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चुनाव ड्यूटी से लौटे 11 अध्यापकों की कोरोना से मौत - सहारनपुर में 11 अध्यापकों की मौत

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में 15 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी देने के बाद से अध्यापकों की जान पर बन आई है. ड्यूटी देकर कोरोना संक्रमति हुए अध्यापकों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है. अब तक जिले के 11 अध्यापक जान गवां चुके हैं.

अस्पताल में भर्ती अध्यापिका.
अस्पताल में भर्ती अध्यापिका.
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Published : Apr 29, 2021, 1:45 AM IST

सहारनपुरः जिले में कोरोना संक्रमण से 2 महिला अध्यापिकाओं समेत कुल 11 अध्यपाकों की मौत हो चुकी है, जिससे चुनाव में ड्यूटी देकर घर लौटे अध्यापकों में हड़कम्प मचा हुआ है. जबकि पिछले 13 दिन से ज्यादातर अध्यापक खुद को होम आइसोलेट किये हुए हैं. बीएसए रमेन्द्र कुमार चुनाव ड्यूटी से लौटे प्राथमिक विद्यालय के 4 अध्यापकों की मौत होने की बात स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नही हैं.

पंचायत चुनाव की ड्यूटी के बाद मौत.

चुनाव ड्यूटी के बाद पॉजिटिव हुए अध्यापक
पहले चरण के लिए सहारनपुर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव बीते 15 अप्रैल को हुआ था. 884 ग्राम पंचायतों में बनाये गए 1236 मतदान केंद्रों के लिए 3283 पोलिंग टीमें रवाना की गईं, जबकि 328 पोलिंग टीमें सभी विकास खंडों पर रिजर्व रखी गई थी. मतदान कराने के लिए 7 अप्रैल से ही ट्रेनिंग के लिए अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई थी. कोरोना संक्रमण के बीच ड्यूटी करने के बाद कई अध्यापक-अध्यापिकाओं की तबीयत बिगड़ गई. टेस्ट कराया तो कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिनमें से कई अध्यपाक वे भी हैं जिन्हें रिजर्व पोलिंग टीम में रखा गया था.

11 अध्यापकों की हुई मौत
पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए 2 महिला अध्यापिका समेत कुल 11 अध्यापकों की मौत हुई है, जिससे सरकारी अध्यापकों में हड़कंप मचा हुआ है. प्राथमिक स्कूलों के अध्यापक-अध्यापिकाओं को अपनी और परिवार की चिंता सता रही है. हालांकि चुनाव ड्यूटी के बाद से ही ज्यादातर अध्यापकों ने खुद को घरों में आइसोलेट किया है. बुधवार को मृतक शिक्षिका के परिजनों ने अध्यापकों की मौत का खुलासा किया. मृतका के परिजनों ने बताया कि ऐसे कई अध्यापक-अध्यापिकाएं हैं जिनकी तबीयत चुनाव से पहले ही खराब चल रही थी. लिखित प्रार्थना पत्र देने के बाद भी अधिकारियों ने ड्यूटी काटना तो दूर उनका कोविड टेस्ट कराना भी जरूरी नहीं समझा.

बीमार शिक्षिका की नहीं काटी ड्यूटी, मौत
शिक्षिका सीमा रानी को भी चुनाव के दौरान सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. बावजूद इसके अधिकारियों ने 15 अप्रैल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उसकी ड्यूटी लगाई थी. परिजनों के मुताबिक सीमा को रिजर्व पोलिंग टीम में विकासखंड पर रखा गया था. जहां उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी. जैसे-तैसे ड्यूटी करने के बाद 17 अप्रैल को कोविड-19 टेस्ट कराया तो 19 अप्रैल को RT-PCR रिपोर्ट में शिक्षिका पॉजिटिव पाई गई, जिसके बाद 26 अप्रैल को शिक्षिका की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई.

यह भी पढ़ेंः-पंचायत चुनाव के औचित्य पर IAS अनुज झा ने उठाया सवाल

4 अध्यापकों की मौत मान रहा शिक्षा विभाग
जानकारी के मुताबिक 15 अप्रैल को चुनाव होने से पहले ट्रेनिंग पीरियड के दौरान और उसके बाद कई अध्यापकों को सांस की तकलीफ हुई थी, जिसके चलते चुनाव ड्यूटी से लौटे अध्यापकों को विभिन्न कोविड-19 अस्पतालो में भर्ती किया गया था, जहां इलाज के दौरान कोरोना संक्रमण से मौत होने लगी. पिछले 13 दिनों में एक के बाद एक 11 अध्यापकों की मौत हो गई. हैरत की बात तो ये है कि जहां जिला विद्यालय निरीक्षक अरुण दुबे अध्यापकों की मौत होने से इंकार कर रहे हैं. वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी केवल 4 अध्यापकों की मौत होना बता रहे हैं, लेकिन कैमरे के सामने आने से कन्नी काट रहे हैं.

