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प्रयागराज डेंगू मरीज मामला: जांच रिपोर्ट में खुलासा, जूस नहीं बल्कि चढ़ाया गया था खराब प्लेटलेट - प्रयागराज डेंगू मरीज में खुलासा

प्रयागराज के धूमनगंज इलाके के ग्लोबल हॉस्पिटल में डेंगू मरीज को प्लेटलेट की जगह पर मोसंबी का जूस चढ़ाने के मामले की जांच रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक डेंगू मरीज को मोसंबी का जूस नहीं चढ़ाया गया था. बल्कि मरीज को खराब प्लेटलेट पुअर्ली प्रिजर्व प्लेटलेट चढ़ाया गया था.

अस्पताल.
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Published : Oct 27, 2022, 10:48 AM IST

प्रयागराज: जनपद के धूमनगंज इलाके के ग्लोबल हॉस्पिटल में डेंगू मरीज को प्लेटलेट की जगह पर मोसंबी का जूस चढ़ाने के मामले में जांच रिपोर्ट आ चुकी है. 3 सदस्यों वाली इस जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि डेंगू मरीज को मोसंबी का जूस नहीं चढ़ाया गया था. बल्कि मरीज को खराब प्लेटलेट पुअर्ली प्रिजर्व प्लेटलेट चढ़ाया गया था. इसके अलावा दवा देने में भी कुछ कमियां थी, जिसके बाद मरीज की हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. जबकि इस मामले के उजागर होने के बाद डीएम-एसएसपी ने सीएमओ के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस करके बताया था कि पकड़े गए आरोपियों के मुताबिक वे प्लेटलेट के नाम पर प्लाज्मा बेचते थे.

जानकारी देते डीएम संजय कुमार खत्री.

14 अक्टूबर को प्रयागराज के ग्लोबल हॉस्पिटल में डेंगू पीड़ित बालू ठेकेदार प्रदीप पांडेय को एडमिट करवाया गया था. जहां पर इलाज के दौरान प्लेटलेट चढ़ाने के बाद उनकी हालत बिगड़ी और दूसरे अस्पताल में ले जाकर मरीज को भर्ती करवाया गया. जहां पर इलाज के दौरान प्रदीप पांडेय की मौत हो गई. इसके बाद प्रदीप पांडेय के घरवालों ने ग्लोबल हॉस्पिटल में प्लेटलेट के नाम पर मोसंबी का जूस चढ़ाने का आरोप लगाया. उसी आरोप के साथ प्लेटलेट के पैकेट का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया में वायरल किया गया, जिसके बाद डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने इस मामले का संज्ञान लिया और जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया. अगले 24 घंटे के बाद पुलिस प्रशासन के अफसरों ने स्वास्थ विभाग के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और प्लेटलेट के नाम प्लाज्मा बेचने वाले गिरोह का खुलासा कर दिया. इसके साथ ही प्लेटलेट के नाम पर प्लाज्मा बेचने वाले 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था, लेकिन अब 3 सदस्यों वाली जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद डीएम ने बताया कि मृतक को प्लेटलेट ही चढ़ाया गया था.

हालांकि उचित रखरखाव न करने की वजह से वो प्लेटलेट खराब हो गया था. उसी पुअर्ली प्रिजर्व प्लेटलेट को मरीज को चढ़ाने की वजह से उसकी हालत बिगड़ने लगी थी. मरीज की तबियत बिगड़ने की और भी वजह बताई गई, जिसके अनुसार अस्पताल में जांच के बिना ही मरीज को कई एंटीबायोटिक सुई-दवाएं दी गई, जिसकी वजह से प्लेटलेट में इजाफा नहीं हो सका और मरीज हालत लगातार बिगड़ती गई.

जांच रिपोर्ट आने के बाद भी हैं कई अनसुलझे सवाल
जांच रिपोर्ट आने के बाद भी इस मामले में कई ऐसे सवाल है जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है. कुछ ऐसे सवाल है जिनका जवाब भी अफसरों को देना पड़ेगा. मृतक को प्लेटलेट चढ़ाई गई थी तो पुलिस ने जिन 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. उन्होंने यह क्यों बताया की प्लेटलेट की जगह प्लाज्मा देते थे. दूसरा अगर मृतक प्रदीप को प्लेटलेट ही चढ़ाया गया था तो वो पैकेट कहां से लिया गया था क्योंकि शुरुआत में यह कहा गया था कि एस आर एन अस्पताल से वो पैकेट नहीं लिया गया था. तीसरा अगर अस्पताल में प्लेटलेट की जगह मोसंबी का जूस नहीं चढ़ाया गया था तो उसका लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही 3 दिन में बिल्डिंग को खाली करवाने और नक्शा न दिखा पाने पर अस्पताल वाली बिल्डिंग को गिराने तक की तैयारी कैसे कर ली गई.

इस मामले में मृतक के परिजनों ने भी पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठाए थे. उनका आरोप है कि पुलिस मुख्य आरोपियों को बचाने में जुट गई है. इसके साथ ही एक यह भी सवाल उठ रहा है की प्लेटलेट खराब दशा में लाकर अस्पताल को दिया गया था या फिर मरीज के परिजनों ने ही प्लेटलेट लेकर आने में उसके रखरखाव का ध्यान नहीं दिया हो और प्लेटलेट खराब हो गया हो. साथ ही यह भी पता करना पड़ेगा कि मरीज के परिजनों ने सही प्लेटलेट लाकर दिया हो और अस्पताल में ही उसके रखरखाव में गड़बड़ी की गई हो, जिससे वो खराब हो गया हो. बहरहाल सरकारी जांच में यह साफ हो गया है कि मरीज को मोसंबी का जूस नहीं चढ़ाया गया था, लेकिन फिर भी कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है.

