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दारूल उलूम को अवैध बताने वालों को अशरफ उस्मानी का जवाब, बोले- यह दुष्प्रचार, सरकार हमारे साथ

यूपी में मदरसों के सर्वे के बाद अब उनके वैध और अवैध को लेकर जुबानी जंग छिड़ गई है. हाल में ही सहारनपुर के दारूल उलूम मदरसे को लेकर एक बयान सामने आया था. इस बयान को लेकर मदरसे के प्रबंधन ने कड़ी आपत्ति जताई है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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दारूल उलूम को अवैध बताने वाले बयान पर अशरफ उस्मानी का हमला, कहा यह दुष्प्रचार, सरकार हमारे साथ...
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Published : Oct 26, 2022, 9:12 PM IST

Updated : Oct 26, 2022, 9:33 PM IST

सहारनपुरः यूपी में मदरसों का सर्वे पूरा हो चुका है. वैध और अवैध मदरसों की जानकारी सरकार को भेजी जा चुकी है. इसी के साथ ही मदरसों को लेकर बयानबाजी भी शुरू हो गई है. हाल में ही देवबंद के दारूल उलूम का ही पंजीकरण न होने की बात सामने आई थी. इसी के बाद इसे अवैध कहा गया था. इसे लेकर दारूल उलूम प्रबंधन ने कड़ी आपत्ति जताई है. बयान का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार उनके साथ है.

बता दें कि हाल में ही सहारनपुर में मदरसों का सर्वे पूरा हुआ था. इसमें 306 मदरसे अवैध मिले थे. इसमें दारूल उलूम का नाम भी शामिल बताया गया था. इसे लेकर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भरत लाल गोंड ने कहा था कि पकड़े गए 306 अवैध मदरसों की जानकारी प्रशासन को भेजी गई थी. दारुल उलूम देवबंद भी एक अवैध मदरसा है और छात्रवृत्ति और अन्य योजनाओं से वंचित है.

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जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भरत लाल गोंड ने यह कहा था.
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अशरफ उस्मानी का यह बयान आया था सामने.

इसे लेकर दारुल उलूम के अशरफ उस्मानी ने कहा कि किसी मदरसे को वैध/अवैध घोषित न करने के लिए संज्ञान लेने के लिए सर्वे किया गया था, लेकिन कुछ लोगों ने दारुल उलूम देवबंद को अवैध घोषित करने के क्रम में दुष्प्रचार किया है. राज्य सरकार हमारे साथ खड़ी है.

156 साल पुराना है मदरसा
दारुल उलूम मदरसा 156 साल पुराना है. इसकी शाखाएं देश भर में हैं. एक बयान में दारुल उलूम देवबंद के प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने दावा किया था कि मदरसे का रजिस्ट्रेशन सोसाइटी एक्ट-1866 के तहत कराया गया है. उन्होंने यह भी बताया था कि दारूल उलूम के देशभर में 4500 और प्रदेश में 2100 मदरसे हैं. मदरसों का संचालन जकात यानी चंदे से होता है.

यह भी पढ़ेंः यूपी मदरसा बोर्ड ने कहा- जांच नहीं यह सिर्फ सर्वे है, कोई भी मदरसा वैध या अवैध नहीं है

सहारनपुरः यूपी में मदरसों का सर्वे पूरा हो चुका है. वैध और अवैध मदरसों की जानकारी सरकार को भेजी जा चुकी है. इसी के साथ ही मदरसों को लेकर बयानबाजी भी शुरू हो गई है. हाल में ही देवबंद के दारूल उलूम का ही पंजीकरण न होने की बात सामने आई थी. इसी के बाद इसे अवैध कहा गया था. इसे लेकर दारूल उलूम प्रबंधन ने कड़ी आपत्ति जताई है. बयान का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार उनके साथ है.

बता दें कि हाल में ही सहारनपुर में मदरसों का सर्वे पूरा हुआ था. इसमें 306 मदरसे अवैध मिले थे. इसमें दारूल उलूम का नाम भी शामिल बताया गया था. इसे लेकर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भरत लाल गोंड ने कहा था कि पकड़े गए 306 अवैध मदरसों की जानकारी प्रशासन को भेजी गई थी. दारुल उलूम देवबंद भी एक अवैध मदरसा है और छात्रवृत्ति और अन्य योजनाओं से वंचित है.

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जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भरत लाल गोंड ने यह कहा था.
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अशरफ उस्मानी का यह बयान आया था सामने.

इसे लेकर दारुल उलूम के अशरफ उस्मानी ने कहा कि किसी मदरसे को वैध/अवैध घोषित न करने के लिए संज्ञान लेने के लिए सर्वे किया गया था, लेकिन कुछ लोगों ने दारुल उलूम देवबंद को अवैध घोषित करने के क्रम में दुष्प्रचार किया है. राज्य सरकार हमारे साथ खड़ी है.

156 साल पुराना है मदरसा
दारुल उलूम मदरसा 156 साल पुराना है. इसकी शाखाएं देश भर में हैं. एक बयान में दारुल उलूम देवबंद के प्रवक्ता अशरफ उस्मानी ने दावा किया था कि मदरसे का रजिस्ट्रेशन सोसाइटी एक्ट-1866 के तहत कराया गया है. उन्होंने यह भी बताया था कि दारूल उलूम के देशभर में 4500 और प्रदेश में 2100 मदरसे हैं. मदरसों का संचालन जकात यानी चंदे से होता है.

यह भी पढ़ेंः यूपी मदरसा बोर्ड ने कहा- जांच नहीं यह सिर्फ सर्वे है, कोई भी मदरसा वैध या अवैध नहीं है

Last Updated : Oct 26, 2022, 9:33 PM IST
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