प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ के मदरसों में छात्रवृत्ति वितरण में 56,600 रुपये गबन की आरोपी अल्फला पब्लिक स्कूल रशीद नगर की प्रधानाचार्य राबिया बेगम की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर राज्य सरकार व विपक्षी से चार सप्ताह में याचिका पर जवाब मांगा है.
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ एवं न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने राबिया बेगम के के अधिवक्ता सुनील चौधरी और सरकारी वकील को सुनकर दिया है. अधिवक्ता सुनील चौधरी के अनुसार वर्ष 2010-11 में सरकार द्वारा तीन करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति मेरठ के 98 मदरसों में वितरण करने के लिए दिए गए. अल्फला पब्लिक स्कूल रशीद नगर के खाते में भेजी गई छात्रवृत्ति 56,300 रुपये 56 बच्चों को नगद वितरण कराया गया था लेकिन कुछ मदरसों में पाई गई अनियमिताओं के कारण तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सुमन गौतम व उनके क्लर्क संजय त्यागी सहित अन्य मदरसा के कर्मचारियों सहित 98 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई.
याची के विरुद्ध आर्थिक अपराध शाखा थाने की इंस्पेक्टर नीतू राणा ने मुकदमा दर्ज कराया कि याची व मैनेजर ने मिलकर छात्रवृत्ति की धनराशि का नगद वितरण बताकर अधिकारी व क्लर्क के साथ मिलकर छात्रवृत्ति की धनराशि का गबन कर लिया है जबकि बच्चों के खातों में पैसा जाना चाहिए था. कहा कि याची ने नगद वितरण किया है और ईओडब्लू की जांच में सह अभियुक्त संजय त्यागी की जांच में स्वयं यह माना है कि गबन का कोई आरोप नहीं पाया गया. केवल केंद्र सरकार की गाइड लाइन का उल्लघंन किया गया है.
अधिवक्ता ने बताया कि आर्थिक अपराध संगठन ने 13 साल बाद याची को नोटिस दिया है. 2019 में आठ साल के बाद एफआईआर दर्ज हुई, जिसकी जानकारी याची को नहीं है. ईओडब्ल्यू जांच शुरू कर याची को गिरफ्तार करना चाहती है. तीन करोड़ के गबन का आरोप अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मेरठ सुमन गौतम पर है, जिनके विरुद्ध 98 मुकदमे दर्ज हैं और सभी मुकदमे समाहित हो गए हैं. उनकी गिरफ्तारी पर भी न्यायालय ने रोक लगा रखी है. वर्तमान समय में वह जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सहारनपुर हैं. पिछले 13 साल से अब तक गबन की कोई भी धनराशि की वसूली नहीं हुई है.
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