इन अध्यापकों की हुई मृतक अध्यापक

  1. जय चंद सैनी- प्राथमिक विद्यालय, हलवाना
  2. सुनीता रानी- UPS सहजवा
  3. सीमा रानी- UPS मोहमदपुर
  4. मेघनाथ सिंह- PS देहरी
  5. नाथीराम मैनपाल- प्राथमिक विद्यालय बडुली
  6. राहुल कुमार- प्राथमिक विद्यालय, शाहपुर दाऊद
  7. पवन कुमार- प्राथमिम विद्यालय, चतरसाली
  8. राकेश कुमार- प्रा. विद्यालय, टबरा अहतमाल
  9. सत्यापाल वर्मा- पूर्व माध्यमिक विद्यालय, रामपुर मनिहारान
  10. अतुल जैन- प्राचार्य जैन इंटर कॉलेज
  11. डेल सिमलाई- प्रधानाचार्य इफेंट जीएस स्कूल

सहारनपुरः जिले में कोरोना संक्रमण से 2 महिला अध्यापिकाओं समेत कुल 11 अध्यपाकों की मौत हो चुकी है, जिससे चुनाव में ड्यूटी देकर घर लौटे अध्यापकों में हड़कम्प मचा हुआ है. जबकि पिछले 13 दिन से ज्यादातर अध्यापक खुद को होम आइसोलेट किये हुए हैं. बीएसए रमेन्द्र कुमार चुनाव ड्यूटी से लौटे प्राथमिक विद्यालय के 4 अध्यापकों की मौत होने की बात स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नही हैं.

पंचायत चुनाव की ड्यूटी के बाद मौत.

चुनाव ड्यूटी के बाद पॉजिटिव हुए अध्यापक
पहले चरण के लिए सहारनपुर में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव बीते 15 अप्रैल को हुआ था. 884 ग्राम पंचायतों में बनाये गए 1236 मतदान केंद्रों के लिए 3283 पोलिंग टीमें रवाना की गईं, जबकि 328 पोलिंग टीमें सभी विकास खंडों पर रिजर्व रखी गई थी. मतदान कराने के लिए 7 अप्रैल से ही ट्रेनिंग के लिए अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई थी. कोरोना संक्रमण के बीच ड्यूटी करने के बाद कई अध्यापक-अध्यापिकाओं की तबीयत बिगड़ गई. टेस्ट कराया तो कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिनमें से कई अध्यपाक वे भी हैं जिन्हें रिजर्व पोलिंग टीम में रखा गया था.

11 अध्यापकों की हुई मौत
पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए 2 महिला अध्यापिका समेत कुल 11 अध्यापकों की मौत हुई है, जिससे सरकारी अध्यापकों में हड़कंप मचा हुआ है. प्राथमिक स्कूलों के अध्यापक-अध्यापिकाओं को अपनी और परिवार की चिंता सता रही है. हालांकि चुनाव ड्यूटी के बाद से ही ज्यादातर अध्यापकों ने खुद को घरों में आइसोलेट किया है. बुधवार को मृतक शिक्षिका के परिजनों ने अध्यापकों की मौत का खुलासा किया. मृतका के परिजनों ने बताया कि ऐसे कई अध्यापक-अध्यापिकाएं हैं जिनकी तबीयत चुनाव से पहले ही खराब चल रही थी. लिखित प्रार्थना पत्र देने के बाद भी अधिकारियों ने ड्यूटी काटना तो दूर उनका कोविड टेस्ट कराना भी जरूरी नहीं समझा.

बीमार शिक्षिका की नहीं काटी ड्यूटी, मौत
शिक्षिका सीमा रानी को भी चुनाव के दौरान सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. बावजूद इसके अधिकारियों ने 15 अप्रैल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उसकी ड्यूटी लगाई थी. परिजनों के मुताबिक सीमा को रिजर्व पोलिंग टीम में विकासखंड पर रखा गया था. जहां उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी. जैसे-तैसे ड्यूटी करने के बाद 17 अप्रैल को कोविड-19 टेस्ट कराया तो 19 अप्रैल को RT-PCR रिपोर्ट में शिक्षिका पॉजिटिव पाई गई, जिसके बाद 26 अप्रैल को शिक्षिका की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई.

यह भी पढ़ेंः-पंचायत चुनाव के औचित्य पर IAS अनुज झा ने उठाया सवाल

4 अध्यापकों की मौत मान रहा शिक्षा विभाग
जानकारी के मुताबिक 15 अप्रैल को चुनाव होने से पहले ट्रेनिंग पीरियड के दौरान और उसके बाद कई अध्यापकों को सांस की तकलीफ हुई थी, जिसके चलते चुनाव ड्यूटी से लौटे अध्यापकों को विभिन्न कोविड-19 अस्पतालो में भर्ती किया गया था, जहां इलाज के दौरान कोरोना संक्रमण से मौत होने लगी. पिछले 13 दिनों में एक के बाद एक 11 अध्यापकों की मौत हो गई. हैरत की बात तो ये है कि जहां जिला विद्यालय निरीक्षक अरुण दुबे अध्यापकों की मौत होने से इंकार कर रहे हैं. वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी केवल 4 अध्यापकों की मौत होना बता रहे हैं, लेकिन कैमरे के सामने आने से कन्नी काट रहे हैं.

इन अध्यापकों की हुई मृतक अध्यापक

  1. जय चंद सैनी- प्राथमिक विद्यालय, हलवाना
  2. सुनीता रानी- UPS सहजवा
  3. सीमा रानी- UPS मोहमदपुर
  4. मेघनाथ सिंह- PS देहरी
  5. नाथीराम मैनपाल- प्राथमिक विद्यालय बडुली
  6. राहुल कुमार- प्राथमिक विद्यालय, शाहपुर दाऊद
  7. पवन कुमार- प्राथमिम विद्यालय, चतरसाली
  8. राकेश कुमार- प्रा. विद्यालय, टबरा अहतमाल
  9. सत्यापाल वर्मा- पूर्व माध्यमिक विद्यालय, रामपुर मनिहारान
  10. अतुल जैन- प्राचार्य जैन इंटर कॉलेज
  11. डेल सिमलाई- प्रधानाचार्य इफेंट जीएस स्कूल
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