रामपुर: मामला जिले की सदर तहसील परिसर का है. यहां लेखपालो के लिए बने सरकारी आवासों में युवतियों को काम के बहाने रात में लाने और उनका यौन शोषण का प्रयास किए जाने का मामला सामने आया है. हालांकि युवतियों के साथ अनहोनी होती इससे पहले ही उन्होंने शोर मचा दिया. युवतियों का शोर सुनकर लोगों ने दो लेखपालों को रंगे हाथ पकड़ लिया. इस मामले में जब अधिकारियों से शिकायत की गई तो अधिकारी भी मामले को दबाने में जुट गए और किसी तरह से समझा-बुझाकर युवतियों को चलता कर दिया गया.
सदर तहसील परिसर में लेखपालों के लिए सरकारी आवास बनाए गए हैं. लेखपाल भले ही दूसरी जगहों पर रहते हों, लेकिन उनके नाम पर आवंटित सरकारी आवासों में युवतियों को काम के बहाने बुलाया जाता है और फिर उनका शोषण किया जाता है. ऐसा ही मामला बुधवार को सामने आया. यहां रात ढलते ही सदर तहसील परिसर में दो युवतियों को लेकर दो लेखपाल विजेंदर सिंह और विष्णु शर्मा कार से आए. इस दौरान कार में बैठी युवतियां चीख-पुकार करने लगीं. चीख-पुकार सुनकर वहां पहुंचे लोगों ने लेखपालों की शिकायत आला अधिकारियों से की. इस दौरान अधिकारी लेखपालों का बचाव करते नजर आए और मामले को रफा-दफा करने में जुट गए.
वहां पहुंचे मीडियाकर्मियों को युवतियों ने बताया कि रात में उनको काम के बहाने दो लेखपालों विजेंदर सिंह और विष्णु शर्मा द्वारा पनवरिया क्षेत्र से लाया गया था. इससे पहले कि कोई अनहोनी होती उनकी चीख-पुकार सुनकर लोग जमा हो गए. वहीं तहसीलदार प्रमोद कुमार ने बताया कि लेखपाल उनको किसी काम से गाड़ी में लेकर आ रहे थे. उन्होंने गाड़ी थोड़ा तेज चला रखी थी, इस वजह से युवतियां चीखने-चिल्लाने लगीं. तहसीलदार ने बताया कि हमको जो लिखकर दिया है हम उस पर डिपार्टमेंटल कार्रवाई कर रहे हैं.