रामपुर : जिले में इलाज के दौरान गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गई. इससे आक्रोशित परिजनों ने हंगामा कर दिया और अस्पताल में तोड़-फोड़ कर दी. इसके बाद भी काफी देर तक परिजनों ने हंगामा काटा. किसी ने पुलिस को सूचना दी तो तुरन्त पुलिस अस्पताल पहुंची और परिजनों से बात की. पुलिस ने तहरीर के आधार पर कार्रवाई का भरोसा दिया.
कोतवाली टांडा के मुंडिया गांव निवासी इस्लाम नबी की शादी जसपुर खेड़ा गांव निवासी रेशमा से हुई थी. रेशमा गर्भवती थी. जब उसको प्रसव पीड़ा हुई तो उसको डिलीवरी के लिये टांडा बादली चौराहे पर स्थित अल्माज हॉस्पिटल लेकर गये. यहां उसको भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया. कुछ देर में ही महिला की मौत हो गयी. मौत की खबर सुनते ही परिजनों ने अस्पताल में जमकर तोड़-फोड़ की और डॉ रियासत अपनी जान बचा कर भाग गये.
मृतक की मां खुशनुमा ने बताया कि हम अस्पताल लेकर आये थे. उस समय मरीज की हालत ठीक नहीं थी. डॉक्टर से रेफर करने को कहने पर डॉक्टर और मृतक महिला की सास ने कहा सब ठीक हो जायेगा. डॉक्टर ने कहा कि हम नॉर्मल डिलीवरी करेंगे. उसके कुछ देर बाद उसकी बेटी की मौत हो गयी.
अल्माज हॉस्पिटल के डॉक्टर रियासत अली ने बताया कि लगे आरोप बेबुनियाद हैं. मरीज का उपचार हमारे यहां हुआ ही नहीं है. मरीज जब हमारे पास आया था तो उसको बहुत उलटियां हो रही थी. हमने सिर्फ ड्रिप लगाई थी. महिला की हालत बहुत खराब थी. महिला के परिजनों से जल्द ऑपरेशन की बात कहा तो वे नहीं माने. इसके कुछ ही देर में महिला की मौत हो गयी.
अभी तक इस मामले की मृतक की ओर से थाने में कोई तहरीर नहीं दी गयी है. प्रभारी निरीक्षक का कहना है तहरीर आएगी तो उसके आधार पर ही आगे कार्रवाई की जायेगी.