प्रयागराज : शहर की सबसे बड़ी सब्जी मंडी, मुंडेरा मंडी व खुल्दाबाद मंडी में नासिक और महाराष्ट्र के दूसरे शहरों से आने वाली प्याज की कम आवक के चलते, एक ओर जहां लोगों का बजट बिगड़ गया है, वहीं लोगों के स्वाद पर भी महंगी प्याज ने सीधे डाका डाला है. थोक मंडी हो या फुटकर बाजार, पिछले 10 दिनों में प्याज ने लोगों को जोर का झटका दिया है. हालात यह है कि जो प्याज के दाम 10 दिन पहले तक 40-45 रुपए तक उपलब्ध था, वही प्याज अब 70 से 80 रुपये तक बिक रहा है.
मुंडेर मंडी के थोक व्यापारी ने बताया
जिस तरीके से मुंडेरा मंडी में थोक प्याज व अन्य सब्जियों के दाम बड़े हैं, उससे लगता है कि दशहरे के बाद सब्जियों के दाम आसमान छूएंगे. इसकी खास वजह ये है कि, नासिक, केरला व अन्य प्रदेशों में बारिश होने के कारण प्रयागराज में निर्यात न होने पर प्याज के दाम बढ़े हैं.
खुल्दाबाद मंडी के फुटकर व्यापारी ने बताया
जैसे-जैसे प्याज व अन्य सब्जियां खुल्दाबाद मंडी में आना कम हो रही हैं, और थोक मंडी मुंडेरा से प्याज और अन्य सब्जियों के दाम ज्यादा लेकर खुल्दाबाद मंडी में भेजा जा रहा है, ऐसे में फुटकर खुल्दाबाद मंडी में सब्जियों और प्याज के दाम पहले की अपेक्षा अधिक दाम पर बेचा जा रहा है. वहीं कुछ व्यापारियों ने कहा कि पहले से स्टॉक प्याज, आलू, टमाटर, व अन्य सब्जियां ज्यादा दामों में बेच रहे हैं.
प्रयागराज में सब्जी खरीदने निकले लोग बताते हैं कि दिन-प्रतिदिन सब्जी महंगी होती जा रही है. प्याज के दाम आसमान छूने लगे हैं. लोगों का कहना है कि वो दिन दूर नहीं है जब प्याज खाना हमें कम करना पड़ेगा.
सब्जी खरीदने आई ग्राहक ने बताया
ग्राहक रेनू भटनागर ने कहा नवरात्रि से सब्जियों के दाम में आग लगी है. अभी कम होने की उम्मीद भी नहीं लग रही है. जैसे-जैसे सब्जियों में आलू, प्याज, टमाटर व अन्य सब्जियों के दाम बढ़ते जा रहे हैं, उससे किचन का बजट गड़बड़ा गया है. सरकार से निवेदन है कि सब्जियों के दाम पहले जैसे स्थिर करें. अन्यथा वो दिन दूर नहीं जब प्याज खाना हमें कम करना पड़ेगा.
दूसरी ओर खुल्दाबाद मंडी में प्याज के कारोबारी कहते है कि, प्याज उत्पादक राज्यों में बारिश के चलते प्याज की ज्यादातर फसल खराब हो गई. जिसके कारण पूरे देश में प्याज की शॉर्टेज हो गयी है. वहीं नई फसल आने में देरी के चलते प्याज की मांग को पूरा करना संभव नहीं हो पा रहा है. प्याज के कारोबारी कहते हैं कि फिलहाल जनवरी के पहले प्याज के दामों में कमी आने की संभावना बहुत ही कम है. प्याज के दाम नई फसल के बाद ही कुछ हद तक काबू में आ सकेंगे.