इसे भी पढे़ं- प्रयागराज में डेंगू के मरीज को प्लेटलेट्स की जगह मौसम्बी का जूस चढ़ाने का आरोप, मौत

प्रयागराज: जनपद के धूमनगंज इलाके के ग्लोबल हॉस्पिटल में डेंगू मरीज को प्लेटलेट की जगह पर मोसंबी का जूस चढ़ाने के मामले में जांच रिपोर्ट आ चुकी है. 3 सदस्यों वाली इस जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि डेंगू मरीज को मोसंबी का जूस नहीं चढ़ाया गया था. बल्कि मरीज को खराब प्लेटलेट पुअर्ली प्रिजर्व प्लेटलेट चढ़ाया गया था. इसके अलावा दवा देने में भी कुछ कमियां थी, जिसके बाद मरीज की हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. जबकि इस मामले के उजागर होने के बाद डीएम-एसएसपी ने सीएमओ के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस करके बताया था कि पकड़े गए आरोपियों के मुताबिक वे प्लेटलेट के नाम पर प्लाज्मा बेचते थे.

जानकारी देते डीएम संजय कुमार खत्री.

14 अक्टूबर को प्रयागराज के ग्लोबल हॉस्पिटल में डेंगू पीड़ित बालू ठेकेदार प्रदीप पांडेय को एडमिट करवाया गया था. जहां पर इलाज के दौरान प्लेटलेट चढ़ाने के बाद उनकी हालत बिगड़ी और दूसरे अस्पताल में ले जाकर मरीज को भर्ती करवाया गया. जहां पर इलाज के दौरान प्रदीप पांडेय की मौत हो गई. इसके बाद प्रदीप पांडेय के घरवालों ने ग्लोबल हॉस्पिटल में प्लेटलेट के नाम पर मोसंबी का जूस चढ़ाने का आरोप लगाया. उसी आरोप के साथ प्लेटलेट के पैकेट का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया में वायरल किया गया, जिसके बाद डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने इस मामले का संज्ञान लिया और जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया. अगले 24 घंटे के बाद पुलिस प्रशासन के अफसरों ने स्वास्थ विभाग के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और प्लेटलेट के नाम प्लाज्मा बेचने वाले गिरोह का खुलासा कर दिया. इसके साथ ही प्लेटलेट के नाम पर प्लाज्मा बेचने वाले 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था, लेकिन अब 3 सदस्यों वाली जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद डीएम ने बताया कि मृतक को प्लेटलेट ही चढ़ाया गया था.

हालांकि उचित रखरखाव न करने की वजह से वो प्लेटलेट खराब हो गया था. उसी पुअर्ली प्रिजर्व प्लेटलेट को मरीज को चढ़ाने की वजह से उसकी हालत बिगड़ने लगी थी. मरीज की तबियत बिगड़ने की और भी वजह बताई गई, जिसके अनुसार अस्पताल में जांच के बिना ही मरीज को कई एंटीबायोटिक सुई-दवाएं दी गई, जिसकी वजह से प्लेटलेट में इजाफा नहीं हो सका और मरीज हालत लगातार बिगड़ती गई.

जांच रिपोर्ट आने के बाद भी हैं कई अनसुलझे सवाल
जांच रिपोर्ट आने के बाद भी इस मामले में कई ऐसे सवाल है जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है. कुछ ऐसे सवाल है जिनका जवाब भी अफसरों को देना पड़ेगा. मृतक को प्लेटलेट चढ़ाई गई थी तो पुलिस ने जिन 10 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. उन्होंने यह क्यों बताया की प्लेटलेट की जगह प्लाज्मा देते थे. दूसरा अगर मृतक प्रदीप को प्लेटलेट ही चढ़ाया गया था तो वो पैकेट कहां से लिया गया था क्योंकि शुरुआत में यह कहा गया था कि एस आर एन अस्पताल से वो पैकेट नहीं लिया गया था. तीसरा अगर अस्पताल में प्लेटलेट की जगह मोसंबी का जूस नहीं चढ़ाया गया था तो उसका लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही 3 दिन में बिल्डिंग को खाली करवाने और नक्शा न दिखा पाने पर अस्पताल वाली बिल्डिंग को गिराने तक की तैयारी कैसे कर ली गई.

इस मामले में मृतक के परिजनों ने भी पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठाए थे. उनका आरोप है कि पुलिस मुख्य आरोपियों को बचाने में जुट गई है. इसके साथ ही एक यह भी सवाल उठ रहा है की प्लेटलेट खराब दशा में लाकर अस्पताल को दिया गया था या फिर मरीज के परिजनों ने ही प्लेटलेट लेकर आने में उसके रखरखाव का ध्यान नहीं दिया हो और प्लेटलेट खराब हो गया हो. साथ ही यह भी पता करना पड़ेगा कि मरीज के परिजनों ने सही प्लेटलेट लाकर दिया हो और अस्पताल में ही उसके रखरखाव में गड़बड़ी की गई हो, जिससे वो खराब हो गया हो. बहरहाल सरकारी जांच में यह साफ हो गया है कि मरीज को मोसंबी का जूस नहीं चढ़ाया गया था, लेकिन फिर भी कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है.

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