प्रयागराज: पीएम मोदी ने प्रयागराज में दिव्यांगजनों और वरिष्ठजनों को उपकरण प्रदान किए. इसके बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सरकार का यह दायित्व है कि हर व्यक्ति का भला हो, हर व्यक्ति को न्याय मिले. इसी सोच के साथ हमारी सरकार समाज के हर व्यक्ति के विकास के लिए, उसके जीवन को आसान बनाने के लिए काम कर रही है. चाहे वह वरिष्ठजन हों, चाहे दिव्यांगजन हों, आदिवासी हों, दलित, पीड़ित, शोषित या वंचित हो. 130 करोड़ भारतीयों के हितों की रक्षा करना और उनकी सेवा करना हमती सर्वोच्च प्राथमिकता है. विशेषकर दिव्यंगजनों की तकलीफों को इस सरकार ने समझा है.
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए जिस संवेदनशीलता से काम किया है, उतना पहले किसी ने कभी नहीं किया. आप याद कीजिए मेरे दिव्यांग भाइयों को यहां-वहां दफ्तरों में सालों तक चक्कर लगाना पड़ता था. तब जाकर थोड़ी बहुत मदद मिल पाती थी. दिव्यांग भाई-बहनों को बेसहारा छोड़ देने वाली पहले की स्थिति हमें स्वीकार नहीं थी. हमने आपका साथी बनकर आपकी एक-एक दिक्कतों के बारे में सोचा और उन्हें दूर करने के का प्रयास किया है.
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900 करोड़ से ज्यादा बाटें गए उपकरण
पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों के समय इस तरह के कैम्प बहुत कम लगा करते थे. बीते पांच सालों में हमारी सरकार ने देश के अलग-अलग इलाकों में 9 हजार मेगा कैम्प लगाए हैं. पिछली सरकार ने पांच सालों में जहां दिव्यांगजनों को 380 करोड़ से कम के उपकरण बांटे, वहीं हमारी सरकार ने 900 करोड़ से ज्यादा के उपकरण बांटे हैं. लगभग ढाई गुना अधिक कार्य किया गया है. उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों, बुजुर्गों के लिए मन में पीड़ा होती है और सेवा का भाव होता है तब इस तरह के कार्य करने की गति आती है.
सुगम्य भारत अभियान से दिव्यांगजनों को मिली सुविधा
पीएम मोदी ने कहा कि यह हमारी सरकार है, जिसने सुगम्य भारत अभियान चलाकर देश भर की बड़ी इमारतों को दिव्यांगों के लिए सुगम बनाने का काम किया है. बीते चार-पांच वर्षों में देश की सैकड़ों इमारतें, 700 से ज्यादा रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य बनाए जा चुके हैं.
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पीएम मोदी ने कहा कि रेलवे के नए कोच दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल हों, यह ध्यान में रखकर बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही मैं यह भी कहूंगा कि मेरे दिव्यांग भाइयों को एक राज्य से दूसरे राज्य जाने पर अलग-अलग भाषा होने की वजह से बहुत दिक्कत होती थी. हमारी सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए सोचा और इस क्षेत्र में यह कार्य किया और एक कॉमन साइन भाषा पर काम किया है. देश भर के सभी दिव्यांगजनों के लिए सरकार ने इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना करने का काम किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि यह काम 70 साल तक किसी को करने की फुर्सत नहीं थी. हमारी सरकार ने 6 हजार साइन भाषा की डिक्सनरी तैयार कर ली है. आने वाले समय में प्रयागराज से या फिर देश के किसी भी कोने से जाने वाले दिव्यांग भाई को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. भारत में नोट हो या फिर सिक्का हो, वह भी हमारे दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल बनाया गया है. वह आसानी से हाथ लगाकर यह पहचान कर सकेंगे कि यह सिक्का कितने का है और नोट कितने का है.