विशेषज्ञ से बातचीत.

डॉ. नैना ने बताया कि अपने शिशु को इस महामारी से बचाने के लिए गर्भवती महिलाओं को सबसे पहले अपने खानपान का ध्यान रखना होगा. अच्छी इम्युनिटी के लिए पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए. खाने में प्रोटीन के लिए अंकुरित दालें, नॉर्मल दाल, हरि सब्जियां, विटामिन-C वाले फल, जिंक वाले फल, पपीता, अमरूद आदि का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें. ऐसे में अगर गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण हो भी ज्यादा है तो अच्छी इम्युनिटी होने की वजह से महिला एवं शिशु पर ज्यादा असर नहीं कर पाता और वे जल्द स्वस्थ हो जाते हैं.

डॉ. नैना का कहना है कि यदि पॉजिटिव महिला की डिलीवरी हुई है तो ऐसे में वे शिशु को स्तनपान कराना बंद न करें. सैनिटाइजर और मास्क लगाने के साथ जरूरी प्रीकॉशन लेकर बच्चे को दूध पिलाती रहें. मां का दूध पीने से शिशु को कोरोना संक्रमण होने की बहुत कम संभावनाएं हैं. हालांकि अपने आस पास के साफ-सफाई के साथ ही शिशु के सोने की जगह को बार बार सैनिटाइज भी करते रहें. इसके अलावा एक अन्य रिपोर्ट में यह उल्लेख है कि अभी तक के मामलों में जिन कोरोना संक्रमित महिलाओं शिशु को जन्म दिया है, उन बच्चों को संक्रमित नहीं पाया गया है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:22 PM IST
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