प्रयागराज: धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में लगने वाले प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष माघ मेले में पहले तो कोरोना की मार, उसके बाद अब प्रकृति की मार ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. प्रशासन के लिए इस बार मकर संक्रांति जैसे पहले स्नान में श्रद्धालुओं को आस्था की डुबकी लगवा पाना एक बड़ी चुनौती बन गया है.
संगम नगरी में एक हफ्ते से हो रही लगातार बारिश ने मेले की तैयारियों पर पानी फेर दिया है. बारिश के बाद सड़क पर कीचड़ जमा होने से लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जबकि दो दिन बाद मकर संक्रांति का बड़ा स्नान है. इस अवसर पर दूर-दूर से लाखों श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाने आएंगे. ऐसे में माघ मेले की तैयारी को पूरा करना मेला प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. इसके साथ ही मौसम विभाग की मानें तो अभी दो दिन तक और बारिश का अनुमान है. इस कारण मेला प्रशासन को तैयारियों को पूरा करने में और समय लग सकता है.
श्रद्धालुओं की मानें तो इस समय उनको आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, पौष पूर्णिमा का स्नान भी करीब है. इसके पहले कल्पवासियों का कल्पवास भी शुरू हो जाता है. कल्पवासी यहां पर एक महीना बसने के लिए अपने तीर्थ पुरोहितों के पास आकर इंतजाम में जुट जाते हैं, लेकिन ऐसे में उनको अपनी जरूरत का सामान लेकर मेले में आना काफी दुखदाई साबित हो रहा है.
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प्रयागराज मंडलायुक्त संजय गोयल, जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने मंगलवार को मेला क्षेत्र का भ्रमण कर तैयारियों का जायजा लिया. मंडलायुक्त ने सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं, साधु-महात्माओं, स्नानार्थिंयों और कल्पवासियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए. उन्होंने सभी सम्बंधित विभागों को सभी आवश्यक व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने का निर्देश दिया. इसके पूर्व जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने रेलवे स्टेशन जंक्शन का भी निरीक्षण किया.
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