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सहायक अध्यापक नियुक्ति के बावजूद ज्वाइनिंग न कराने पर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से जवाब-तलब

यह आदेश न्यायमूर्ति आर.आर अग्रवाल ने मुजफ्फरनगर के गौतम मंझोलिया की याचिका पर दिया गया है. याची अधिवक्ता का कहना है कि याची अनुसूचित जाति का अभ्यर्थी है. लिखित परीक्षा में सफल घोषित किया गया. जिला आवंटित किया गया.

सहायक अध्यापक नियुक्ति के बावजूद ज्वाइनिंग न कराने पर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से तलब
सहायक अध्यापक नियुक्ति के बावजूद ज्वाइनिंग न कराने पर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से तलब
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Published : Jan 22, 2022, 10:49 PM IST

Updated : Jan 22, 2022, 10:57 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित को नियुक्ति पत्र जारी होने के बावजूद ज्वाइनिंग न कराने पर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज से दो हफ्ते में जवाब मांगा है.

कोर्ट ने याची अधिवक्ता मुजीब अहमद सिद्दीकी से एक हफ्ते में याचिका की प्रति परीक्षा नियामक प्राधिकारी के अधिवक्ता अमित शुक्ल को देने और बोर्ड को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने सरकारी वकील से भी इस संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है.

यह आदेश न्यायमूर्ति आर.आर अग्रवाल ने मुजफ्फरनगर के गौतम मंझोलिया की याचिका पर दिया गया है. याची अधिवक्ता का कहना है कि याची अनुसूचित जाति का अभ्यर्थी है. लिखित परीक्षा में सफल घोषित किया गया. जिला आवंटित किया गया.

उसने शैक्षिक दस्तावेज दिखाये और 5 दिसंबर 20 को नियुक्ति पत्र जारी किया गया. उसे सात दिन में चार्ज लेने का निर्देश दिया गया. किंतु बीएसए ने ज्वाइन नहीं कराया तो याची ने प्रत्यावेदन दिया. 1 जुलाई 2021 के प्रत्यावेदन तय नहीं किया गया है न ही उसे इसका कारण बताया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने हत्या के मामले को दिया मानव वध करार, उम्रकैद की सजा को 9 साल की कैद में किया तब्दील

रिलायंस जियो को विद्युत पोल पर वाई-फाई बूस्टर लगाने को दिखानी होगी एनओसी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेसर्स रिलायंस जियो इंफोकॉम कंपनी की फाइबर आप्टिकल कंपनी को विद्युत पोल पर वाई-फाई बूस्टर एम्प्लीफायर लगाने की पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की अनापत्ति के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. कहा है कि हलफनामे में स्पष्ट किया जाय की अनापत्ति पत्र मौके का निरीक्षण करने के बाद जारी किया गया है. याचिका की सुनवाई 17 फरवरी को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति एस.के यादव की खंडपीठ ने प्रयागराज के अधिवक्ता अरूण मिश्र की याचिका पर दिया है. याची का कहना है कि भारतीय इलेक्ट्रिसिटी रूल 88(5) में सुरक्षा गाइडलाइंस दी गई है. इसका कंपनी उल्लंघन कर रही है. अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त किए बगैर विद्युत पोल पर केबल बिछाई जा रही है. इससे याची के एरिया की विद्युत आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है.

कंपनी की तरफ से अधिवक्ता उदित चंद्रा ने कोर्ट को बताया कि 5 अप्रैल 21 के पत्र पर अमल किया गया है. बिजली विभाग से अनुमति ली गई है. अनापत्ति भी प्राप्त कर ली गई है. इस पर कोर्ट ने अनापत्ति प्रमाणपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है.

यह भी पढ़ें : मजिस्ट्रेट को पुलिस विवेचना की माॅनीटरिंग करने का है हक : हाईकोर्ट

'उप्र जल निगम कर्मियों की वरिष्ठता सूची तैयार कर तीन माह में प्रोन्नति प्रक्रिया पूरी करें'

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र जल निगम के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची तैयार कर तीन माह में खाली पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने विवेक सिंह व 16 अन्य की याचिका पर दिया गया है.

विपक्षी अधिवक्ता प्रांजल मेहरोत्रा ने कोर्ट को बताया कि जल निगम दो भागों में विभाजित किया गया है. इससे प्रशासनिक कारणों से वरिष्ठता सूची तैयार नहीं हो सकी है. आपत्तियों का निस्तारण कर एक माह में सूची तैयार कर ली जाएगी.

