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विधायक विजय मिश्रा के मकान ध्वस्तीकरण पर लगी रोक HC ने 15 दिसम्बर तक बढ़ाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक विजय मिश्रा के प्रयागराज स्थित मकान के ध्वस्तीकरण पर लगी रोक को पन्द्रह दिसंबर तक बढ़ा दी है. कोर्ट ने राज्य सरकार व प्रयागराज विकास प्राधिकरण से दो सप्ताह मे याचिका पर जवाब मांगा है.

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Published : Dec 3, 2020, 5:14 AM IST

विधायक विजय मिश्रा के मकान ध्वस्तीकरण पर लगी रोक
विधायक विजय मिश्रा के मकान ध्वस्तीकरण पर लगी रोक

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक विजय मिश्रा के प्रयागराज स्थित मकान के ध्वस्तीकरण पर लगी रोक 15 दिसम्बर तक बढ़ा दी है. याची को नक्शे के विपरीत निर्माण हटाने की छूट जारी रखी है. विकास प्राधिकरण ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया है. कोर्ट ने याची को इसका जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. याचिका की सुनवाई 15 दिसम्बर को होगी.

इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार व प्रयागराज विकास प्राधिकरण से दो सप्ताह मे याचिका पर जवाब मांगा था और कहा था कि हलफनामें में इस बात का खुलासा करें कि याची को प्रतिवाद करने व सुनवाई का उचित अवसर क्यों नहीं दिया गया. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने इंद्र कली व अन्य की याचिका पर दिया है.

याची अधिवक्ता लोकेश कुमार द्विवेदी का कहना था कि 5 नवम्बर को शाम पांच बजे ध्वस्तीकरण का आदेश किया और 15 मिनट के भीतर कार्रवाई शुरू कर दी. याची को बचाव का मौका देने से इंकार कर दिया गया. यह भी कहा गया कि मकान दोनों याचियों के नाम है. पीडीए ने केवल एक को ही नोटिस दी है. पूर्व स्वामी ने 3 तीन फरवरी 80 को ही एडीए से नक्शा पास करवाकर निर्माण की अनुमति ली थी. याचीगण ने खुद ही कहा था कि नक्शे के विपरीत निर्माण पाए जाने पर वह स्वयं हटा लेंगे. इसकी अनदेखी कर स्वीकृत नक्शे के अनुसार बने निर्माण गिराए गए हैं.

कोर्ट ने मामले को विचारणीय मानते हुए ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी और जवाब मांगा है. कोर्ट ने अंतरिम आदेश 15 दिसम्बर तक बढ़ा दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विधायक विजय मिश्रा के प्रयागराज स्थित मकान के ध्वस्तीकरण पर लगी रोक 15 दिसम्बर तक बढ़ा दी है. याची को नक्शे के विपरीत निर्माण हटाने की छूट जारी रखी है. विकास प्राधिकरण ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया है. कोर्ट ने याची को इसका जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. याचिका की सुनवाई 15 दिसम्बर को होगी.

इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार व प्रयागराज विकास प्राधिकरण से दो सप्ताह मे याचिका पर जवाब मांगा था और कहा था कि हलफनामें में इस बात का खुलासा करें कि याची को प्रतिवाद करने व सुनवाई का उचित अवसर क्यों नहीं दिया गया. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने इंद्र कली व अन्य की याचिका पर दिया है.

याची अधिवक्ता लोकेश कुमार द्विवेदी का कहना था कि 5 नवम्बर को शाम पांच बजे ध्वस्तीकरण का आदेश किया और 15 मिनट के भीतर कार्रवाई शुरू कर दी. याची को बचाव का मौका देने से इंकार कर दिया गया. यह भी कहा गया कि मकान दोनों याचियों के नाम है. पीडीए ने केवल एक को ही नोटिस दी है. पूर्व स्वामी ने 3 तीन फरवरी 80 को ही एडीए से नक्शा पास करवाकर निर्माण की अनुमति ली थी. याचीगण ने खुद ही कहा था कि नक्शे के विपरीत निर्माण पाए जाने पर वह स्वयं हटा लेंगे. इसकी अनदेखी कर स्वीकृत नक्शे के अनुसार बने निर्माण गिराए गए हैं.

कोर्ट ने मामले को विचारणीय मानते हुए ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी और जवाब मांगा है. कोर्ट ने अंतरिम आदेश 15 दिसम्बर तक बढ़ा दिया है.

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