रामपुरः योगी सरकार में बच्चे पुराने कोर्स से पढ़ने को मजबूर हैं. योगी सरकार ने स्कूल तो एक सितंबर से खोल दिया, लेकिन बच्चे डेढ़ साल से घर बैठे थे. अब स्कूल खुला तो उनके पास कोर्स की किताब ही नहीं है. बहरहाल टीचरों की सूझबूझ की वजह से बच्चों को पुराने कोर्स से ही शिक्षा दी जा रही है. लेकिन सवाल ये उठता है कि स्कूल खोलने से पहले सरकार को बच्चों के कोर्स की व्यवस्था करनी चाहिए थी. वहीं इस मामले में डिप्टी बीएसए का कहना है कि एक हफ्ते के भीतर बच्चों को कोर्स मिल जाएगा. हम कई स्कूलों में गए, पर यही स्थिति थी. सभी बच्चे पुराने कोर्स से पढ़ने को मजबूर हैं.
उत्तर प्रदेश में एक सितंबर से योगी सरकार ने प्राइमरी और जूनियर स्कूलों के बच्चों की तालीम के लिए स्कूल खोलने का फैसला लिया था. जिसके बाद सारे स्कूल खोल दिए गए. लेकिन कोर्स अभी बच्चों को नहीं मिला है. बहरहाल टीचरों ने बच्चों का भविष्य खराब न हो इसको देखते हुए अपनी सूझबूझ से पुराने बच्चों के कोर्स से ही शिक्षा प्रारंभ कर दी है. अभी नए कोर्स का इंतजार है. बहरहाल सरकार को पहले स्कूल में कोर्स की व्यवस्था करनी थी. उसके बाद स्कूल खोलना था.
कमपोजिट स्कूल की टीचर नसरीन बी से बात की तो उन्होंने कहा कि अभी उन्हें सिर्फ बैग मिले हैं, जो उन्होंने बच्चों को दे दिए हैं और यूनिफॉर्म का पैसा पैरेंट्स के खाते में आ रहा है. वे उसी पैसे से यूनिफॉर्म बनाएंगे और किताबें अभी एक-दो दिन में आने की उम्मीद है. टीचर नसरीन बी ने कहा कि जो पुराने बच्चों का कोर्स था वो हमने नए बच्चों को दे दिया है, और उसी से पढ़ाई चल रही है.
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वहीं स्कूल की दूसरी टीचर सीमा गौहर से बात की तो उन्होंने भी यही बताया कि कोर्स अभी नहीं आया है. अभी पुराने कोर्स से ही बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है. इस मामले में डिप्टी बीएसए विजय कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शासन से उन्हें कोर्स मिल गया है, जल्द ही स्कूलों में पहुंचाया जाएगा. एक हफ्ते में बच्चों को कोर्स मिल जाएगा. अभी किताबें नहीं होने की वजह से पिछले सत्र के बच्चों की किताबों से टीचर पढ़ाई करा रहे हैं.