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रायबरेलीः जान जोखिम में डाल पुल पार करने को मजबूर ग्रामीण - बछरांवा विकास खंड

कभी वीआईपी जिले में सुमार रायबरेली की इस समय जमीनी हकीकत बदतर हो चुकी है. आज हम आपको एक ऐसा पुल दिखाने जा रहे हैं जिसको आप देखकर खुद ही अनुमान लगा लेगें की यहां की हालत क्या हो चुकी है.

रायबरेली में जान जोखिम में डाल पुल पार करने को मजबूर ग्रामीण.
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Published : Sep 24, 2019, 3:08 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST

रायबरेलीः बछरांवा विकास खंड का पहनासा गांव, जंहा हजारों की आबादी आज भी जान हथेली पर रखकर अस्थाई तौर पर लोहे की पत्तियों से बने संकरे पुल से गुजर कर खेती करने जाती है. पुल से गिरकर कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए लेकिन जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक के कानों पर जूं नही रेंगी.

रायबरेली में जान जोखिम में डाल पुल पार करने को मजबूर ग्रामीण.


बारिश के पानी से तेज रफ्तार में ये नाला बहती है और पहनासा गांव के रहने वाले हजारों ग्रामीणों के लिए काल बना है, क्योंकि नाले के दूसरी ओर ग्रमीणों के खेत हैं जिसकी वजह से उनको रोजाना नाले को पार करना पड़ता है. आम दिनों में तो खास परेशानी नहीं होती लेकिन बारिश के समय में ये नाला अपने चरम पर रहता है.

पढ़ेंः- रायबरेली में चढ़ेगा सियासी तापमान, मुख्यमंत्री योगी और प्रियंका रहेंगे मौजूद

ग्रामीणों ने नाले को पार करने के लिए खुद ही एक अस्थायी लोहे की पत्तियों से पुल बना डाला, लेकिन ये इतना संकरा है कि कई बार ग्रामीण और उनके जानवर हादसे का शिकार हो जाते हैं. कितने जानवरों की जानें जा चुकी हैं वहीं कितने लोग अपने हांथ-पैर तुड़वा चुके हैं. ग्रामीणों ने नाले पर पुल बनवाने के लिए कई बार जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों से मांग की लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया. ग्रामीण इस समस्या के कारण आक्रोशित भी हैं.


वहीं इस मामले में जब जिलाधिकारी नेहा शर्मा से बात की गई तो उनका कहना था, कि मामला सिंचाई विभाग का है और उनसे मामले की जानकारी कर जल्द ही कार्यवाही की जाएगी. अभी तक इस पूरे मामले से अंजान जिला अधिकारी के संज्ञान में प्रकरण के आने के बाद ग्रामीणों को क्या लाभ मिलता है यह तो आने वाला समय ही तय करेगा.

रायबरेलीः बछरांवा विकास खंड का पहनासा गांव, जंहा हजारों की आबादी आज भी जान हथेली पर रखकर अस्थाई तौर पर लोहे की पत्तियों से बने संकरे पुल से गुजर कर खेती करने जाती है. पुल से गिरकर कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए लेकिन जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक के कानों पर जूं नही रेंगी.

रायबरेली में जान जोखिम में डाल पुल पार करने को मजबूर ग्रामीण.


बारिश के पानी से तेज रफ्तार में ये नाला बहती है और पहनासा गांव के रहने वाले हजारों ग्रामीणों के लिए काल बना है, क्योंकि नाले के दूसरी ओर ग्रमीणों के खेत हैं जिसकी वजह से उनको रोजाना नाले को पार करना पड़ता है. आम दिनों में तो खास परेशानी नहीं होती लेकिन बारिश के समय में ये नाला अपने चरम पर रहता है.

पढ़ेंः- रायबरेली में चढ़ेगा सियासी तापमान, मुख्यमंत्री योगी और प्रियंका रहेंगे मौजूद

ग्रामीणों ने नाले को पार करने के लिए खुद ही एक अस्थायी लोहे की पत्तियों से पुल बना डाला, लेकिन ये इतना संकरा है कि कई बार ग्रामीण और उनके जानवर हादसे का शिकार हो जाते हैं. कितने जानवरों की जानें जा चुकी हैं वहीं कितने लोग अपने हांथ-पैर तुड़वा चुके हैं. ग्रामीणों ने नाले पर पुल बनवाने के लिए कई बार जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों से मांग की लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया. ग्रामीण इस समस्या के कारण आक्रोशित भी हैं.


वहीं इस मामले में जब जिलाधिकारी नेहा शर्मा से बात की गई तो उनका कहना था, कि मामला सिंचाई विभाग का है और उनसे मामले की जानकारी कर जल्द ही कार्यवाही की जाएगी. अभी तक इस पूरे मामले से अंजान जिला अधिकारी के संज्ञान में प्रकरण के आने के बाद ग्रामीणों को क्या लाभ मिलता है यह तो आने वाला समय ही तय करेगा.

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नोट- फीड रैप से सेंड की गई है।

कभी पूरे देश मे वीआईपी जिले के नाम पर जाना जाने वाला रायबरेली के विकास की हकीकत क्या है अगर इसे देखना हो तो आइए आप बछरांवा विकास खंड के पहनासा गांव जंहा की हजारों की आबादी आज भी जान हथेली पर रखकर अस्थाई तौर पर लोहे की पत्तियों से बने संकरे पल से गुजर कर खेती करने जाते है।इस पुल से गिरकर कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए लेकिन जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक के कानों पर जूं नही रेंगी।Body: बारिश के पानी से तेज रफ्तार में बह रहा ये नाला पहनासा गांव के रहने वाले हजारों ग्रामीणों के लिए काल बन गया है क्योंकि इस नाले के दूसरी ओर उनके खेत है जिसकी वजह से उनको रोजाना ही इसे पर करना पड़ता है।आम दिनों में तो कोई परेशानी नही होती लेकिन बरसात के समय मे ये नाला अपने चरम पर रहता है और ग्रामीणों ने इसे पार करने के लिए खुद ही एक अस्थायी लोहे की पत्तियों से पुल बना डाला लेकिन ये इतना संकरा है कि कई बार ग्रामीण व उनके जानवर हादसे का शिकार हो जाते है।कितने तो जानवरो की जान जा चुकी है वही कितने लोग अपने हाथ व पैरो को तुड़वा चुके है।ग्रामीणों ने इसे वनवाने के लिए कई बार जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों से मांग की लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नही दिया जिससे उनमे आक्रोश है। वही इस मामले में जब जिलाधिकारी नेहा शर्मा से बात की गई तो उनका कहना था कि मामला सिचाई विभाग का है और उनसे मामले की जानकारी कर जल्द ही कार्यवाही की जाएगी।

बाईट-नेहा शर्मा (जिलाधिकारी रायबरेली)Conclusion:अभी तक इस पूरे मामले से अंजान जिला अधिकारी के संज्ञान में प्रकरण के आने के बाद ग्रामीणों को क्या लाभ मिलता है यह तो आने वाला समय ही तय करेगा।


प्रभाकर त्रिपाठी
रायबरेली
9984524647
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:19 PM IST
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