रामपुरः रामपुर जिला कारागार में बंद अंडर ट्रायल कैदी की रविवार दोपहर 12 बजे मौत हो गई. परिजनों ने जिला कारागार प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया है. मृतक के परिजनों की मांग है कि पोस्टमार्टम से पहले उनकी एफआईआर दर्ज की जाए. परिजनों का आरोप है कि 'जिस मामले को लेकर अफरोज अली जेल में बंद था, उस मामले के शिकायतकर्ता और जेल प्रशासन की मिलीभगत कर हत्या की गई है. बरहाल शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि अजीम नगर थाना क्षेत्र के इमरता गांव निवासी अफरोज अली (30) दहेज हत्या के मामले में जिला कारागार में पिछले 6 महीने से बंद था. अफरोज अली को पैरालाइज था. उसकी 7 साल पहले सिगन खेड़ा गांव के हमीद अहमद की लड़की शाहना के साथ शादी हुई थी. अफरोज के एक लड़का एक लड़की है. अफरोज अली के खिलाफ उसको अपनी पत्नी की हत्या की एफआई आर दर्ज थी, जिस मामले में अफरोज 6 महीने से जेल में बंद था. अफरोज अली की रविवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.
अफरोज अली के भाई आसिफ ने बताया कि उनके भाई 6 महीने से जेल में बंद थे. जेल से फोन आया कि आपके भाई को उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर जाया जा रहा है और आप अस्पताल पहुंचे. उसके कुछ मिनट बाद फोन आता है कि आपके भाई की मृत्यु हो गई है. मृतक अफरोज अली के भाई आसिफ ने बताया कि 'हमें यह लगता है कि एफआईआर दर्ज कराने वाले मोहम्मद रफी ने जेल प्रशासन से मिलकर हमारे भाई की हत्या कराई है. हम यह चाहते हैं कि हमारे भाई का पोस्टमार्टम होने से पहले हमारी रिपोर्ट दर्ज की जाए'.
वहीं, जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्या ने बताया कि 'अफरोज अली जेल में आया था. जेल में आने से पहले से ही इस कैदी को पैरालाइज था. हमारी जेल में खटिया पर लेटाकर लाया गया था. इसको ब्रेन में, बॉडी में प्रॉब्लम थी और भी कई प्रॉब्लम थी, इसलिए इसे पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसका वहां से इलाज भी हुआ है. इसके बाद यह मेरठ मेडिकल कॉलेज भी जा चुका है, जहां इसका ट्रीटमेंट चल रहा था'.