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सपा नेता आजम खां की मुश्किलें बढ़ीं, जौहर यूनिवर्सिटी में ED की टीम की जांच जारी

समाजवादी पार्टी नेता आजम खां (Azam Khan) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. प्रवर्तन निदेशालय (Directorate General of Economic Enforcement) ने रामपुर जिला प्रशासन से आजम खां के अवैध कब्जे वाली सम्पत्तियों का ब्योरा मांगा है. आजम खान से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम बुधवार को लखनऊ से रामपुर पहुंची.

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Published : May 11, 2022, 11:11 AM IST

Updated : May 11, 2022, 5:45 PM IST

रामपुर: समाजवादी पार्टी नेता आजम खां की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. आजम खां से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम बुधवार को लखनऊ से रामपुर पहुंची. ईडी की टीम के साथ तहसीलदार प्रमोद कुमार के साथ आजम खां की यूनिवर्सिटी में पहुंचे. 250 सौ बीघा शत्रु संपत्ति के मामले की जांच करने ईडी की टीम पहुंची. बुधवार को ईडी की टीम और रामपुर राजस्व विभाग के अधिकारी दोनों ने मिलकर यूनिवर्सिटी में जाकर शत्रु सम्पत्ति की जांच की. अभी भी जांच जारी है.

प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate) ने आजम खां के अवैध कब्जे वाली प्रॉपर्टीज़ का ब्योरा मांगा है. इस मामले में रामपुर जिला प्रशासन ने एक टीम बनाई है. इस टीम में 9 लोग शामिल हैं. साथ ही सत्यापन की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में आजम ने रामपुर संसदीय सीट से जीत हासिल की थी, उन्‍होंने जेल में रहते हुए 2022 में विधानसभा चुनाव भी जीता था. विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्‍होंने लोकसभा सीट की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया था.

जौहर यूनिवर्सिटी में ED की टीम की जांच जारी.

ईडी से शिकायत करने वाले मुख्य शिकायतकर्ता भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने कहा कि लगभग 1 से 1.5 साल पहले शिकायत की थी. आजम खान खुद कहा करते थे कि मेरी यूनिवर्सिटी में दाऊद का पैसा लगा हुआ है. दुबई से पैसा लगा हुआ है. इसी की शिकायत ईडी से की थी. मांग की थी कि यूनिवर्सिटी की जांच होनी चाहिए. आजम खान ने बाहर से ब्लैक मनी लाकर व्हाइट करने की कोशिश की है. साथ ही यह भी शिकायत की है कि दस हजार रुपए से खोली गई ट्रस्ट में आज इतना पैसा कहां से आ गया, इसकी जांच होनी चाहिए. जिन लोगों ने यूनिवर्सिटी को डोनेशन दिया है वह डोनेशन देने के लायक है या नहीं उसकी भी जांच होनी चाहिए. आकाश सक्सेना ने कहा आजम खां ने यूनिवर्सिटी में 60 करोड़ का निवेश दिखाया था जबकि इसमें हजारों करोड़ का निवेश है. इसकी जांच होनी चाहिए. वैल्यूएशन के आधार पर टैक्स लगना चाहिए. जमीन की वैल्यूएशन के लिए ही ईडी की टीम आई है.

आजम खां की गिनती समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुस्लिम नेताओं में की होती है. यूपी में बीजेपी के सत्‍ता में आने के बाद उनके खिलाफ जमीन पर अवैध कब्‍जे और अन्‍य केस दर्ज किए गए हैं.हाल ही में जमीन पर कब्‍जा जमाने के मामले में सपा पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां (Azam Khan) को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है.

जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया. सुनवाई पूरी होने के बाद जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने 5 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. आजम के खिलाफ, वक्फ बोर्ड की जमीन गलत तरीके से अपने पक्ष में कराने के मामले में मुकदमा दर्ज किया था.

ये भी पढ़ें- ललितपुर: थाने में गैंगरेप पीड़ित से रेप का मामला, SIT ने जांच शुरू की

अगस्त 2019 में लखनऊ में पत्रकार अल्लामा जमीर नकवी ने यह मुकदमा दर्ज कराया था. बाद में रामपुर के अजीम नगर थाने में मुकदमा ट्रांसफर हुआ था. इस मामले में पहले 4 दिसंबर 2021 को फैसला सुरक्षित हो गया था, लेकिन राज्य सरकार ने एक अर्जी दाखिल कर कुछ नए तथ्य पेश करने की मांग की थी जिसके बाद कोर्ट ने दोबारा मामले की सुनवाई शुरू की थी.

