प्रयागराजः गाजीपुर के एमएलसी विशाल सिंह चंचल को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका वाराणसी निवासी राकेश न्यायिक ने दायर की है. उनका कहना है कि वाई श्रेणी की सुरक्षा का एमएलसी दुरुपयोग कर रहे हैं. दावा किया गया कि एमएलसी आपराधिक प्रकृति के हैं.
पीठ ने दिए ये आदेश, फिर लगाई रोक
आरोप है कि वह अपनी सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों का दुरुपयोग कर रहे हैं. याचिका पर सुनवाई कर रही मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की पीठ ने इस मामले में पूरे प्रदेश में लोगों को दी जा रही सुरक्षा से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध कराने का आदेश दिया. अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने आदेश के बाद केस मेंशन कर उनका पक्ष सुनने का अनुरोध किया तो कोर्ट ने आदेश के अमल पर फिलहाल रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी.
अपर महाधिवक्ता ने ये दलील दी
अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची स्वयं एक आपराधिक प्रकृति का व्यक्ति है. उसके खिलाफ दर्जनों आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. ऐसे में सरकार का इस केस में पक्ष सुनना जरूरी है. अपर महाधिवक्ता ने कहा कि जहां तक सुरक्षा गार्ड देने को लेकर जानकारी का सवाल है, कोर्ट उचित केस में आदेश करे. इसमें कोई आपत्ति नहीं है, परन्तु याची की याचिका पर इस प्रकार का आदेश उचित नहीं है.
सरकार से ये जानकारी मांगी
कोर्ट का कहना था कि पूरे प्रदेश में सरकार ने तमाम लोगों को सुरक्षा मुहैया कराई है. कुछ लोगों को भुगतान पर सुरक्षा दी गई है, जबकि तमाम लोगों को निःशुल्क सुरक्षा मिली है. ऐसे में सरकार बताए कि सुरक्षा देने को लेकर उसके क्या नियम कायदे हैं. सक्षम प्राधिकारी हलफनामा दाखिल कर बताएं कि कितने लोगों को शुल्क लेकर और कितने लोगों को निःशुल्क सुरक्षा मुहैया कराई गई है. सुरक्षा पाने वाले ऐसे कितने लोग हैं जिनपर मुकदमे दर्ज हैं.