प्रदेश में चुनाव आचार संहिता के कारण प्रोन्नति कमेटी की बैठक मार्च 22 में हो सकेगी. जब भी पदोन्नति प्रक्रिया शुरू होगी, याचियों पर भी विचार किया जाएगा. याचिका निस्तारित करते हुए कोर्ट ने पदोन्नति प्रक्रिया तीन माह में पूरी करने का निर्देश दिया है.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित को नियुक्ति पत्र जारी होने के बावजूद ज्वाइनिंग न कराने पर सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज से दो हफ्ते में जवाब मांगा है.

कोर्ट ने याची अधिवक्ता मुजीब अहमद सिद्दीकी से एक हफ्ते में याचिका की प्रति परीक्षा नियामक प्राधिकारी के अधिवक्ता अमित शुक्ल को देने और बोर्ड को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने सरकारी वकील से भी इस संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है.

यह आदेश न्यायमूर्ति आर.आर अग्रवाल ने मुजफ्फरनगर के गौतम मंझोलिया की याचिका पर दिया गया है. याची अधिवक्ता का कहना है कि याची अनुसूचित जाति का अभ्यर्थी है. लिखित परीक्षा में सफल घोषित किया गया. जिला आवंटित किया गया.

उसने शैक्षिक दस्तावेज दिखाये और 5 दिसंबर 20 को नियुक्ति पत्र जारी किया गया. उसे सात दिन में चार्ज लेने का निर्देश दिया गया. किंतु बीएसए ने ज्वाइन नहीं कराया तो याची ने प्रत्यावेदन दिया. 1 जुलाई 2021 के प्रत्यावेदन तय नहीं किया गया है न ही उसे इसका कारण बताया जा रहा है.

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रिलायंस जियो को विद्युत पोल पर वाई-फाई बूस्टर लगाने को दिखानी होगी एनओसी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेसर्स रिलायंस जियो इंफोकॉम कंपनी की फाइबर आप्टिकल कंपनी को विद्युत पोल पर वाई-फाई बूस्टर एम्प्लीफायर लगाने की पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की अनापत्ति के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. कहा है कि हलफनामे में स्पष्ट किया जाय की अनापत्ति पत्र मौके का निरीक्षण करने के बाद जारी किया गया है. याचिका की सुनवाई 17 फरवरी को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति एस.के यादव की खंडपीठ ने प्रयागराज के अधिवक्ता अरूण मिश्र की याचिका पर दिया है. याची का कहना है कि भारतीय इलेक्ट्रिसिटी रूल 88(5) में सुरक्षा गाइडलाइंस दी गई है. इसका कंपनी उल्लंघन कर रही है. अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त किए बगैर विद्युत पोल पर केबल बिछाई जा रही है. इससे याची के एरिया की विद्युत आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है.

कंपनी की तरफ से अधिवक्ता उदित चंद्रा ने कोर्ट को बताया कि 5 अप्रैल 21 के पत्र पर अमल किया गया है. बिजली विभाग से अनुमति ली गई है. अनापत्ति भी प्राप्त कर ली गई है. इस पर कोर्ट ने अनापत्ति प्रमाणपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र जल निगम के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची तैयार कर तीन माह में खाली पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने विवेक सिंह व 16 अन्य की याचिका पर दिया गया है.

विपक्षी अधिवक्ता प्रांजल मेहरोत्रा ने कोर्ट को बताया कि जल निगम दो भागों में विभाजित किया गया है. इससे प्रशासनिक कारणों से वरिष्ठता सूची तैयार नहीं हो सकी है. आपत्तियों का निस्तारण कर एक माह में सूची तैयार कर ली जाएगी.

प्रदेश में चुनाव आचार संहिता के कारण प्रोन्नति कमेटी की बैठक मार्च 22 में हो सकेगी. जब भी पदोन्नति प्रक्रिया शुरू होगी, याचियों पर भी विचार किया जाएगा. याचिका निस्तारित करते हुए कोर्ट ने पदोन्नति प्रक्रिया तीन माह में पूरी करने का निर्देश दिया है.

Last Updated : Jan 22, 2022, 10:57 PM IST
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