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फांसी की सजा पाने वाले वलीउल्लाह ने प्रयागराज से शुरू की थी आतंकी गतिविधियां

वाराणसी ब्लास्ट केस में फांसी की सजा पाने वाले आतंकी वलीउल्लाह का प्रयागराज से गहरा नाता रहा है. यहां के खोजा पुर गांव में रहने वाले वलीउल्लाह ने करीब 21 साल पहले यहीं से आतंकी गधिविधियों की शुरुआत की थी.

जानकारी देते डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि.
जानकारी देते डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि.
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Published : Jun 6, 2022, 11:08 PM IST

प्रयागराजः वाराणसी बम धमाके में फांसी की सजा पाने वाले आतंकी वलीउल्लाह का संगम नगरी प्रयागराज से भी नाता रहा है. वाराणसी में हुए बम ब्लास्ट के पहले से ही वलीउल्लाह खिलाफ फूलपुर थाने में देशद्रोह समेत संगीन धाराओं में केस दर्ज हो चुका था. 27 जून को इस मामले में सुनवाई है. डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि का कहना है कि आतंकी वलीउल्लाह से जुड़े इस मामले का फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल चल रहा है. मुकदमा अंतिम दौर में पहुंच गया है. उन्हें उम्मीद है कि इस मामले भी वलीउल्लाह को न्यायालय से सजा ही मिलेगी.

जानकारी देते डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि.
2001 में दर्ज हुआ था देशद्रोह का मुकदमाः साल 2006 में वाराणसी में हुए बम धमाकों का दोषी वलीउल्लाह का फूलपुर थाना क्षेत्र के खोजा पुर गांव में घर है. जहां पर वो अपने दो भाइयों के साथ रहता था.अप्रैल 2001 में स्थानीय पुलिस ने वलीउल्लाह को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के तहत देशद्रोह के केस में गिरफ्तार किया था. उस पर आरोप था कि उसका संबंध पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से है. इसके अलावा लखनऊ में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पाकिस्तानी आतंकी सलीम सज्जाद और पप्पू से भी उसके रिश्ते थे. देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर देश के अमन चैन को बिगाड़ने की साजिश करने का भी आरोप है.

बाबरी विध्वंस का बदला लेना चाहता थाःजनपद न्यायलय के डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि का कहना है कि पुलिस द्वारा पकड़ा गया आतंकी वलीउल्लाह अयोध्या में हुए बाबरी विध्वंस का बदला लेना चाहता था. इसी वजह से वो पाकिस्तानी आतंकियों के संपर्क में था. जैश मोहम्मद जैसे खतरनाक आतंकी संगठन से भी उसके तार जुड़े हुए पाए गए हैं. इतना ही नहीं प्रयागराज पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया था तो उसके पास से देश विरोधी कई दस्तावेज बरामद हुए थे. इसके साथ ही उसके पास से मिले साक्ष्यों से पता चलता है कि वो जिहाद के नाम पर देश में आतंक फैलाना चाहता था.

इसे भी पढ़ें-16 साल पहले धमाकों से कैसे दहली थी काशी, कैसे हत्थे चढ़ा था वलीउल्लाह? जानिए सब कुछ


21 साल पुराना मामला आखिरी दौर मेंः डीजीसी गुलाब चंद्र अग्रहरि का कहना है कि वलीउल्लाह के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा अंतिम दौर में पहुंच गया है. 27 जून को मामले की सुनवाई होनी है. सरकार की तरफ से सभी गवाह और सबूत दिए जा चुके हैं. बचाव पक्ष अपने बचाव में गवाही करवा रहा है. इस मामले में वलीउल्लाह को सजा देने के लिए कोर्ट में पर्याप्त साक्ष्य दिए जा चुके हैं. इसके साथ ही 23 गवाह भी कोर्ट में पेश किए जा चुके हैं. इस मामले में भी आतंकी वलीउल्लाह को आजीवन कारावास तक की सजा सुनाई जा सकती है.