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रामपुर: समाजवादी पार्टी नेता आजम खां की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. आजम खां से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम बुधवार को लखनऊ से रामपुर पहुंची. ईडी की टीम के साथ तहसीलदार प्रमोद कुमार के साथ आजम खां की यूनिवर्सिटी में पहुंचे. 250 सौ बीघा शत्रु संपत्ति के मामले की जांच करने ईडी की टीम पहुंची. बुधवार को ईडी की टीम और रामपुर राजस्व विभाग के अधिकारी दोनों ने मिलकर यूनिवर्सिटी में जाकर शत्रु सम्पत्ति की जांच की. अभी भी जांच जारी है.

प्रवर्तन निदेशालय ( Enforcement Directorate) ने आजम खां के अवैध कब्जे वाली प्रॉपर्टीज़ का ब्योरा मांगा है. इस मामले में रामपुर जिला प्रशासन ने एक टीम बनाई है. इस टीम में 9 लोग शामिल हैं. साथ ही सत्यापन की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में आजम ने रामपुर संसदीय सीट से जीत हासिल की थी, उन्‍होंने जेल में रहते हुए 2022 में विधानसभा चुनाव भी जीता था. विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्‍होंने लोकसभा सीट की सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया था.

जौहर यूनिवर्सिटी में ED की टीम की जांच जारी.

ईडी से शिकायत करने वाले मुख्य शिकायतकर्ता भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने कहा कि लगभग 1 से 1.5 साल पहले शिकायत की थी. आजम खान खुद कहा करते थे कि मेरी यूनिवर्सिटी में दाऊद का पैसा लगा हुआ है. दुबई से पैसा लगा हुआ है. इसी की शिकायत ईडी से की थी. मांग की थी कि यूनिवर्सिटी की जांच होनी चाहिए. आजम खान ने बाहर से ब्लैक मनी लाकर व्हाइट करने की कोशिश की है. साथ ही यह भी शिकायत की है कि दस हजार रुपए से खोली गई ट्रस्ट में आज इतना पैसा कहां से आ गया, इसकी जांच होनी चाहिए. जिन लोगों ने यूनिवर्सिटी को डोनेशन दिया है वह डोनेशन देने के लायक है या नहीं उसकी भी जांच होनी चाहिए. आकाश सक्सेना ने कहा आजम खां ने यूनिवर्सिटी में 60 करोड़ का निवेश दिखाया था जबकि इसमें हजारों करोड़ का निवेश है. इसकी जांच होनी चाहिए. वैल्यूएशन के आधार पर टैक्स लगना चाहिए. जमीन की वैल्यूएशन के लिए ही ईडी की टीम आई है.

आजम खां की गिनती समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुस्लिम नेताओं में की होती है. यूपी में बीजेपी के सत्‍ता में आने के बाद उनके खिलाफ जमीन पर अवैध कब्‍जे और अन्‍य केस दर्ज किए गए हैं.हाल ही में जमीन पर कब्‍जा जमाने के मामले में सपा पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां (Azam Khan) को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है.

जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया. सुनवाई पूरी होने के बाद जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने 5 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. आजम के खिलाफ, वक्फ बोर्ड की जमीन गलत तरीके से अपने पक्ष में कराने के मामले में मुकदमा दर्ज किया था.

ये भी पढ़ें- ललितपुर: थाने में गैंगरेप पीड़ित से रेप का मामला, SIT ने जांच शुरू की

अगस्त 2019 में लखनऊ में पत्रकार अल्लामा जमीर नकवी ने यह मुकदमा दर्ज कराया था. बाद में रामपुर के अजीम नगर थाने में मुकदमा ट्रांसफर हुआ था. इस मामले में पहले 4 दिसंबर 2021 को फैसला सुरक्षित हो गया था, लेकिन राज्य सरकार ने एक अर्जी दाखिल कर कुछ नए तथ्य पेश करने की मांग की थी जिसके बाद कोर्ट ने दोबारा मामले की सुनवाई शुरू की थी.

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Last Updated : May 11, 2022, 5:45 PM IST
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