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सतीश चंद्र मिश्रा के सामने ही पार्टी समर्थकों ने की नारेबाजी और हंगामा, पढ़ें पूरी खबर

प्रयागराज में बसपा के सम्मेलन में उस वक्त अफरा-तफरी मच गयी जब बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का भाषण शुरू होते ही कुछ लोग जोनल कोऑर्डिनेटर अशोक गौतम (Zonal Coordinator Ashok Gautam) के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. यही नहीं कुछ कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए मंच की ओर जाने लगे.

सतीश चंद्र मिश्रा
सतीश चंद्र मिश्रा
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Published : Dec 24, 2021, 9:38 PM IST

Updated : Dec 24, 2021, 9:59 PM IST

प्रयागराज: जिले में बसपा की ओर से मंडलीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें शामिल होने के लिए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा (BSP National General Secretary Satish Chandra Mishra) पहुंचे थे.

कार्यक्रम में जिस वक्त सतीश चंद्र मिश्रा ने बोलना शुरू किया. उस वक्त अफरा-तफरी मच गयी. कुछ लोग मुख्य जोनल कोऑर्डिनेटर अशोक गौतम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मंच की तरफ जाने लगे. तेज विरोध को देखते हुए भाषण शुरू कर चुके सतीश चंद्र मिश्रा को भी अपना संबोधन रोकना पड़ा, जिसके बाद पूर्व मंत्री नकुल दुबे (Former Minister Nakul Dubey) ने मंच से नीचे उतरकर नारेबाजी करने वाले कार्यकर्ताओं के पास गए.

उन्होंने नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया. इसके साथ ही नारेबाजी बंद करवाने के बाद कार्यकर्ताओं को समझाया और उनका शिकायती पत्र ले लिया. वहीं, विरोध करने वालों का आरोप है कि कार्यकताओं से वसूली की जा रही है, जिसकी शिकायत उन्होंने पार्टी हाई कमान तक पहुंचाने के लिए विरोध किया है.

नारेबाजी करने वालों पर निशाना साधते हुए बसपा राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि ये हंगामा विरोधियों के इशारे पर हो रहा है. कुछ लोग बसपा के बढ़ते जनाधार से घबरा गए हैं और 2022 में बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Supremo Mayawati) को पांचवीं बार सीएम बनाने से रोकने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. सम्मेलन में हंगामा करवाकर विरोधी अपनी हताशा साबित कर रहे हैं.

इसे भी पढे़ंः सतीश चंद्र मिश्रा बोले- सपा जैसे ही सत्ता में आती है अपराध शुरू हो जाते हैं...

सतीश चंद्र मिश्रा ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2022 में जनता को धर्म के नाम पर भाजपा धोखा नहीं दे पाएगी. जनता उनके धर्म के मुखौटे को पहचान चुकी है. अब भाजपा धर्म के नाम पर वोट हासिल नहीं कर पाएगी. पांच साल के कार्यकाल में भाजपा कोई काम नहीं कर सकी है. यही वजह है कि वो अयोध्या के साथ ही काशी मथुरा के नाम का सहारा लेने लगी है, लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता जान चुकी है. अब बीजेपी को धर्म के नाम पर कोई वोट नहीं मिलेगा. जिस बात की जानकारी भाजपा को हो चुकी है और यही वजह है कि अब वो दूसरे हथकंडे अपनाकर चुनाव जीतना चाहती हैं. सतीश चंद्र मिश्रा ने इस दौरान प्रयागराज के साथ ही कौशांबी और प्रतापगढ़ की कुछ सीटों के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी की है.

बसपा के मंडलीय सम्मेलन में महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा ने भी जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान कपिल ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार अब युवाओं को मोबाइल और टैबलेट देकर उनका वोट खरीदना चाहती है.

