ETV Bharat / state

मास्क के साथ चश्मे का करें इस्तेमाल, बरसात में आंखों का विशेष ख्याल जरूरी - eye safty news

कोरोना वायरस का शरीर में प्रवेश नाक, मुंह और आंख के माध्यम से होता है. ऐसे में डॉक्टर इन सभी अंगों को ढकने की सलाह दे रहे हैं. इसके बावजूद लोग फेसमास्क से मुंह-नाक तो ढक रहे हैं, लेकिन आंखों के मामले में कोताही बरत रहे हैं. इस मामले में रायबरेली नेत्र चिकित्सक डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि आंखों को किसी चश्मे या फेस शील्ड से ढक लें.

corona virus safety protocol
आंखों के मामले में लापरवाही का नतीजा हो सकता है घातक.
author img

By

Published : Jun 25, 2020, 12:38 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेली: तमाम अवसरों पर ऐहतियात के तौर पर लोग नाक व मुंह तो ढक रहे हैं, पर उतनी ही महत्वपूर्ण आखों की सुरक्षा को नजरअंदाज कर रहे हैं. हालांकि, किसी भी सूरत में आंखों को खुला न रखें. बरसात के दिनों में आंखों से जुड़े रोगों की भरमार रहती है. इस दौरान विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. ये बातें जिले के नेत्र चिकित्सक डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कही.

आंखों के मामले में लापरवाही का नतीजा हो सकता है घातक.

आंखों के मामले में लापरवाही का नतीजा हो सकता है घातक
डॉ. धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि आमतौर पर लोग मास्क का प्रयोग तो करते हैं, लेकिन आंखों को लेकर लापरवाही बरतते हैं. इसका नतीजा घातक भी हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि नाक व मुंह के साथ ही आंख को भी चश्मों के जरिए ढकें या फिर फेस शील्ड का प्रयोग करें.

बरसात में 'कंजक्टिवाइटिस' जैसे रोगों से रहें सचेत
बरसात में आंखों से जुड़ी 'कंजक्टिवाइटिस' जैसी बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है. कंजक्टिवाइटिस संक्रमण को भी कोरोना के संभावित लक्षणों से जोड़ते हुए डॉ. धर्मेंद्र कहते हैं कि पूरी दुनिया जिस बीमारी के चपेट में है, उससे हर हाल में सजग रहना है. खास बात यह है कि कंजक्टिवाइटिस से बचाव के तरीके भी वही हैं, जो कोविड के संक्रमण के हैं. हैंड हाइजीन का नियमित पालन करके ही इन बीमारियों से बचा जा सकता है. सैनिटाइजर का भी नियमित रूप से प्रयोग करते रहें. किसी दूसरे के आई ड्रॉप्स व तौलिये समेत अन्य सभी निजी सामानों का उपयोग न करें. अगर आंखों से जुड़े किसी संक्रमण का अंदेशा हो, तो किसी पेशेवर अनुभवी चिकित्सक से ही सलाह लें.

रायबरेली: तमाम अवसरों पर ऐहतियात के तौर पर लोग नाक व मुंह तो ढक रहे हैं, पर उतनी ही महत्वपूर्ण आखों की सुरक्षा को नजरअंदाज कर रहे हैं. हालांकि, किसी भी सूरत में आंखों को खुला न रखें. बरसात के दिनों में आंखों से जुड़े रोगों की भरमार रहती है. इस दौरान विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. ये बातें जिले के नेत्र चिकित्सक डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कही.

आंखों के मामले में लापरवाही का नतीजा हो सकता है घातक.

आंखों के मामले में लापरवाही का नतीजा हो सकता है घातक
डॉ. धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि आमतौर पर लोग मास्क का प्रयोग तो करते हैं, लेकिन आंखों को लेकर लापरवाही बरतते हैं. इसका नतीजा घातक भी हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि नाक व मुंह के साथ ही आंख को भी चश्मों के जरिए ढकें या फिर फेस शील्ड का प्रयोग करें.

बरसात में 'कंजक्टिवाइटिस' जैसे रोगों से रहें सचेत
बरसात में आंखों से जुड़ी 'कंजक्टिवाइटिस' जैसी बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है. कंजक्टिवाइटिस संक्रमण को भी कोरोना के संभावित लक्षणों से जोड़ते हुए डॉ. धर्मेंद्र कहते हैं कि पूरी दुनिया जिस बीमारी के चपेट में है, उससे हर हाल में सजग रहना है. खास बात यह है कि कंजक्टिवाइटिस से बचाव के तरीके भी वही हैं, जो कोविड के संक्रमण के हैं. हैंड हाइजीन का नियमित पालन करके ही इन बीमारियों से बचा जा सकता है. सैनिटाइजर का भी नियमित रूप से प्रयोग करते रहें. किसी दूसरे के आई ड्रॉप्स व तौलिये समेत अन्य सभी निजी सामानों का उपयोग न करें. अगर आंखों से जुड़े किसी संक्रमण का अंदेशा हो, तो किसी पेशेवर अनुभवी चिकित्सक से ही सलाह लें.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.