रायबरेली: जिले के गोरा बाजार में शहर वासियों के कूड़े को ठिकाने लगाने के लिए कूड़ा निस्तारण केंद्र बनाया गया था. एक दशक पहले बनाए गए इस कूड़ा निस्तारण केंद्र की लागत उस समय करोड़ों रुपये आई थी. कूड़ा निस्तारण का काम महज ख्वाब बनकर ही रह गया. इतना ही नहीं आज यह केंद्र उनके लिए काल का गाल बना हुआ है. दअरसल, आये दिन यहां जमा कूड़े में आग लग जाती है और इसके कारण निकलने वाले धुंए से आस-पास के इलाकों के रहवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. शनिवार को भी इस केन्द्र में अचानक से आग लग गई. लोगों की शिकायत पर पहुंची फायर बिग्रेड भी रास्ता अवरुद्ध होने के कारण मौके तक नहीं पहुंची.
सोनिया गांधी की पहल पर बना था कूड़ा निस्तारण केंद्र
कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी की पहल पर करोड़ों की लागत से बनवाया गया कूड़ा निस्तारण केंद्र अपने मकसद में फेल साबित हो रहा है. इतना ही नहीं आसपास के घरों में रहने वालों के लिए भी यह जान का दुश्मन बन गया है. कूड़ा निस्तारण केंद्र बनवाने का उद्देश्य लोगों के घरों से निकल रहे कूड़े को ठिकाने लगाना था.
सांस की समस्याओं से हो रहे हैं पीड़ित
इस केंद्र में जमा कूड़े के ढेर में आये दिन आग लग जाती है और इससे कई दिनों तक जहीरला धुंआ निकला करता है. जो बच्चों से लेकर बड़ों और बुजुर्गों की जान के लिए खतरा बना हुआ है. धुएं की वजह से इस इलाके के लोग सांस की समस्याओं से पीड़ित हो रहे हैं.