प्रयागराजः जिले में गुरुवार को अवैध बालू खनन रोकने पहुंची पुलिस टीम को माफियाओं ने घेरकर बालू मजदूरों से पथराव करा दिया. इससे पुलिस बैकफुट पर आ गई. बाद में भारी संख्या में पुलिस बल व पीएसी जवानों ने पहुंचकर उपद्रवियों पर बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में 6 से अधिक बालू मजदूर घायल हो गए. पुलिस की ओर से कई नावें तोड़े जाने से बालू मजदूरों में गहरी नाराजगी है.
घूरपुर की घटना
जिले के घूरपुर के बसवार गांव में कई महीने से शिकायत मिल रही थी कि माफियाओं की ओर से अवैध बालू खनन कराया जा रहा है. गुरुवार दोपहर सूचना पर एडीएम प्रशासन विजय शंकर द्विवेदी व एसपी यमुनापार कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे. यमुना घाट पर कार्रवाई करने टीम पहुंची तो बालू माफियाओं के इशारे पर भारी संख्या में महिला व पुरुष बालू मजदूरों ने हाथों में लाठी-डंडे, बेलचा लेकर नारेबाजी करते हुए पुलिस टीम को घेरकर पथराव शुरू कर दिया. अचानक हुए हमले से पुलिस टीम बैकफुट पर आ गई. कार्रवाई को पहुंचे अधिकारियों ने हालात देखकर कई और थानों की फोर्स सहित पीएसी जवानों को बुलाया. अतिरिक्त फोर्स आने पर पुलिस टीम ने बालू मजदूरों पर बल प्रयोग करते हुए खदेड़ दिया. पुलिस के बल प्रयोग से गौतम निषाद (55) व रेनू निषाद गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया. इसी के साथ कई अन्य मजदूर भी घायल हो गए हैं. भारी फोर्स आने के बाद मजदूर दूर भाग गए. बाद में गांव की महिला मजदूरों ने प्रशासनिक अधिकारियों से बालू खनन शुरू कराने को लेकर बातचीत की. बालू खनन बंद होने से उत्पन्न समस्याएं अफसरों को बताईं. अधिकारियों ने समझा-बुझा कर उन्हें शांत किया. अवैध रूप से बालू खनन कराए गए डंप बालू को प्रशासनिक अफसरों ने जेसीबी से यमुना में डलवा दिया. बालू के परिवहन मार्ग पर जेसीबी से गड्ढ़ा कराकर रास्ता अवरुद्ध करा दिया गया.
नाव की तोड़फोड़ से भड़के मजदूर
बसवार में अवैध बालू खनन रोकने के लिए पुलिस बल के साथ पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी की मौजूदगी में जब कुछ पुलिसकर्मी यमुना घाट पर बंधी दो दर्जन नावों में तोड़फोड़ करने लगे तो मजदूरों ने विरोध किया. मजदूरों का कहना था कि बालू माफियाओं पर कार्रवाई होनी चाहिए, नावें तो उनकी हैं. उन लोगों ने पुलिसकर्मियों को तोड़फोड़ करने से मना किया लेकिन पुलिस नहीं मानी. इससे आक्रोशित बालू मजदूरों ने पुलिस को घेरकर पथराव शुरू कर दिया. इससे हालत कुछ घंटों के लिए बेकाबू हो गए. बालू मजदूरों का आरोप है कि दो दर्जन नावों को पुलिस ने तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया. माफियाओं पर कार्रवाई करने की बजाय मजदूरों पर पुलिस ने लाठी बरसाकर कई महिला और पुरुष मजदूरों को घायल कर दिया.