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औरैया हादसा: मृतकों समेत घायलों को ले जाने के मामले में कोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार - high court on auraiya road accident

औरेया सड़क हादसे में मृतकों और घायलों को एक वाहन में रखने के मामले में हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि जिलाधिकारी औरैया व राज्य सरकार ने इस संबंध में कदम उठाए हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : May 26, 2020, 8:22 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने औरैया सड़क हादसे में घायलों को एक वाहन में रखकर झारखंड भेजने की खबर को लेकर दाखिल जनहित याचिका हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि जिलाधिकारी औरैया व राज्य सरकार ने इस संबंध में कदम उठाए हैं. याची इस मामले को उचित फोरम या सक्षम प्राधिकारी के समक्ष उठा सकता है.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर और न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने अधिवक्ता कमल कृष्ण राय व चार अन्य की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याची का कहना था कि दुर्घटना के 40 घंटे बाद मृतकों व घायलों को एक वाहन में रखकर झारखंड भेजना अमानवीय घटना है. साथ ही घायलों को दूसरे राज्य में न भेजकर वहीं इलाज कराए जाने और उचित मुआवजा दिए जाने की सरकार को नीति बनाने का निर्देश दिया जाए. मृतकों के साथ सम्मान जनक मानवीय व्यवहार किया जाए.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने औरैया सड़क हादसे में घायलों को एक वाहन में रखकर झारखंड भेजने की खबर को लेकर दाखिल जनहित याचिका हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि जिलाधिकारी औरैया व राज्य सरकार ने इस संबंध में कदम उठाए हैं. याची इस मामले को उचित फोरम या सक्षम प्राधिकारी के समक्ष उठा सकता है.

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर और न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने अधिवक्ता कमल कृष्ण राय व चार अन्य की जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याची का कहना था कि दुर्घटना के 40 घंटे बाद मृतकों व घायलों को एक वाहन में रखकर झारखंड भेजना अमानवीय घटना है. साथ ही घायलों को दूसरे राज्य में न भेजकर वहीं इलाज कराए जाने और उचित मुआवजा दिए जाने की सरकार को नीति बनाने का निर्देश दिया जाए. मृतकों के साथ सम्मान जनक मानवीय व्यवहार किया जाए.

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