रामपुर: कोरोना का कहर क्या कम था जो अब उप्र पुलिस का कहर भी ग्रामीणों पर टूट पड़ा है. पुलिस के खौफ से ग्रामीण गांव छोड़कर पलायन कर रहे हैं. मामला जिले में थाना भोट के गांव मुतियापुरा का है. जहां चुनावी रंजिश के चलते ग्रामीण गांव छोड़कर जा रहे हैं. दरअसल, पंचायत चुनाव में जीते प्रधान का आरोप है कि थाने के एसओ की पूर्व प्रधान के साथ सांठगांठ है और वह उसे चुनाव में जीताना चाहते थे, लेकिन गांव के लोगों ने उसे विजयी बनाया. जिससे नाराज एसओ ने मौजूदा ग्राम प्रधान और उनके समर्थकों पर फर्जी मुकदमे दर्ज करवाये. आरोप ये भी है कि थाना इंचार्ज पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे और कई मकानों की जमकर तोड़फोड़ की. जिससे ग्रामीणों का लाखों रुपये का नुकसान हुआ. ग्रामीणों का कहना है कि वे पुलिस के डर से वे गांव छोड़ने को मजबूर है. इसलिए वे अपना मकान बेचकर वहां से जाना चाहते हैं.
अधिकारियों से लगाई गुहार, सुनने को कोई नहीं तैयार
गांव के आधा दर्जन से ज्यादा घर सुनसान पड़े हैं. घर के निवासी वहां से कहीं और जा चुके हैं या जाने की तैयारी कर रहे हैं. बाहर मकानों के दरवाजों पर लिखा है कि यह मकान बिकाऊ है. कुछ तो पहले ही गांव छोड़ कर चले गए और कुछ लोग ट्रैक्टर-ट्रालियों में अपना सामान भरकर घर छोड़कर जाने को तैयार है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
क्षेत्र विधायक और यूपी सरकार में जल शक्ति राज्य मंत्री सरदार बलदेव सिंह ओलख से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने उनके क्षेत्र में हो रही इतनी बड़ी कार्रवाई से अपने आप को अनजान बताया. उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी करूंगा और जरूरत पड़ी तो खुद गांव जाकर स्थिति का जायजा लेंंगे.
पीड़ित मुराली लाल सैनी ने बताया कि पंचायत चुनाव में एसओ भोट पूर्व प्रधान धर्मपाल को प्रधान बनाना चाह रहे थे. वे उन्हीं के पक्ष में काम कर रहे थे. जब भूपेंद्र सिंह चुनाव जीतकर प्रधान बन गए तो एसओ भोट उनसे खफा हो गए. एसओ ने पूर्व प्रधान की तहरीर पर फर्जी मुकदमा दर्ज करवाया और उनके घरों में भी तोड़फोड़ की. जिससे परेशान होकर ग्रामीण पलायन कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- अयोध्या में एक ही परिवार के 5 लोग की हत्या से सनसनी