प्रयागराज: दिवाली के तीसरे दिन मुट्ठीगंज स्थित चित्रगुप्त मंदिर में कलम-दवात की पूजा की गई. कायस्थ समाज देवताओं के लेखाकार चित्रगुप्त महाराज की भैया दूज और यम द्वितीया के दिन खास पूजा करते हैं. 200 साल इस पुरानी मंदिर चित्रगुप्त महाराज और कलम-दवात की पूजा करने के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है.
दिवाली के तीसरे दिन होती है यह पूजा
चित्रगुप्त महाराज के मंदिर में दिवाली के तीसरे दिन कायस्थ परिवार के देवता चित्रगुप्त महाराज की पूजा बड़े ही धूमधाम से की जाती है. कहा जाता है कि चित्रगुप्त महाराज को देवगण का लेखपाल यानी मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखने वाला माना गया है.
200 साल पुरानी है मंदिर
मान्यता है कि इस दिन कायस्थ समाज का हर सदस्य कलम से कागज पर अपनी सालाना आय लिखकर, एक मंत्र के साथ वह कागज चित्रगुप्त महाराज के पास रख देता है. उसके बाद पूरी पूजा विधि अपनाई जाती है. चित्रगुप्त मंदिर और कायस्थ समाज के अध्यक्ष राघवेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि मुट्ठीगंज स्थित चित्र गुप्त महाराज की यह 200 साल पुरानी मंदिर है. यहां की परंपरा है कि दिवाली के तीसरे दिन भाई दूज पर्व के अवसर पर चित्रगुप्त महाराज और कलम दवात की विशेष रूप से पूजा पाठ की जाती है.
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इसके साथ मंदिर में यज्ञ के साथ ही पूजा शामिल होने वाले सभी सदस्यों की प्रसाद और कलम भी भेंट किया जाता है. कायस्थ समाज हर साल मंदिर में कलम दवात और चित्रगुप्त महाराज की पूजा करते हैं. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है.