कानपुर देहात: जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ जिस अफसर की शिकायत की गई तो उसी ने शिकायत करने वाली सफाईकर्मी का तबादला कर दिया और उसी कर्मी के खिलाफ जांच बैठा दी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया है और सरकारी वकील से तबादला करने वाले जिला पंचायत राज अधिकारी का पदभार संभाल रहे अधिकारी के बारे में ब्योरे के साथ जानकारी भी मांगी है. साथ ही मुख्य विकास अधिकारी द्वारा तबादले के अनुमोदन का आदेश पेश करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने कहा है कि यदि जानकारी नहीं दी जाती तो सीडीओ एवं डीपीआरओ, 12अक्तूबर को कोर्ट में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के जरिये हाजिर हो. यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने मालसा सफाई कर्मी सुनीता देवी की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता मुजीब अहमद सिद्दीकी ने बहस की.
याची ने डीपीआरओ के भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री व अन्य अधिकारियों से शिकायत की और जांच की मांग की. इसके बाद डीपीआरओ ने याची का सरवनखेडा विकास खंड की ग्राम पंचायत से मालसा विकास खंड की ग्राम पंचायत मालसा मे तबादला कर दिया. याची ने मालसा में कार्यभार ग्रहण कर लिया है और जांच बैठाकर याची को कारण बताओ नोटिस जारी की है. जिसे चुनौती दी गयी है.
बीएसए के आदेश के बावजूद लेखाधिकारी बेसिक नहीं कर रहा भुगतान
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा गोरखपुर से पूछा है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश के बावजूद किस अधिकार से याची के बकाया वेतन का भुगतान रोक रखा है. कोर्ट ने लेखाधिकारी को 17 नवम्बर तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने सेवानिवृत्त सहायक अध्यापक सीनियर बेसिक स्कूल झरवा सत्य नारायण गिरी व अन्य की याचिका पर दिया गया है. इस याचिका पर अधिवक्ता अनुराग शुक्ल ने बहस की.
याची अधिवक्ता का कहना है कि शिक्षा सत्र में परिवर्तन के कारण याची 31मार्च 16को सेवानिवृत्त हुआ. इससे पहले उसे एक जुलाई 16से सेवानिवृत्त मानते हुए कार्य नहीं करने दिया गया था. कोर्ट के आदेश से सेवा निरंतरता के साथ दुबारा कार्यभार ग्रहण कराया गया और वेतन भी दिया गया. जुलाई 16से दुबारा कार्यभार ग्रहण करने की अवधि का वेतन नहीं दिया गया. बीएसए ने बकाया वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया है. इसके बावजूद भुगतान नहीं किया गया है. जिसपर यह याचिका दाखिल की गयी है.