ETV Bharat / state

शंकराचार्य निश्चलानंद ने बिहार के शिक्षामंत्री को बताया अज्ञानी, कहा- नागरिकता खत्म कर देनी चाहिए

पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि रामचरित मानस का अपमान एक जघन्य अपराध है. मानस का अपमान करने वाले व्यक्ति की देश की नागरिकता छीनकर उसे जेल में डाल देना चाहिए.

पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद
पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद
author img

By

Published : Jan 18, 2023, 10:41 PM IST

प्रयागराज: बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर द्वारा रामायण समेत दूसरे धार्मिक ग्रंथों पर सवाल उठाए जाने का विवाद अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार सरकार में जिम्मेदार पद पर बैठे शिक्षा मंत्री का बयान लगातार तूल पकड़ रहा है. पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने शिक्षा मंत्री को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उनमें दम है तो वह कुरान और बाइबिल के बारे में इसी तरह की आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करके दिखायें तो तुरंत उन्हें उसका परिणाम देखने को मिल जायेगा. कुछ लोग देश में सिर्फ हिंदुओं और सनातन धर्म का ही मजाक उड़ाते हैं. क्योंकि वो किसी और धर्म के बारे में कुछ भी बोलने से डरते हैं. शंकराचार्य ने नाराजगी जताते हुए शिक्षामंत्री को जेल भेजने के साथ नागरिकता खत्म करने और मंत्री पद वापस लिए जाने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि रामचरित मानस को लेकर दिये गए आपत्तिजनक बयान की सजा प्रकृति जरूर देगी.

प्रयागराज के माघमेला में अपने शिविर में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री अज्ञानी हैं और उन्हें इतने जिम्मेदार पद पर रहते हुए इस तरह का बयान नहीं देना चाहिये. इसके साथ ही शंकराचार्य ने कहा कि इस तरह का आपत्तिजनक बयान देने वाला नेता मंत्री पद पर बने रहने के लायक नहीं है. जिस राज्य में शिक्षा मंत्री ऐसा होगा वहां की शिक्षा व्यवस्था किस स्तर की होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. इतना ही नहीं शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का यह भी कहना है कि जिस मनुस्मृति पर शिक्षा मंत्री ने सवाल उठाए हैं, वह वैदिक संविधान रहा है. शिक्षा मंत्री के पूर्वजों ने भी मनु स्मृति में बताए गए नियमों के आधार पर ही अपना जीवन बिताया होगा.

जोशीमठ का हाल प्रकृति के साथ खिलवाड़ का नतीजा: शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने जोशीमठ में तमाम इमारतों में पड़ रही दरार धंसती हुई जमीन के मामले पर कहा कि यह प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने का परिणाम है. शंकराचार्य ने अयोध्या में रामलला के मंदिर का काम तेजी से होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि निर्माण पूरा होने पर वह खुद भी दर्शन करने जाएंगे, लेकिन उन्होंने मंदिर के साथ ही कुछ किलोमीटर की दूरी पर मस्जिद बनाए जाने पर नाराजगी भी जताई है. उन्होंने कहा कि इसी तरह से काशी और मथुरा में मस्जिद का निर्माण हुआ तो जल्द ही यूपी में तीन मिनी पाकिस्तान बन जाएंगे.

प्रयागराज: बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर द्वारा रामायण समेत दूसरे धार्मिक ग्रंथों पर सवाल उठाए जाने का विवाद अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार सरकार में जिम्मेदार पद पर बैठे शिक्षा मंत्री का बयान लगातार तूल पकड़ रहा है. पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने शिक्षा मंत्री को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उनमें दम है तो वह कुरान और बाइबिल के बारे में इसी तरह की आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करके दिखायें तो तुरंत उन्हें उसका परिणाम देखने को मिल जायेगा. कुछ लोग देश में सिर्फ हिंदुओं और सनातन धर्म का ही मजाक उड़ाते हैं. क्योंकि वो किसी और धर्म के बारे में कुछ भी बोलने से डरते हैं. शंकराचार्य ने नाराजगी जताते हुए शिक्षामंत्री को जेल भेजने के साथ नागरिकता खत्म करने और मंत्री पद वापस लिए जाने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि रामचरित मानस को लेकर दिये गए आपत्तिजनक बयान की सजा प्रकृति जरूर देगी.

प्रयागराज के माघमेला में अपने शिविर में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री अज्ञानी हैं और उन्हें इतने जिम्मेदार पद पर रहते हुए इस तरह का बयान नहीं देना चाहिये. इसके साथ ही शंकराचार्य ने कहा कि इस तरह का आपत्तिजनक बयान देने वाला नेता मंत्री पद पर बने रहने के लायक नहीं है. जिस राज्य में शिक्षा मंत्री ऐसा होगा वहां की शिक्षा व्यवस्था किस स्तर की होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. इतना ही नहीं शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का यह भी कहना है कि जिस मनुस्मृति पर शिक्षा मंत्री ने सवाल उठाए हैं, वह वैदिक संविधान रहा है. शिक्षा मंत्री के पूर्वजों ने भी मनु स्मृति में बताए गए नियमों के आधार पर ही अपना जीवन बिताया होगा.

जोशीमठ का हाल प्रकृति के साथ खिलवाड़ का नतीजा: शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने जोशीमठ में तमाम इमारतों में पड़ रही दरार धंसती हुई जमीन के मामले पर कहा कि यह प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने का परिणाम है. शंकराचार्य ने अयोध्या में रामलला के मंदिर का काम तेजी से होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि निर्माण पूरा होने पर वह खुद भी दर्शन करने जाएंगे, लेकिन उन्होंने मंदिर के साथ ही कुछ किलोमीटर की दूरी पर मस्जिद बनाए जाने पर नाराजगी भी जताई है. उन्होंने कहा कि इसी तरह से काशी और मथुरा में मस्जिद का निर्माण हुआ तो जल्द ही यूपी में तीन मिनी पाकिस्तान बन जाएंगे.

यह भी पढे़ं:ज्ञानवापी विवाद पर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती बोले-पूरा काशी ही शिवलिंग है

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.