वलीउल्लाह के भाई भी हैं आरोपीः गौरतलब है कि फूलपुर थाने में दर्ज 2001 के इस मामले में आतंकी वलीउल्लाह के खिलाफ 121 ए,122,124 ए के तहत केस दर्ज किया गया था. जिसमें उसके साथ ही उसका भाई उवैद उल्लाह और वसीउल्लाह भी आरोपी बनाए गए थे. इसके अलावा उजैर आलम और मुस्तकीम का भी नाम शामिल था. जिसमें से मुस्तकीम अभी तक फरार चल रहा है.

प्रयागराजः वाराणसी बम धमाके में फांसी की सजा पाने वाले आतंकी वलीउल्लाह का संगम नगरी प्रयागराज से भी नाता रहा है. वाराणसी में हुए बम ब्लास्ट के पहले से ही वलीउल्लाह खिलाफ फूलपुर थाने में देशद्रोह समेत संगीन धाराओं में केस दर्ज हो चुका था. 27 जून को इस मामले में सुनवाई है. डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि का कहना है कि आतंकी वलीउल्लाह से जुड़े इस मामले का फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल चल रहा है. मुकदमा अंतिम दौर में पहुंच गया है. उन्हें उम्मीद है कि इस मामले भी वलीउल्लाह को न्यायालय से सजा ही मिलेगी.

जानकारी देते डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि.
2001 में दर्ज हुआ था देशद्रोह का मुकदमाः साल 2006 में वाराणसी में हुए बम धमाकों का दोषी वलीउल्लाह का फूलपुर थाना क्षेत्र के खोजा पुर गांव में घर है. जहां पर वो अपने दो भाइयों के साथ रहता था.अप्रैल 2001 में स्थानीय पुलिस ने वलीउल्लाह को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के तहत देशद्रोह के केस में गिरफ्तार किया था. उस पर आरोप था कि उसका संबंध पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से है. इसके अलावा लखनऊ में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पाकिस्तानी आतंकी सलीम सज्जाद और पप्पू से भी उसके रिश्ते थे. देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर देश के अमन चैन को बिगाड़ने की साजिश करने का भी आरोप है.

बाबरी विध्वंस का बदला लेना चाहता थाःजनपद न्यायलय के डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि का कहना है कि पुलिस द्वारा पकड़ा गया आतंकी वलीउल्लाह अयोध्या में हुए बाबरी विध्वंस का बदला लेना चाहता था. इसी वजह से वो पाकिस्तानी आतंकियों के संपर्क में था. जैश मोहम्मद जैसे खतरनाक आतंकी संगठन से भी उसके तार जुड़े हुए पाए गए हैं. इतना ही नहीं प्रयागराज पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया था तो उसके पास से देश विरोधी कई दस्तावेज बरामद हुए थे. इसके साथ ही उसके पास से मिले साक्ष्यों से पता चलता है कि वो जिहाद के नाम पर देश में आतंक फैलाना चाहता था.

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21 साल पुराना मामला आखिरी दौर मेंः डीजीसी गुलाब चंद्र अग्रहरि का कहना है कि वलीउल्लाह के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा अंतिम दौर में पहुंच गया है. 27 जून को मामले की सुनवाई होनी है. सरकार की तरफ से सभी गवाह और सबूत दिए जा चुके हैं. बचाव पक्ष अपने बचाव में गवाही करवा रहा है. इस मामले में वलीउल्लाह को सजा देने के लिए कोर्ट में पर्याप्त साक्ष्य दिए जा चुके हैं. इसके साथ ही 23 गवाह भी कोर्ट में पेश किए जा चुके हैं. इस मामले में भी आतंकी वलीउल्लाह को आजीवन कारावास तक की सजा सुनाई जा सकती है.

वलीउल्लाह के भाई भी हैं आरोपीः गौरतलब है कि फूलपुर थाने में दर्ज 2001 के इस मामले में आतंकी वलीउल्लाह के खिलाफ 121 ए,122,124 ए के तहत केस दर्ज किया गया था. जिसमें उसके साथ ही उसका भाई उवैद उल्लाह और वसीउल्लाह भी आरोपी बनाए गए थे. इसके अलावा उजैर आलम और मुस्तकीम का भी नाम शामिल था. जिसमें से मुस्तकीम अभी तक फरार चल रहा है.

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