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प्रयागराज: बारिश में गिरा विधवा का कच्चा मकान, अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप

प्रयागराज के हंडिया तहसील के विकासखंड धनुपुर में एक गरीब विधवा का कच्चा मकान बारिश में अचानक ढह गया. महिला का आरोप है कि तहसील दिवस पर कई बार प्रार्थना पत्र देने के बावजूद आवास नहीं मिला.

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Published : Aug 24, 2019, 10:50 PM IST

बारिश से विधवा महिला का कच्चा मकान ढहा.

प्रयागराज: हंडिया तहसील के विकासखंड धनुपुर में खुर्रम शाहपुर गांव में एक गरीब विधवा का कच्चा मकान अचानक बारिश में ढह गया. गरीब महिला अपने दो बच्चों को लेकर उसी घऱ में किसी तरह गुजर बसर कर रही थी.

बारिश से विधवा महिला का कच्चा मकान ढहा.

रात अचानक जब मकान ढहने की आवाज आई तो महिला अपने दोनों बच्चों को लेकर बाहर भागी, तब जाकर उसकी जान बच सकी. उस गरीब विधवा महिला की सारी गृहस्थी का सामान उसी घर में दब गया.

ये भी पढ़ें: इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों की रैगिंग, 7 स्टूडेंट्स निलंबित

प्रार्थना पत्र देने के बावजूद महिला को नहीं मिला आवास

महिला ने बताया कि हमने कई बार तहसील दिवस में आवास के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन आज तक मुझे आवास नहीं मिला. इस कारण मैं मजबूरी में इसी कच्चे मकान में अपने बेटों के साथ रह रही थी. आज वो भी गिर गया, अब मैं कहां जाऊं.

गांव वालों का कहना था कि यदि आज कुछ बड़ा हादसा हो जाता तो इसका कौन जिम्मेदार होता. इस गरीब महिला को सरकार की तरफ से आज तक आवास नहीं दिया गया. अब यह अपने बच्चों को लेकर कहां जाए.

प्रयागराज: हंडिया तहसील के विकासखंड धनुपुर में खुर्रम शाहपुर गांव में एक गरीब विधवा का कच्चा मकान अचानक बारिश में ढह गया. गरीब महिला अपने दो बच्चों को लेकर उसी घऱ में किसी तरह गुजर बसर कर रही थी.

बारिश से विधवा महिला का कच्चा मकान ढहा.

रात अचानक जब मकान ढहने की आवाज आई तो महिला अपने दोनों बच्चों को लेकर बाहर भागी, तब जाकर उसकी जान बच सकी. उस गरीब विधवा महिला की सारी गृहस्थी का सामान उसी घर में दब गया.

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प्रार्थना पत्र देने के बावजूद महिला को नहीं मिला आवास

महिला ने बताया कि हमने कई बार तहसील दिवस में आवास के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन आज तक मुझे आवास नहीं मिला. इस कारण मैं मजबूरी में इसी कच्चे मकान में अपने बेटों के साथ रह रही थी. आज वो भी गिर गया, अब मैं कहां जाऊं.

गांव वालों का कहना था कि यदि आज कुछ बड़ा हादसा हो जाता तो इसका कौन जिम्मेदार होता. इस गरीब महिला को सरकार की तरफ से आज तक आवास नहीं दिया गया. अब यह अपने बच्चों को लेकर कहां जाए.

Intro:हडिया तहसील के अंतर्गत विकासखंड धनु पुर मैं ग्राम सभा खुर्रम शाहपुर है जो वही की गरीब विधवा सुगरा देवी पत्नी स्वर्गीय बेचन लाल का एक कच्चा मकान था जो आज अचानक बरसात में ढह गया उसी मकान में उस गरीब महिला अपने दो बच्चों के लिए कर गुजर बसर कर रही थी रात अचानक जब मकान ढहने की आवाज आई तो उस महिला ने अपने दोनों बच्चों को ले कर बाहर भागी तब जाकर जान बची मकान ढहने पर जब जोर से आवाज आई तब अगल-बगल के लोगों ने दौड़ दौड़ कर के जाकर देखा तब जाकर गांव वालों की चैन की सांस ली उस गरीब विधवा महिला की सारी गिरस्ती का सामान उसी में दब गया और उस महिला को इस समय बहुत ही कठिन परिश्रम से गुजरना पड़ रहा है महिला ने बताया कि हमने कई बार तहसील दिवस में आवास के संबंध में दरखास दिया पर आज तक मुझे आवास नहीं मिला इस कारण मैं मजबूरी में इसी कच्ची आवास में रह रही थी जो आज वह भी गिर गया अब मैं कहां जाऊं उस गरीब महिला ने अपनी किस्मत पर रो रही थी की आज जो भी मेरे पास टूटा फूटा कच्चा मकान था आज वह भी इस बरसात में गिर गया अब मैं अपने बच्चों को लेकर किस जगह रहूं कच्चा मकान गिरा पर वहां पर ना तो कोई तहसील से लेखपाल या कानूनगो मौके पर नहीं दिखाई पड़े जिससे गांव वालों में सख्त तेवर सरकार के खिलाफ दिखाई पड़ा की सरकार ने इतनी सख्त कार्रवाई की बात करती है पर कर्मचारी अपने में ही मस्त हैं गांव वालों का कहना था कि यदि आज कुछ बड़ा हादसा हो जाता तो इसका कौन जिम्मेदार होता इस गरीब महिला को सरकार की तरफ से किसलिए आज तक आवास नहीं दिया गयाBody:प्रयागराज की हंडिया तहसील में ब्लाक धनु पुर के अंतर्गत 1 ग्राम सभा ग्राम खुर्रम साहपुर आता है वहां उस ग्राम सभा में एक गरीब महिला अपने परिवार बच्चों के साथ उस कच्चे मकान में रह रही थी जो बूंदाबांदी पानी के बदौलत वह याद ढह गया ईश्वर की महिमा था कि किसी को कोई चोट नहीं आई मकान जब गिरा गांव वाले दौड़ दौड़ का आकर देखेंConclusion:हमने कई बार तहसील दिवस में आवास के संबंध में दरखास दिया पर आज तक मुझे आवास नहीं मिला इस कारण मैं मजबूरी में इसी कच्ची आवास में रह रही थी जो आज वह भी गिर गया अब मैं कहां जाऊं उस गरीब महिला ने अपनी किस्मत पर रो रही थी की आज जो भी मेरे पास टूटा फूटा कच्चा मकान था आज वह भी इस बरसात में गिर गया अब मैं अपने बच्चों को लेकर किस जगह रहूं कच्चा मकान गिरा पर वहां पर ना तो कोई तहसील से लेखपाल या कानूनगो मौके पर नहीं दिखाई पड़े जिससे गांव वालों में सख्त तेवर सरकार के खिलाफ दिखाई पड़ा की सरकार ने इतनी सख्त कार्रवाई की बात करती है पर कर्मचारी अपने में ही मस्त हैं गांव वालों का कहना था कि यदि आज कुछ बड़ा हादसा हो जाता तो इसका कौन जिम्मेदार होता इस गरीब महिला को सरकार की तरफ से किसलिए आज तक आवास नहीं दिया गया
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