ETV Bharat / state

शवों का अनादर : रेत में दफन लाशों को नोचते आवारा कुत्ते - कोरोना वायरस से मौत

प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर घाट की रेती में दफन शवों को कुत्ते नोच-नोचकर खा रहे हैं. स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन से कुछ करने की मांग की है. उधर प्रशासन का कहना है कि रेती में दफन ये शव दो से तीन महीने पुराने हैं. देखिए यह स्पेशल रिपोर्ट...

Etv bharat
प्रयागराज
author img

By

Published : May 19, 2021, 11:02 PM IST

प्रयागराज : श्रृंगवेरपुर घाट पर अचानक बड़ी संख्या में शवों को देखकर हर कोई हैरान है. जो भी यहां पहुंच रहा है वह यही कह रहा है कि ऐसे हालात पहले नहीं देखे. अब कोरोना काल में ही इतने शवों का रेती में दिखना और प्रशासन का सबकुछ ठीक है, कह देना कई सवाल खड़े करता है. जिधर तक नजर जा रही है शव ही शव नजर आ रहे हैं. लेकिन हाकिम कहते हैं कि सब ठीक है. श्रृंगवेरपुर घाट पर शवयात्रा में पहुंचे अमरनाथ कहते हैं कि श्रृंगवेरपुर घाट आस्था के लिए जाना जाता है. सरकार को इन शवों के लिए कुछ करना चाहिए.

वीडियो रिपोर्ट

शवों को बचाने की लगा रहे गुहार

घाट के पास ही रहने वाले स्थानीय निवासी मेवालाल मौर्या कहते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान गरीब लोग परेशान थे. पैसे के अभाव में लोगों ने अपनों के शवों को गाड़ दिया. धूल उड़ने पर अब शव दिखने लगे हैं. शवों को आवारा कुत्ते नोच रहे हैं. शवों को बचाने के लिए प्रशासन को आगे आना चाहिए.

Etv bharat
रेती के नीचे गाड़े गये शव

प्रशासन के अपने दावे

रेती में इतने शवों के बारे में एसडीएम अनिल चतुर्वेदी से जब सवाल किया गया तब उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के कुछ पंथ के अनुसार कुछ शवों को जलाया नहीं जाता. जैसे साधु-महात्मा, नाबालिग बच्चे, अविवाहित लड़कियों के शवों को गाड़ दिया जाता है. उन्होंने यह भी दावा कि रेती में दिख रहे शव दो-तीन महीने पुराने हैं और ये अभी के नहीं हैं. अनिल चतुर्वेदी ने कहा कि शवों को रेत में गाड़ा नहीं जाए इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है और इसके लिए इंतजाम भी किए जा रहे हैं.

Etv bharat
दूर-दूर तक फैले शव

कौन लेगा इनकी सुध ?

लेकिन, इन तस्वीरों को देखकर यही कहा जा सकता है कि चैन से जी तो ना सके और मरने के बाद चैन से सो भी नहीं सके. जवाब देने वाले हर शख्स को यह अहसास होना चाहिए कि जो रेतों के नीचे दफन हैं, वह भी हमारे और आपके बीच का ही था. वह भी इसी देश का निवासी था और उसे भी हक़ था सम्मान के साथ अंतिम संस्कार का.

इसे भी पढ़ें - कोरोना का कहर, चार कंधे की जगह अब चार पहिये पर अर्थी

प्रयागराज : श्रृंगवेरपुर घाट पर अचानक बड़ी संख्या में शवों को देखकर हर कोई हैरान है. जो भी यहां पहुंच रहा है वह यही कह रहा है कि ऐसे हालात पहले नहीं देखे. अब कोरोना काल में ही इतने शवों का रेती में दिखना और प्रशासन का सबकुछ ठीक है, कह देना कई सवाल खड़े करता है. जिधर तक नजर जा रही है शव ही शव नजर आ रहे हैं. लेकिन हाकिम कहते हैं कि सब ठीक है. श्रृंगवेरपुर घाट पर शवयात्रा में पहुंचे अमरनाथ कहते हैं कि श्रृंगवेरपुर घाट आस्था के लिए जाना जाता है. सरकार को इन शवों के लिए कुछ करना चाहिए.

वीडियो रिपोर्ट

शवों को बचाने की लगा रहे गुहार

घाट के पास ही रहने वाले स्थानीय निवासी मेवालाल मौर्या कहते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान गरीब लोग परेशान थे. पैसे के अभाव में लोगों ने अपनों के शवों को गाड़ दिया. धूल उड़ने पर अब शव दिखने लगे हैं. शवों को आवारा कुत्ते नोच रहे हैं. शवों को बचाने के लिए प्रशासन को आगे आना चाहिए.

Etv bharat
रेती के नीचे गाड़े गये शव

प्रशासन के अपने दावे

रेती में इतने शवों के बारे में एसडीएम अनिल चतुर्वेदी से जब सवाल किया गया तब उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के कुछ पंथ के अनुसार कुछ शवों को जलाया नहीं जाता. जैसे साधु-महात्मा, नाबालिग बच्चे, अविवाहित लड़कियों के शवों को गाड़ दिया जाता है. उन्होंने यह भी दावा कि रेती में दिख रहे शव दो-तीन महीने पुराने हैं और ये अभी के नहीं हैं. अनिल चतुर्वेदी ने कहा कि शवों को रेत में गाड़ा नहीं जाए इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है और इसके लिए इंतजाम भी किए जा रहे हैं.

Etv bharat
दूर-दूर तक फैले शव

कौन लेगा इनकी सुध ?

लेकिन, इन तस्वीरों को देखकर यही कहा जा सकता है कि चैन से जी तो ना सके और मरने के बाद चैन से सो भी नहीं सके. जवाब देने वाले हर शख्स को यह अहसास होना चाहिए कि जो रेतों के नीचे दफन हैं, वह भी हमारे और आपके बीच का ही था. वह भी इसी देश का निवासी था और उसे भी हक़ था सम्मान के साथ अंतिम संस्कार का.

इसे भी पढ़ें - कोरोना का कहर, चार कंधे की जगह अब चार पहिये पर अर्थी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.