प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दुष्कर्म के आरोपी पिता और भाई को राहत देने से इंकार करते हुए ज़मानत अजी खारिज कर दी है. दोनों पर अपनी सगी बेटी और बहन से दुष्कर्म का आरोप है. हाईकोर्ट ने ज़मानत अर्जी खारिज़ करते हुए एसएसपी मेरठ को निर्देश दिया है कि मुकदमे के गवाहों की ट्रायल कोर्ट में समय से उपस्थिति सुनिश्चित की जाए.
आरोपी मेरठ के रहने वाले हैं. जमानत याचिका दाखिल कर आरोपी ने कहा कि वह 2019 से जेल में बंद हैं. मुकदमे का ट्रायल जल्दी पूरा होने की संभावना नहीं है, इसलिए जमानत दी जाए. अपर शासकीय अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि पीड़िता के गर्भ होने से उसके आरोपों की पुष्टि होती है. हाईकोर्ट ने ज़मानत अर्जी खारिज़ करते हुए एसएसपी मेरठ को निर्देश दिया है कि मुकदमे के गवाहों की ट्रायल कोर्ट में समय से उपस्थिति सुनिश्चित की जाए. कोर्ट ने कहा कि 'पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोप बेहद गंभीर और रेयर (विरल) है. यह खून के रिश्ते और भरोसे से अक्षम्य विश्वासघात है. जिस पिता और भाई के हाथ उनकी बेटी और बहन के सम्मान की रक्षा के लिए होते हैं वह उसे नष्ट करने का औजार बन गए हैं.'
यह था मामला : बता दें कि पीड़िता ने मार्च 2019 में अपने पिता और भाई पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज़ कराई थी. आरोप लगाया था कि पिता और भाई पिछले तीन चार वर्षों से उसके साथ दुष्कर्म कर रहे हैं. आरोप था कि विरोध करने पर उसे डरा धमका कर चुप करा दिया जाता है. पीड़िता ने दुष्कर्म से पांच माह के गर्भ होने का भी आरोप लगाया था. मेडिकल जांच के दौरान भी उसने आरोपों को दोहराया था.