ETV Bharat / state

मौनी बाबा ने उत्तराखंड आपदा में मारे गए लोगों की तेरहवीं की - Magh Mela in Prayagraj

प्रयागराज में माघी पूर्णिमा के दिन स्नान कर मौनी बाबा ने उत्तराखंड आपदा में मारे गए लोगों की तेरहवीं की. मौनी बाबा इससे पहले स्नान और परिक्रमा के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए हवन और यज्ञ करते थे.

प्रयागराज में माघ मेला.
प्रयागराज में माघ मेला.
author img

By

Published : Feb 27, 2021, 10:51 PM IST

प्रयागराज: धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में श्रद्धालु माघी पूर्णिमा का स्नान कर रहे हैं. वहीं मौनी बाबा ने भी परिक्रमा और स्नान के बाद उत्तराखंड आपदा में मारे गए लोगों की तेरहवीं कर सच्ची श्रद्धांजलि दी. इसके पहले मौनी बाबा राम मंदिर निर्माण के संकल्प को लेकर स्नान हवन-यज्ञ करते थे. मौनी बाबा ने उत्तराखंड आपदा में मारे गए लोगों के लिए परिक्रमा करने बाद उनकी आत्मा की शांति के लिए भंडारा का आयोजन किया.

ये भी पढ़ें-माघी पूर्णिमा: संगम पर उमड़ी भीड़, श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा

माघ मास में स्नान के अलावा दान का भी विशेष महत्व है. माना जाता है कि माघ महीने में जो दान किया जाता है वह सीधा वैकुंठ को प्राप्त होता है. संगम की रेती पर एक माह वास करने वाले मौनी बाबा इसके पहले राम मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर हवन यज्ञ करते आए हैं. लेकिन इस बार उन्होंने उत्तराखंड आपदा में मारे गए लोगों के लिए अनुष्ठान कर रहे हैं. इसी क्रम में शनिवार को उन्होंने उन लोगों के लिए तेरहवीं की जो लोग इस आपदा में मारे गए हैं. मौनी बाबा ने कहना कि इस बार उनका संकल्प बदल गया है. उन्होंने उत्तराखंड आपदा में मारे गए परिवारों और शहीदों के लिए स्नान ध्यान करके भण्डारे के माध्यम से तेरहवीं की.

प्रयागराज: धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में श्रद्धालु माघी पूर्णिमा का स्नान कर रहे हैं. वहीं मौनी बाबा ने भी परिक्रमा और स्नान के बाद उत्तराखंड आपदा में मारे गए लोगों की तेरहवीं कर सच्ची श्रद्धांजलि दी. इसके पहले मौनी बाबा राम मंदिर निर्माण के संकल्प को लेकर स्नान हवन-यज्ञ करते थे. मौनी बाबा ने उत्तराखंड आपदा में मारे गए लोगों के लिए परिक्रमा करने बाद उनकी आत्मा की शांति के लिए भंडारा का आयोजन किया.

ये भी पढ़ें-माघी पूर्णिमा: संगम पर उमड़ी भीड़, श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा

माघ मास में स्नान के अलावा दान का भी विशेष महत्व है. माना जाता है कि माघ महीने में जो दान किया जाता है वह सीधा वैकुंठ को प्राप्त होता है. संगम की रेती पर एक माह वास करने वाले मौनी बाबा इसके पहले राम मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर हवन यज्ञ करते आए हैं. लेकिन इस बार उन्होंने उत्तराखंड आपदा में मारे गए लोगों के लिए अनुष्ठान कर रहे हैं. इसी क्रम में शनिवार को उन्होंने उन लोगों के लिए तेरहवीं की जो लोग इस आपदा में मारे गए हैं. मौनी बाबा ने कहना कि इस बार उनका संकल्प बदल गया है. उन्होंने उत्तराखंड आपदा में मारे गए परिवारों और शहीदों के लिए स्नान ध्यान करके भण्डारे के माध्यम से तेरहवीं की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.