प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने महानिबंधक को निर्देश दिया कि हाईकोर्ट के सभी अनुभागों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं ताकि इन अनुभागों की गतिविधियों की निगरानी व नियंत्रण किया जा सके. कोर्ट ने महानिबंधक को 7 दिन के अंदर इस आशय का प्रस्ताव कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि यदि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इस प्रस्ताव को मंजूर करते हैं तो सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य शुरू किया जाए.
प्रबोधानंद गिरि व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते समय कोर्ट ने पाया कि दाखिल की गई याचिका में कई प्रकार की खामियां हैं. स्टैम्प रिपोर्टर ने तीन खामियों पर टिप्पणी की है. आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर नहीं दिया गया है, वकालतनामा पर गवाह के हस्ताक्षर नहीं हैं और समुचित हलफनामा नहीं है. याचिका के साथ संलग्न दस्तावेजों की टाइप शुदा प्रति नहीं लगाई गई थी. फोटो स्टेट कॉपी पढ़ने में नहीं आ रही है. इस बारे में टिप्पणी नहीं की गई है. कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए स्टैम्प रिपोर्टिंग सेक्शन के संयुक्त निबंधक मुकेश कुमार कुशवाहा को तलब किया. उन्होंने कोर्ट में अपनी गलती मानी.
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कोर्ट ने कहा कि ये गंभीर खामियां हैं, जिसको स्टैम्प रिपोर्टिंग सेक्शन द्वारा दूर किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा लगता है कि वहां के कर्मचारियों व केस के पार्टियों के बीच किसी प्रकार की मिलीभगत है. संयुक्त निबंधक के अनुरोध पर कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को खामियां दूर करने के लिए 10 दिन की मोहलत दी है. मामले की अगली सुनवाई 10 दिन बाद होगी.