प्रयागराज: हाल ही में टोक्यो ओलंपिक में खेलों में मिले पदक के बाद देश में खेल को लेकर एक अलग माहौल देखने को मिल रहा है. केंद्र व राज्य सरकार खेल को बढ़ावा देने के लिए अब खिलाड़ियों को सुविधाएं देने में पीछे नहीं हट रही हैं. ग्रामीण अंचल में अभी तक खेल में रुचि रखने वाले होनहार युवाओं को शहर या फिर गांव के उबड़-खाबड़ मैदानों पर अभ्यास के लिए जाना होता है, लेकिन अब ग्रामीण युवा भी अपने गांव की माटी में बने खेल के मैदान के अंदर अपनी प्रतिभा को निखारेंगे.
इसके लिए भारत सरकार की महत्वपूर्ण मनरेगा योजना के तहत प्रयागराज में कुल 24 खेल के मैदान तैयार किए जाएंगे. जहां पर शहर जैसी सुविधाएं मिलने जा रही हैं. इसके लिए मनरेगा योजना के तहत तैयारी पूरी कर ली गई है और बनने वाले खेल मैदानों का लेआउट प्लान भी तैयार हो गया है. प्रयागराज में कुल 23 विकास खंड हैं जिसमें 20 विकास खंडों में 24 खेल के मैदान तैयार करने की योजना बनाई जा चुकी है. इसमें 12 खेल के मैदान में कार्य जारी है और सबसे अधिक मनरेगा मजदूरों को सीधे तौर पर रोजगार के लिए भी जोड़ा गया है.
प्रयागराज के उपयुक्त मनरेगा कपिल कुमार ने बताया कि देश में खेल प्रतिभाओं को आगे लाने और उनको खेल का अच्छा प्लेटफार्म मिले. इसके लिए ग्रामीण स्तर पर खेल के मैदान तैयार किए जा रहे हैं. जिससे गांव में रहने वाले बच्चों को खेलने के लिए दूर न भटकना पड़े. गांव में खेल के मैदान के लिए स्थान निर्धारित है उन्हीं स्थानों पर मैदान तैयार किया जा रहा है.
खेल मैदानों पर जहां आवश्यक होगा वहां जिम और पार्क के रूप में भी विकसित किया जाएगा. जिससे ग्रामीण अंचल में रहने वाले प्रतिभाशाली युवा खेल क्रीड़ा के कार्यों को संचालित कर सके. सरकार की इस मंशा को लेकर के ग्रामीण अंचल के युवाओं में अलग उत्साह देखने को मिला है. 29 सितंबर को मेजर ध्यानचंद के याद में 'राष्ट्रीय खेल दिवस' का आयोजन किया जाता है और ऐसे मौके पर जनपद में खेल के मैदान बनाए जाने को लेकर खिलाड़ियों में अलग उत्साह देखने को मिल रहा है.
भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त को हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती पर मनाया जाता है. यह दिन 1928, 1932 और 1936 में भारत के लिए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद सिंह के जन्मदिन का प्रतीक है.
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