उन्होंने कहा कि दो साल पहले स्कूल-कॉलेज बंद हुए तब गरीबों को ऑनलाइन क्लास करने के लिए मोबाइल टैबलेट क्यों नहीं दिया? अब चुनाव आने पर इसकी याद क्यों आयी. इसके साथ ही उन्होंने भीड़ से कहा कि लोग सोशल मीडिया के जरिये बसपा से जुड़ें और अपनी समस्या उन तक पहुचाएं, जिसके बाद जनता की समस्या को वे बहन जी तक पहुंचाएंगे और सरकार बनने पर उन सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा.

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प्रयागराज: जिले में बसपा की ओर से मंडलीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें शामिल होने के लिए बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा (BSP National General Secretary Satish Chandra Mishra) पहुंचे थे.

कार्यक्रम में जिस वक्त सतीश चंद्र मिश्रा ने बोलना शुरू किया. उस वक्त अफरा-तफरी मच गयी. कुछ लोग मुख्य जोनल कोऑर्डिनेटर अशोक गौतम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मंच की तरफ जाने लगे. तेज विरोध को देखते हुए भाषण शुरू कर चुके सतीश चंद्र मिश्रा को भी अपना संबोधन रोकना पड़ा, जिसके बाद पूर्व मंत्री नकुल दुबे (Former Minister Nakul Dubey) ने मंच से नीचे उतरकर नारेबाजी करने वाले कार्यकर्ताओं के पास गए.

उन्होंने नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया. इसके साथ ही नारेबाजी बंद करवाने के बाद कार्यकर्ताओं को समझाया और उनका शिकायती पत्र ले लिया. वहीं, विरोध करने वालों का आरोप है कि कार्यकताओं से वसूली की जा रही है, जिसकी शिकायत उन्होंने पार्टी हाई कमान तक पहुंचाने के लिए विरोध किया है.

नारेबाजी करने वालों पर निशाना साधते हुए बसपा राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि ये हंगामा विरोधियों के इशारे पर हो रहा है. कुछ लोग बसपा के बढ़ते जनाधार से घबरा गए हैं और 2022 में बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Supremo Mayawati) को पांचवीं बार सीएम बनाने से रोकने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. सम्मेलन में हंगामा करवाकर विरोधी अपनी हताशा साबित कर रहे हैं.

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सतीश चंद्र मिश्रा ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2022 में जनता को धर्म के नाम पर भाजपा धोखा नहीं दे पाएगी. जनता उनके धर्म के मुखौटे को पहचान चुकी है. अब भाजपा धर्म के नाम पर वोट हासिल नहीं कर पाएगी. पांच साल के कार्यकाल में भाजपा कोई काम नहीं कर सकी है. यही वजह है कि वो अयोध्या के साथ ही काशी मथुरा के नाम का सहारा लेने लगी है, लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता जान चुकी है. अब बीजेपी को धर्म के नाम पर कोई वोट नहीं मिलेगा. जिस बात की जानकारी भाजपा को हो चुकी है और यही वजह है कि अब वो दूसरे हथकंडे अपनाकर चुनाव जीतना चाहती हैं. सतीश चंद्र मिश्रा ने इस दौरान प्रयागराज के साथ ही कौशांबी और प्रतापगढ़ की कुछ सीटों के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी की है.

बसपा के मंडलीय सम्मेलन में महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा ने भी जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान कपिल ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार अब युवाओं को मोबाइल और टैबलेट देकर उनका वोट खरीदना चाहती है.

उन्होंने कहा कि दो साल पहले स्कूल-कॉलेज बंद हुए तब गरीबों को ऑनलाइन क्लास करने के लिए मोबाइल टैबलेट क्यों नहीं दिया? अब चुनाव आने पर इसकी याद क्यों आयी. इसके साथ ही उन्होंने भीड़ से कहा कि लोग सोशल मीडिया के जरिये बसपा से जुड़ें और अपनी समस्या उन तक पहुचाएं, जिसके बाद जनता की समस्या को वे बहन जी तक पहुंचाएंगे और सरकार बनने पर उन सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा.

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Last Updated : Dec 24, 2021, 9:59 PM IST
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