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प्रयागराज: शिव कचहरी के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर, कान पकड़ कर क्षमा मांगते हैं श्रद्धालु

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Published : Aug 6, 2019, 3:21 PM IST

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक ऐसा मंदिर है जहां 286 शिवलिंग स्थापित हैं. मंदिर में भक्त हर दिन नए शिवलिंग की पूजा करते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर का र्निमाण नेपाल के राजा ने कराया था.

प्रयागराज में स्थित शिव कचहरी मंदिर

प्रयागराज: सावन के महीने में किसी भी शिव मन्दिर में भगवान शिव की आराधना करना पुण्यकारी माना जाता है, लेकिन प्रयागराज में महादेव का एक ऐसा मन्दिर है जहां 286 शिवलिंग स्थापित हैं. मंदिर को नेपाल के राजा ने 1865 ई. में स्थापित किया था.

शिव कचहरी के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में है 286 शिवलिंग

मंदिर की मान्यता-

सावन माह में इस मंदिर में एक शिवलिंग से पूजा का सिलसिला शुरू करके भक्त हर दिन नए शिवलिंग की पूजा करते हैं. यहां ऐसी मान्यता है कि भक्त उठक बैठक लगाकर भगवान शिव से अपनी गलती की क्षमा मांगते हैं. यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना निश्चित रूप से पूर्ण होती है.

कोर्ट परिसर की तरह है यह मंदिर-
प्रयागराज के शिवकुटी इलाके में स्थित शिव कचहरी मंदिर अदालत के जैसे नजर आता है. शिवलिंग के समूह वाले इस मन्दिर को शिव-कचहरी के नाम से जाना जाता है. मंदिर के चारो तरफ गेरुए रंग से पुताई की गई है.

प्रयागराज: सावन के महीने में किसी भी शिव मन्दिर में भगवान शिव की आराधना करना पुण्यकारी माना जाता है, लेकिन प्रयागराज में महादेव का एक ऐसा मन्दिर है जहां 286 शिवलिंग स्थापित हैं. मंदिर को नेपाल के राजा ने 1865 ई. में स्थापित किया था.

शिव कचहरी के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में है 286 शिवलिंग

मंदिर की मान्यता-

सावन माह में इस मंदिर में एक शिवलिंग से पूजा का सिलसिला शुरू करके भक्त हर दिन नए शिवलिंग की पूजा करते हैं. यहां ऐसी मान्यता है कि भक्त उठक बैठक लगाकर भगवान शिव से अपनी गलती की क्षमा मांगते हैं. यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना निश्चित रूप से पूर्ण होती है.

कोर्ट परिसर की तरह है यह मंदिर-
प्रयागराज के शिवकुटी इलाके में स्थित शिव कचहरी मंदिर अदालत के जैसे नजर आता है. शिवलिंग के समूह वाले इस मन्दिर को शिव-कचहरी के नाम से जाना जाता है. मंदिर के चारो तरफ गेरुए रंग से पुताई की गई है.

Intro:प्रयागराज: शिव कचहरी के नाम से फेमस है यह मंदिर, कान पकड़ कर छामा मांगते है श्रद्धालु

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सुमित यादव
सावन स्पेशल मंदिर स्टोरी

प्रयागराज: सावन के महीने भगवान शिव का पूजा अर्चना करना और किसी भी शिव मन्दिर में आराधना करना पुण्य कारी माना जाता है. लेकिन प्रयागराज में महादेव का एक ऐसा मन्दिर भी है जहां एक नहीं दो नहीं बल्कि 286 शिवलिंग स्थापित हैं. मंदिर की खास बात यह है कि नेपाल से आए राजा ने 1865 ई. में स्थापित किया था. इस मंदिर को शिव कचहरी के नाम से जाना जाता है.
सावन माह में इस मंदिर में एक शिवलिंग से पूजा का सिलसिला शुरू करके भक्त हर दिन नए शिव लिंग की पूजा अर्चना करते हैं. शिवलिंगो के समूह वाले इस मन्दिर को शिव -कचहरी के नाम से जाना जाता है. यहां ऐसी मान्यता है कि भक्त उठक बैठक लगाकर भगवान शिव से अपनी गलती का छामा मांगते हैं.
मंदिर में आने वाले भक्त पूरे माह भगवान शिव के सामने हाजिरी लगाते हैं.

शिवकुटी स्थित गंगा किनारे स्थित इस मन्दिर पर हर साल सावन में बड़े ही धूमधाम से पूजा अर्चना होता है और दूर-दूर से यहां भक्तगण आते हैं और कान पकड़कर भगवान शिव से छामा मांगते हैं. यहां वाले भक्तों की मनोकामना निश्चित रूप से पूर्ण होती है.


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Body:कोर्ट परिसर की तरह है यह मंदिर

प्रयागराज के शिवकुटी इलाके में स्थित शिव कचहरी के चारो तरफ़ गेरुए रंग से पुताई की गई है. इस मंदिर की  बनावट देखने में अदालत के जैसे नजर आती है. लेकिन मंदिर के अन्दर सुबह से ही ॐ नमः शिवाय के जयकारे लगाने लगते हैं. मंदिर की आवाज सुनकर पहली बार आने वाले चौक जाते है.

यह अदालत है महादेव की जिसे कहा जाता है -शिव कचहरी , जिसमे शिव जी यहाँ आने वाले भक्तों  को उनके कर्मों का फैसला करते हैं , भक्त यहाँ मुलजिमों की तरह ही कान पकड़ कर अपनी गलतियों के लिए माफ़ी मांगते हैं.






Conclusion: शिव कचहरी में स्थापित है 286 शिवलिंग

मंदिर के पुजारी शम्भू नाथ बताते है कि इस मंदिर को नेपाल के राजा ने विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा कर यहां के भगवान को स्थापित किया था. इस मंदिरनकी दूसरी ख़ास बात यह है कि यहाँ बनाए गए एक दो नही बल्कि 286 शिवलिंग जिसके साथ यह धार्मिक मान्यता जुड़ी है. यहाँ सावन के महीने में किसी एक शिवलिंग को आरम्भिक इष्ट मानकर साल के हर नए दिन एक नए शिव लिंग की पूजा -आराधना का संकल्प लेकर भगवान शिव से अपनी गलतियों का छामा मांगते हैं.

सावन के महीने में कहीं शिव भक्त कावरिया अपनी शिव भक्ति में लीन हैं तो कहीं संगम में शिवभक्त दुबकी लगाकर शिव अर्चना में लगे हैं. लेकिन  इलाहाबाद में गंगा तट पर स्थित इस शिव कचहरी में सावन के महीने में जो  शिवभक्त आते हैं वे ख़ुद को आराधक कम अपराधी ज्यादा मानते है.

बाईट- शम्भू नाथ , मंदिर के पुजारी




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