प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि राज्य सरकार भूस्वामियों को जमीन के विक्रय विलेख के निष्पादन के लिए बाध्य नहीं कर सकता. हालांकि सरकार भू अधिग्रहण के लिए नियमित प्रक्रिया का पालन करने के लिए स्वतंत्र है.
यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता एवं न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ ने ललितपुर में एयरपोर्ट निर्माण के लिए ली जा रही जमीन को लेकर सौरभ शर्मा व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया. याचियों का कहना था कि एयरपोर्ट निर्माण के लिए सरकार उनकी जमीन जबरन अधिग्रहीत करना चाहती है. उनकी जमीन का विक्रय विलेख निष्पादित करने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है. सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 99 फीसदी किसानों ने जमीन स्थानांतरण की सहमति दे दी है, केवल याची विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि याची बातचीत के आधार पर जमीन देने को तैयार नहीं होते तो कानूनी प्रक्रिया के अनुसार अधिग्रहण किया जाएगा. कोर्ट ने इस तर्क पर असहमति जताते हुए कहा कि सरकार किसी व्यक्ति को उसकी जमीन का विक्रय विलेख करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती. स्वतंत्र सहमति के बगैर विक्रय विलेख का निष्पादन गैरकानूनी है. कोर्ट ने कहा कि भू अधिग्रहण के लिए सरकार नियमित प्रक्रिया का पालन करने के लिए स्वतंत्र है.
शेयर कारोबारी को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपी को मिली जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने युवक को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपी रितेश पांडेय की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. कोर्ट ने उसे इस मामले में जेल से रिहा किए जाने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने रितेश पांडेय की ज़मानत अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया. जमानत अर्जी पर अधिवक्ता सहर नकवी ने याची का पक्ष रखा. प्रयागराज के फाफामऊ निवासी शिवम् पांडेय ने गत 12 अप्रैल 2022 को खुदकुशी कर ली थी. शिवम शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करता था. उसके पास से बरामद सुसाइड नोट के आधार पर मौसेरे भाई हिमांशु मिश्र और रितेश पांडेय नाम के के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत केस दर्ज किया गया था. इस मामले में रितेश को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान याची की ओर से दलील में कहा गया कि एफएसएल रिपोर्ट में भले ही हैंडराइटिंग का मिलान हो गया हो लेकिन यह साबित नहीं हुआ है कि सुसाइड नोट शिवम पांडेय की राइटिंग में ही लिखा गया था. यह दलील भी दी गई आरोपी और मृतक साथ मिलकर शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का काम करते थे. शिवम के परिवार वालों ने ही उसके पैसों का गबन किया और सुसाइड किए जाने के बाद परिवार वालों ने ही फर्जी सुसाइड नोट और हैंड राइटिंग का सैंपल रख दिया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने याची की अर्जी मंजूर करते हुए उसे जमानत पर रिहा किए जाने का निर्देश दिया.