रायबरेली: यूपी में पंचायत चुनाव का शंखनाद हो चुका है. सरकार भी सभी तैयारियां पूरी होने का दावा कर रही है. सभी जिलों में परिसीमन का कार्य सम्पन्न हो चुका है. सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में परिसीमन के बाद नई सूरत नज़र आती है. राजनीतिक पंडितों के अनुसार इस परिवर्तन का असर होने वाले पंचायत चुनावों में साफ तौर से देखने को मिलेगा. यही कारण है कि कांग्रेस का गढ़ करार दिए जाने वाले रायबरेली में इस बार का पंचायत चुनाव बेहद रोमांचक प्रतीत हो रहा है.
साल 2015 के पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 52 थी. इस बार भी जिला पंचायत सदस्यों की इतनी ही बरकरार है, लेकिन क्षेत्र पंचायत सदस्यों की संख्या में बदलाव हुआ है. पहले जहां वर्ष 2015 में यह संख्या 1310 थी,वहीं इस बार यह आंकड़ा 1301 है. बात करे अगर ग्राम प्रधानों की, तो इस संख्या में कमी देखी गई है. पिछले बार वर्ष 2015 में जिले में कुल ग्राम प्रधानों की संख्या 989 थी. वहीं इस बार यह 988 रहेगी. ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या में भी कमी करते हुए 2015 में 12440 की अपेक्षा इस बार 12425 पद तय हुए हैं. हालांकि ब्लॉक प्रमुख के पदों की संख्या अभी भी 18 पर ही बरकरार है. वहीं राजस्व ग्राम की संख्या भी 1563 है.
परिसीमन के बाद बदला है चुनावी गणित
चुनावों में परिसीमन के बाद वोटरों की भी संख्या में भी इजाफा हुआ है. 2015 के चुनाव में जहां 19 लाख 71 हज़ार 766 मतदाता थे, वहीं इस बार मतदाता सूची के फाइनल प्रकाशन के बाद 21 लाख 19 हज़ार 998 मतदाता चिन्हित किए गए हैं. वर्ष 2015 की अपेक्षा में मतदान स्थलों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. बीते चुनावों में जहां मतदान स्थल की संख्या 3026 रही, वहीं इस बार 2021 में 3566 मतदान स्थल बनाए जाने की तैयारी है. गौरतलब है कि जनपद में ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या 26 लाख 5 हज़ार 365 आंकी गयी है.
रायबरेली पंचायत चुनाव के आंकड़ों पर एक नजर
वर्ष | कुल मतदाता |
2015 | 1971766 |
2021 | 2119998 |
पंचायत चुनाव में सदस्यों की संख्या
चुनाव | वर्ष 2015 | वर्ष 2021 |
जिला पंचायत सदस्य | 52 | 52 |
क्षेत्र पंचायत सदस्य | 1310 | 1301 |
ग्राम प्रधानों की संख्या | 989 | 988 |
ग्राम पंचायत सदस्य | 12440 | 12425 |
ब्लाक प्रमुख की संख्या | 18 | 18 |
मतदान स्थल | 3026 | 3566 |
ब्लॉक वार मतदाता सूची
ब्लॉक का नाम | मतदाता (2015) | मतदाता (2021) |
राही | 146334 | 160753 |
सताव | 124410 | 134052 |
आमावा | 98257 | 107245 |
हरचंदपुर | 103662 | 110819 |
डलमऊ | 132495 | 141704 |
दीनशाहगौरा | 75157 | 83121 |
लालगंज | 130225 | 138226 |
सरेनी | 146578 | 153989 |
ऊंचाहार | 112615 | 121931 |
खीरो | 124259 | 132632 |
जगतपुर | 67822 | 74029 |
रोहनिया | 57264 | 59214 |
महराजगंज | 98878 | 109842 |
बछरावां | 118678 | 125357 |
शिवगढ़ | 88495 | 93576 |
सलोन | 163142 | 176148 |
छतोह | 82852 | 90882 |
डीह | 100643 | 106478 |
कुल योग | 1971766 | 2119998 |
पंचायत चुनाव में होगा जोरदार मुकाबला
पंचायत चुनाव को लेकर रायबरेली में राजनीतिक घमासान छिड़ चुका है. सत्तारुढ़ दल भारतीय जनता पार्टी से लेकर देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी कांग्रेस इसमें अहम किरदार निभाने वाले हैं. समाजवादी पार्टी भी पंचायत चुनावों में रायबरेली जनपद में हमेशा से आक्रामक भूमिका में नजर आती रही है. यही कारण है कि इस बार भी सपा और बसपा कहीं कमतर नजर नहीं आते. पंचायत चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों का दबदबा हमेशा से कायम रहा है. कुछ यही कारण है कि कई दबंग उम्मीदवार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ने पर अमादा नजर आते हैं. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस के एकमात्र बचे गढ़ में पंचायत चुनाव को लेकर जोर आजमाइश चरम पर शुरू हो चुकी है और यह त्रिस्तरीय चुनाव 2022 में आने वाले विधानसभा चुनाव की दिशा और दशा तय करेगा.