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सिर्फ वर्चुअल तरीके से ही होगी मुकदमों की सुनवाई - इलाहाबाद हाईकोर्ट

कोरोना संक्रमण की बढ़ती दर को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट ने सुनवाई के नियमों में बदलाव किया है.

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Published : Apr 26, 2021, 10:30 PM IST

प्रयागराजः कोरोना के प्रकोप को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की जिला अदालतों, अधिकरणों व परिवार न्यायालयों के लिए नई गाइड लाइन जारी की है. इसके तहत मुकदमों की सुनवाई अब सिर्फ वर्चुअल मोड से ही होगी. भौतिक रूप से उपस्थित होकर कोई मुकदमा नहीं सुना जाएगा. हाईकोर्ट ने वकीलों और वादकारियों, स्टाम्प वेंडर और एडवोकेट क्लर्क के अदालत परिसर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है.

इसे भी पढ़ेंः काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर 13 मई को होगी अगली सुनवाई

सिर्फ जरूरी मुकदमे
हाईकोर्ट ने‌ निर्देश दिया है कि सिर्फ फ्रेश जमानत, ‌अग्रिम जमानत, ‌रिमांड व अति आवश्यक मुकदमे ही सुने जाएंगे. इसके लिए एक या दो से अधिक न्यायिक अधिकारियों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी. ड्यूटी रोटेशन के आधार पर लगाई जाएगी. मुकदमे सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिला अदालत या न्यायिक अधिकारी के आवास से सुने जाएंगे. कर्मचारियों की ड्यूटी भी रोटेशन के आधार पर लगाई जाएगी. शेष मामलों के लिए पूर्व में जारी गाइड लाइन लागू रहेगी. इससे पूर्व हाईकोर्ट ने वर्चुअल और फिजिकल मोड से मुकदमों की सुनवाई की अनुमति दी थी, मगर संक्रमण की बढ़ती दर को देखते हुए इस आदेश को संशोधित कर दिया गया है.

प्रयागराजः कोरोना के प्रकोप को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की जिला अदालतों, अधिकरणों व परिवार न्यायालयों के लिए नई गाइड लाइन जारी की है. इसके तहत मुकदमों की सुनवाई अब सिर्फ वर्चुअल मोड से ही होगी. भौतिक रूप से उपस्थित होकर कोई मुकदमा नहीं सुना जाएगा. हाईकोर्ट ने वकीलों और वादकारियों, स्टाम्प वेंडर और एडवोकेट क्लर्क के अदालत परिसर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है.

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सिर्फ जरूरी मुकदमे
हाईकोर्ट ने‌ निर्देश दिया है कि सिर्फ फ्रेश जमानत, ‌अग्रिम जमानत, ‌रिमांड व अति आवश्यक मुकदमे ही सुने जाएंगे. इसके लिए एक या दो से अधिक न्यायिक अधिकारियों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी. ड्यूटी रोटेशन के आधार पर लगाई जाएगी. मुकदमे सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिला अदालत या न्यायिक अधिकारी के आवास से सुने जाएंगे. कर्मचारियों की ड्यूटी भी रोटेशन के आधार पर लगाई जाएगी. शेष मामलों के लिए पूर्व में जारी गाइड लाइन लागू रहेगी. इससे पूर्व हाईकोर्ट ने वर्चुअल और फिजिकल मोड से मुकदमों की सुनवाई की अनुमति दी थी, मगर संक्रमण की बढ़ती दर को देखते हुए इस आदेश को संशोधित कर दिया गया है.

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